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Rajasthan: ‘रोते घूमने से भाजपा की सीट नहीं आएगी’, ग्रामीणों ने जालौर में विकास रथ रोका, एलईडी टीवी बंद कराई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जालौर Published by: जालौर ब्यूरो Updated Mon, 15 Dec 2025 08:41 PM IST
सार

Jalore News: जालौर की आहोर विधानसभा के सांकरणा गांव में भाजपा सरकार की उपलब्धियों के प्रचार हेतु पहुंचे विकास रथ को ग्रामीणों ने रोक दिया। विकास कार्यों के अभाव का आरोप लगाते हुए एलईडी टीवी बंद कराई गई और रथ को वापस भेज दिया गया।
 

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Jalore News: Villagers stopped BJP's development chariot, switched off LED TVs, questioned development claims
अहोर विधानसभा में ग्रामीणों ने रोका भाजपा का विकास रथ - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जालौर जिले की आहोर विधानसभा के सांकरणा गांव में सोमवार सुबह उस समय माहौल गरमा गया, जब भाजपा सरकार की दो साल की उपलब्धियों का प्रचार करने पहुंचे विकास रथ को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। गांव में पहले से एकत्र ग्रामीणों ने रथ को आगे बढ़ने से रोक दिया और उस पर चल रही एलईडी टीवी को बंद करवा दिया। ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केवल प्रचार से विकास का अभाव नहीं छिपाया जा सकता।

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सरकार की दो साल की उपलब्धियों के प्रचार की थी योजना
राजस्थान में भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर 13 दिसंबर को जालौर कलेक्ट्रेट से प्रभारी मंत्री के.के. विश्नोई और विधानसभा मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने जिले की पांचों विधानसभा क्षेत्रों के लिए पांच विकास रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इन रथों का उद्देश्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करना था। इसी क्रम में सोमवार सुबह करीब 11 बजे विकास रथ सांकरणा गांव पहुंचा, जहां ग्रामीणों ने उसका विरोध किया।
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ग्रामीणों ने विकास कार्यों के अभाव का लगाया आरोप
ग्रामीणों का कहना था कि पिछले दो वर्षों में गांव में एक रुपये का भी विकास नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि न तो पानी की व्यवस्था सुधरी है और न ही बिजली व स्टाफ की समस्याओं का समाधान हुआ है। ग्रामीण खेतसिंह ने बताया कि सांकरणा में 10 से 15 दिन में एक बार ही पानी की आपूर्ति हो रही है और जलदाय विभाग में स्टाफ की भारी कमी है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।


 
‘वोट नहीं, जब तक दिखे नहीं जमीनी काम’
विरोध कर रहे ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चाहे मुख्यमंत्री भजनलाल आएं या क्षेत्रीय विधायक, जब तक जमीनी स्तर पर विकास कार्य नजर नहीं आएंगे, तब तक वे वोट देने के लिए तैयार नहीं होंगे। ग्रामीणों का कहना था कि रोते-घूमते प्रचार करने से भाजपा को आहोर विधानसभा की सीट नहीं मिलने वाली।

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करीब दो घंटे चली चर्चा, रथ लौटाया गया वापस
ग्रामीणों और विकास रथ में मौजूद प्रतिनिधियों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत और चर्चा चलती रही। अंततः ग्रामीणों के लगातार विरोध को देखते हुए विकास रथ को बिना गांव में घुमाए वापस भेज दिया गया। मौके पर आहोर थाना पुलिस भी पहुंची और समझाइश कर स्थिति को शांत बनाए रखा। इस दौरान किसी तरह का विवाद या झड़प नहीं हुई।
 
भीनमाल क्षेत्र में पंचायत समिति पुनर्गठन पर भी विरोध
इधर, जालौर जिले के भीनमाल क्षेत्र में पंचायत समिति पुनर्गठन को लेकर भी विरोध तेज होता नजर आ रहा है। मोदरान, सेरना और धानसा गांवों को भीनमाल पंचायत समिति से अलग कर जसवंतपुरा में जोड़ने के प्रस्ताव पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह निर्णय जनभावनाओं के खिलाफ है और इससे प्रशासनिक व सामाजिक समस्याएं बढ़ेंगी। हालात को देखते हुए भीनमाल डीएसपी शंकरलाल मंसूरिया सहित पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र में गश्त कर कानून-व्यवस्था बनाए रखी।

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