{"_id":"680e09ca17f5ae3d07085eb2","slug":"mothers-separated-from-their-children-no-permission-to-cross-over-appeal-made-to-both-governments-2025-04-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pahalgam Attack: बच्चों से दूर हुई माताएं, नहीं मिली उस पार जाने की अनुमति, दोनों देशों की सरकार से लगाई गुहार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Pahalgam Attack: बच्चों से दूर हुई माताएं, नहीं मिली उस पार जाने की अनुमति, दोनों देशों की सरकार से लगाई गुहार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जोधपुर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Sun, 27 Apr 2025 04:16 PM IST
विज्ञापन
सार
पहलगाम हमले के बाद बॉर्डर पर दोनों ही देश के नागरिकों को अपने-अपने वतन वापस भेजा जा रहा है, इस बीच जोधपुर की एक मां अपने बच्चों के पास नहीं जा पाई क्योंकि उसके पास भारत का पासपोर्ट था और पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

राजस्थान
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
अपने बच्चों से मिलने के लिए जोधपुर से पाकिस्तान जाने के लिए बाघा बॉर्डर पर गई महिलाओं को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें पुन: जोधपुर लौटना पड़ा। यहां पहुंचकर उन्होंने अपना दुख मीडिया के सामने जाहिर किया। महिलाओं का कहना है कि हमारे छोटे-छोटे बच्चे बॉर्डर के उस पार हैं लेकिन ब्लू पासपोर्ट होने के कारण उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई।

Trending Videos
ये भी पढ़ें: Jodhpur: पाक हिंदू विस्थापितों ने सरकार को कहा शुक्रिया; बोले- अब चैन की नींद आएगी, पहलगाम हमले से थे चिंतित
विज्ञापन
विज्ञापन
बॉर्डर से वापस जोधपुर पहुंचीं अफशिन जहांगीर ने बताया कि वे जोधपुर में रहती हैं और उनके छोटे-छोटे बच्चे बॉर्डर के उस पार हैं, जब पहलगाम हमला हुआ तो वे अपने ससुराल जाने के लिए बॉर्डर पर पहुंचीं लेकिन बॉर्डर पर उन्हें LOC पार करने की अनुमति नहीं मिली। अब वे भारत सरकार से गुहार कर रही हैं कि उन्हें और उनके जैसी अन्य मांओं को बॉर्डर पार जाने की अनुमति दी जाए।
उनके साथ खड़ी उनकी छोटी बहन नौरीन खान ने बताया कि उनकी बहनों की शादी पाकिस्तान में हुई है। वह भी बच्चों से मिलने पाकिस्तान जाना चाहती थी लेकिन बॉर्डर पर तैनात सैनिकों ने उन्हें एलओसी पार करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर तकरीबन 13 से 14 ऐसी मांएं थीं, जिन्हें अपने बच्चों के पास जाना था लेकिन उन्हें जाने की अनुमति नहीं मिली। इन सभी मांओं ने दोनों सरकारों से विनती की है कि वह इन्हें अपने बच्चों के पास पहुंचने की व्यवस्था करवाए।