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Rajasthan News: राजस्थान में पहली बार नदी के ऊपर बहेगी नहर, साथ दौड़ेंगे वाहन; जानिए क्या है 'एक्वाडक्ट तकनीक'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजस्थान
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Fri, 30 May 2025 06:03 PM IST
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सार
राजस्थान में नदियों की लिंक परियोजना के तहत चंबल नदी पर पानी ट्रांसपोर्ट करने का पुल तैयार किया जाएगा। राजस्थान में यह तकनीक पहली बार इस्तेमाल हो रही है। 2280 मीटर लम्बाई, 41.5 मीटर चौड़ाई वाला यह एक्वाडक्ट दो जिलों को आपस में जोड़ेगा।

एक्वाडक्ट तकनीक पुल की तैयारी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान के दो बड़े बांध बीसलपुर और इसरदा में रामगढ़ (कूल नदी), महलपुर (पार्वती नदी) और नवनेरा (कालीसिंध नदी) बैराज का पानी लाने के लिए सरकार एक्वाडक्ट तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है। इस तकनीक में नदी के ऊपर से नहर को निकाला जाएगा, इसके लिए एक पुल बनाया जाएगा जिसके जरिए नहर का पानी आगे जाएगा। इतना ही नहीं इस पुल के मध्यम से वाहन भी नदी को पार कर सकेंगे। यह पुल कोटा और बूंदी के दो गांवों को आपस में जोड़ेगा।

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निर्माण में 2300 करोड़ रुपये का खर्च
चंबल नदी पर पानी निकासी के लिए बनने वाले इस पुल की लंबाई 2280 मीटर, चौड़ाई लगभग 41.5 और ऊंचाई 7.7 मीटर होगी। इसे बनाने में करीब 2300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। चंबल घडियाल संरक्षित क्षेत्र होने के कारण इस प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) और वन विभाग की अनुमति की जरूरत थी, जो मिल चुकी है। मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह एक्वाडक्ट पानी ट्रांसपोर्ट करने के साथ-साथ कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर के बीच रोड कनेक्टिविटी भी देगा।
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भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक्वाडक्ट के निर्माण के लिए 24.05 हैक्टेयर वन भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। वहीं डक्ट का निर्माण करने वाली एजेंसी ने यहां कंस्ट्रक्शन साइट भी तैयार कर ली है। प्रोजेक्ट के लिए सर्वे और रिसर्च का काम पूरा किया जा चुका है। अब डिजाइन और ड्राइंग का काम अंतिम चरण में है।
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कोटा से बूंदी को जोड़ेगा पानी निकासी का पुल
एक्वाडक्ट का एक छोर कोटा के पीपल्दासमेल गांव और दूसरा छोर बूंदी के गुहाटा गांव से जुडे़गा। इससे कोटा की सुल्तानपुर तहसील के लोगों को बूंदी से गुजर रहे कोटा-सवाईमाधोपुर हाईवे से पक्की सड़क द्वारा एक अतिरिक्त मार्ग उपलब्ध होगा। साथ ही, परियोजना में नवनेरा बैराज से मेज एनिकट तक फीडर निर्माण की कार्रवाई को गति मिलेगी।

चंबल नदी पर एक्वाडक्ट का निर्माण
गौरतलब है कि प्रदेश के 17 जिलों को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली इस परियोजना पीकेसी-ईआरसीपी (रामजल सेतु लिंक परियोजना) के प्रथम चरण में पैकेज-2 के अंतर्गत चंबल नदी पर एक्वाडक्ट का निर्माण किया जा रहा है।