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Rajsamand: रॉयल्टी के बोझ से चरमराया मार्बल उद्योग, खदान मालिकों ने किया काम बंद, कल करेंगे कलेक्ट्री का घेराव

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजसमंद Published by: राजसमंद ब्यूरो Updated Mon, 18 Aug 2025 07:13 PM IST
सार

राज्य सरकार द्वारा मार्बल रॉयल्टी दरें बढ़ाने के विरोध में 18 दिनों से मार्बल खदानें बंद हैं। स्टोन इंडस्ट्री से जुड़ी सभी एसोसिएशन ने एकजुटता दिखाते हुए इस संबंध में 19 अगस्त को कलेक्ट्रेट के घेराव का निर्णय लिया है।
 

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Rajsamand: Royalty Hike Pushes Marble Industry to Brink, Quarry Owners Plan Collectorate Protest
मार्बल रॉयल्टी बढ़ाने के बाद 18 दिनों से मार्बल खदानें बंद
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विस्तार
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राजसमंद में राज्य सरकार द्वारा मार्बल पर रॉयल्टी बढ़ाए जाने के बाद उद्योग पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। 23 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन के तहत रॉयल्टी 320 प्रति टन से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई। इसके विरोध में खदान मालिकों ने 1 अगस्त से डिस्पैच पूरी तरह बंद कर दिया। आज 18वें दिन भी किसी भी प्रकार का मार्बल ब्लॉक लोड नहीं हुआ।

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मार्बल से जुड़े सभी एसोसिएशनों ने एकजुट होकर 19 अगस्त को कलेक्ट्रेट का घेराव करने का निर्णय लिया है। उनकी मांग है कि रॉयल्टी पूर्ववत की जाए अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस कड़ी में उद्योगपति अपने बिजली कनेक्शन तक डिस्कनेक्ट करवाने की चेतावनी दे चुके हैं।
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मार्बल माइंस एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव सिंह राठौड़ ने बताया कि तीन वर्षों से मंदी झेल रहे कारोबार पर 80 प्रति टन की अतिरिक्त मार से उद्योग ठप हो गया है। ऊपर से 18% जीएसटी ने संकट और गहरा दिया है। इससे लगभग 20,000 श्रमिकों के रोजगार पर सीधा असर पड़ा है, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से करीब 1 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। कई श्रमिक पहले ही पलायन कर चुके हैं।

एसोसिएशन के संरक्षक तनसुख बोहरा ने कहा कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। बढ़ी हुई रॉयल्टी की दरें वापस लेना ही इस उद्योग और उससे जुड़े लाखों परिवारों को बचा सकता है। इस समय लगभग 1000 ट्रक, जो लोडिंग का काम करते थे, पूरी तरह खड़े हैं। इसके कारण ड्राइवर, खलासी, ट्रांसपोर्ट मालिक और लोडिंग श्रमिक सभी इससे खासे प्रभावित हो रहे हैं।

 

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