राजस्थान के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की फीस में की गई बढ़ोतरी के विरोध में शनिवार को बालोतरा स्थित एमबीआर पीजी कॉलेज का माहौल तनावपूर्ण हो गया। फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे दो प्रमुख छात्र संगठनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी ने देखते ही देखते हाथापाई का रूप ले लिया। घटना के बाद कॉलेज परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, हालांकि समय रहते पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।
शनिवार सुबह करीब 11 बजे एबीवीपी और एनएसयूआई से जुड़े छात्र-छात्राएं फीस बढ़ोतरी के विरोध में एमबीआर पीजी कॉलेज के मुख्य गेट के बाहर एकत्र होना शुरू हो गए। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में छात्र परिसर के अंदर पहुंच गए और कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन के चलते कॉलेज का पूरा शैक्षणिक और प्रशासनिक स्टाफ परिसर के भीतर ही फंसा रहा। छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना छात्रों से संवाद किए अचानक फीस में भारी इजाफा कर दिया, जिससे खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
जसोल थाना अधिकारी के अनुसार, दोपहर करीब 11:40 बजे सूचना मिली कि बालोतरा पीजी कॉलेज में छात्र संगठनों के बीच झड़प हो गई है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस जांच में सामने आया कि फीस बढ़ोतरी के विरोध में दोनों छात्र संगठन अलग-अलग प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे, लेकिन एक ही स्थान पर जुटने के कारण आपसी बहस शुरू हो गई, जो बाद में धक्का-मुक्की और हाथापाई में बदल गई। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस झड़प में किसी भी छात्र को गंभीर चोट नहीं आई।
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने दोनों पक्षों के छात्रों को समझाइश दी और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की हिदायत दी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया गया और प्रदर्शन दोबारा शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा।
घटना को लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई, दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने एक-दूसरे पर माहौल बिगाड़ने और जबरन बहस शुरू करने के आरोप लगाए हैं। दोनों ही संगठनों का कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ फीस बढ़ोतरी के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराना था, लेकिन दूसरे पक्ष की उकसावे वाली हरकतों से स्थिति बिगड़ी।
छात्रों के प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पचपदरा तहसीलदार गोपी किशन भी दोपहर करीब 12:45 बजे कॉलेज पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बातचीत कर उनकी मांगों को सुना। छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें फीस वृद्धि के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। तहसीलदार गोपी किशन ने बताया कि छात्रों की मांगों को उच्च अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा, ताकि इस पर विचार किया जा सके।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आरोप लगाया कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय हर वर्ष फीस में बढ़ोतरी कर रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा हासिल करना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है। कई छात्रों का कहना है कि वे पहले ही आवास, किताबों और अन्य शैक्षणिक खर्चों से जूझ रहे हैं, ऐसे में बढ़ी हुई फीस भरना उनके लिए लगभग असंभव हो रहा है।
छात्रों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर वे एक दिन पहले भी विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंप चुके थे, लेकिन जब कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा।
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छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जल्द ही फीस वृद्धि के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो आंदोलन को और व्यापक और उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ फीस की नहीं, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के भविष्य की है।