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Udaipur News: मेवाड़ राजपरिवार में फिर गरमाया संपत्ति विवाद, अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को बेटी ने दी चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उदयपुर
Published by: उदयपुर ब्यूरो
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:16 PM IST
सार
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में एक बार भी संपत्ति विवाद सामने आया है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को उनकी बेटी पद्मजा कुमारी ने चुनौती दी है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 11 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
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उदयपुर राजपरिवार में फिर संपत्ति विवाद
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में वर्षों से चला आ रहा संपत्ति विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को लेकर उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और बेटी पद्मजा कुमारी परमार के बीच कानूनी टकराव सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में सुना जाएगा, जहां इसकी सुनवाई 11 जनवरी को निर्धारित की गई है।
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद का मामला एक बार फिर अदालतों में पहुंच गया है। अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत की वैधता को उनकी बेटी पद्मजा कुमारी परमार ने चुनौती दी है, जबकि बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ वर्तमान में परिवार के उत्तराधिकारी माने जाते हैं और एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के मालिक हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुसार दोनों पक्षों ने अलग-अलग हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर रखी थीं। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मुंबई हाईकोर्ट में लंबित मामलों को राजस्थान हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी, जबकि दूसरी ओर पद्मजा कुमारी परमार ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर बेंच में लंबित मामलों को बॉम्बे हाईकोर्ट स्थानांतरित करने का आग्रह किया था।
ये भी पढ़ें: Sawai Madhopur News: शावकों संग रणथंभौर दुर्ग के प्रवेश द्वार पर दिखी बाघिन रिद्धि, सैलानियों की सांसें थमीं
सभी मामलों की एकसाथ सुनवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इसके तहत अब 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि 3 नवंबर 1984 को भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद से ही मेवाड़ पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद गहराता चला गया। लंबे समय तक चली करीब 37 वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद वर्ष 2020 में उदयपुर की जिला अदालत ने विवादित संपत्तियों को चार हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। इसमें एक हिस्सा भगवत सिंह मेवाड़ के नाम और शेष तीन हिस्से उनकी संतानों के बीच बांटने के निर्देश दिए गए थे।
कोर्ट के फैसले तक अधिकांश संपत्तियां अरविंद सिंह मेवाड़ के कब्जे में रहीं, जबकि महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनकी बहन योगेश्वरी कुमारी को सीमित अधिकार मिले थे। अदालत ने शंभू निवास पैलेस, बड़ी पाल और घासघर जैसी संपत्तियों से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों पर भी तत्काल रोक लगा दी थी।
फिलहाल सभी की निगाहें दिल्ली हाईकोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हुई हैं, जहां अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को लेकर सुनवाई की जानी है।
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उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद का मामला एक बार फिर अदालतों में पहुंच गया है। अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत की वैधता को उनकी बेटी पद्मजा कुमारी परमार ने चुनौती दी है, जबकि बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ वर्तमान में परिवार के उत्तराधिकारी माने जाते हैं और एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के मालिक हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुसार दोनों पक्षों ने अलग-अलग हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर रखी थीं। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मुंबई हाईकोर्ट में लंबित मामलों को राजस्थान हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी, जबकि दूसरी ओर पद्मजा कुमारी परमार ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर बेंच में लंबित मामलों को बॉम्बे हाईकोर्ट स्थानांतरित करने का आग्रह किया था।
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सभी मामलों की एकसाथ सुनवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इसके तहत अब 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि 3 नवंबर 1984 को भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद से ही मेवाड़ पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद गहराता चला गया। लंबे समय तक चली करीब 37 वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद वर्ष 2020 में उदयपुर की जिला अदालत ने विवादित संपत्तियों को चार हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। इसमें एक हिस्सा भगवत सिंह मेवाड़ के नाम और शेष तीन हिस्से उनकी संतानों के बीच बांटने के निर्देश दिए गए थे।
कोर्ट के फैसले तक अधिकांश संपत्तियां अरविंद सिंह मेवाड़ के कब्जे में रहीं, जबकि महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनकी बहन योगेश्वरी कुमारी को सीमित अधिकार मिले थे। अदालत ने शंभू निवास पैलेस, बड़ी पाल और घासघर जैसी संपत्तियों से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों पर भी तत्काल रोक लगा दी थी।
फिलहाल सभी की निगाहें दिल्ली हाईकोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हुई हैं, जहां अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को लेकर सुनवाई की जानी है।