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Udaipur News: मैगनस हॉस्पिटल को सीएमएचओ का नोटिस, नए मरीजों की भर्ती पर लगाई रोक, 5 दिन में जवाब मांगा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उदयपुर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Mon, 08 Jul 2024 07:59 AM IST
सार
उदयपुर सीएमएचओ ने शहर के मीरा नगर में स्थित मैगनस अस्पताल के प्रबंधक को नोटिस जारी करते हुए नए मरीजों की भर्ती पर अस्थाई रोक लगाते हुए पांच दिन में नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिए हैं। पिछले दिनों यहां भर्ती एक बच्चे के इलाज में लापरवाही के चलते अस्पताल को यह नोटिस दिया गया है।
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राजस्थान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकरलाल बामनिया ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए शहर के भुवाणा क्षेत्र के मीरा नगर स्थित मैगनस हॉस्पिटल के प्रबंधक को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में अस्पताल में नवीन मरीजों की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से अस्थाई रोक लगाई है एवं जांच कमेटी की रिपोर्ट के संबंध में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकरलाल बामनिया ने बताया कि जिला कलेक्टर एवं जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद पोसवाल द्वारा गत दिनों श्रीमती अपूर्वा जोशी पत्नी श्री योगेश जोशी के पुत्र के इलाज में कथित घोर लापरवाही बरतने के आरोप में एक जांच कमेटी गठित की गई थी। इस जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के संबंध में हॉस्पिटल के प्रबंधक से अपना प्रत्युत्तर देने के लिए कहा गया है।
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उन्होंने बताया कि बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर बच्चे के माता-पिता ने जिला कलेक्टर को एक शिकायती पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अस्पताल की लापरवाही के कारण बच्चे की दोनों आंखों की रोशनी जाने का जिक्र किया था। सतर्कता समिति में दर्ज इस शिकायत के संबंध में गठित जांच कमेटी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा है कि अस्पताल के इस कृत्य से चिकित्सा विभाग की छवि धूमिल हुई है एवं आम जनता पर उनके हॉस्पिटल की कार्यप्रणाली में गैर जिम्मेदारपूर्ण रवैया एवं इलाज में कथित घोर लापरवाही प्रदर्शित हुई है, जिससे प्रार्थी एवं आमजन में विपरीत प्रभाव पड़ा है।
सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने जांच कमेटी द्वारा अपनी जांच में पाए गए तथ्यों पर 4 बिन्दुओं में दी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि जांच कमेटी के तथ्यों से ज्ञात होता है कि उनके द्वारा चिकित्सालय में मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ एवं इलाज में गंभीर लापरवाही की जा रही है, ऐसे में क्यों नहीं उनके विरुद्ध नैदानिक स्थापना (रजिस्ट्रीकरण और विनियम) अधिनियम 2010 के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की जाए?
उन्होंने इस संबंध में नोटिस जारी करते हुए जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण की आगामी बैठक में अंतिम निर्णय होने तक अस्पताल में पूर्व में भर्ती मरीजों का इलाज जारी रखते हुए नए मरीजों की भर्ती पर नोटिस प्राप्ति की दिनांक से तुरंत प्रभाव से अस्थाई रोक लगा दी है। साथ ही निर्देशित किया है कि जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण द्वारा अनुमति के पश्चात ही नए रोगियों की भर्ती प्रारंभ करेंगे। उन्होंने नोटिस में कहा है कि इस संदर्भ में यदि वे कोई जवाब रखते हों तो आगामी पांच कार्यदिवस में अपना जवाब मय दस्तावेज प्रस्तुत करें।