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Himachal News: सांसद अनुराग ठाकुर बोले- अमेरिकी सेब पर टैरिफ घटा तो प्रभावित होगा हिमाचल
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Mon, 07 Jul 2025 05:07 PM IST
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सार
अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अमेरिका से आयात किए जाने वाले सेब पर अनुमानित टैरिफ कटौती पर प्रदेश के सेब बागवानों की चिंता को उठाते हुए किसानों की हरसंभव मदद का आग्रह किया है।

सांसद अनुराग सिंह ठाकुर
- फोटो : संवाद
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विस्तार
पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि अगर अमेरिकी सेब के आयात पर टैरिफ घटता है तो इसका असर हिमाचल के बागवानों पर पड़ेगा। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।

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अनुराग ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अमेरिका से आयात किए जाने वाले सेब पर संभावित टैरिफ कटौती पर हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों की चिंता को उठाया और हरसंभव मदद का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैं आपसे आग्रह करना चाहूंगा कि अमेरिका के संबंधित अधिकारियों के साथ टैरिफ कटौती पर बातचीत करते समय इन बागवानों और सेब की खेती से आजीविका चलाने वालों के संकट और हितों पर विचार करें।
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अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि देश में सेब उत्पादन में हिमाचल का प्रमुख स्थान है। हिमाचल इसमें लगभग 25 फीसदी का योगदान देता है, जो सालाना लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन है और वित्तीय दृष्टि से लगभग 5,000 करोड़ रुपये है। हिमाचल के अधिकांश सेब बागवान 5 से 10 बीघा के बीच की छोटी भूमि जोत पर काम करते हैं और सेब की खेती को अपनी आय का मुख्य स्रोत मानते हैं। हिमाचल प्रदेश के सेब किसान अमेरिका से आयात किए जाने वाले सेब पर अनुमानित टैरिफ कटौती को लेकर चिंतित हैं। भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार चर्चाओं को देखते हुए, इन किसानों को आशंका है कि किसी भी टैरिफ कटौती से उनकी आजीविका पर सीधा और व्यापक असर पड़ेगा।
वर्तमान में, अमेरिका से आयातित सेब की रेड डिलीशियस किस्म पहले से ही हिमाचल प्रदेश के सेब बाजार को प्रभावित कर रही है। भारत में उगाए जाने वाले सेब की तुलना में कई संघीय सहायता कार्यक्रमों के कारण इस सेब की उत्पादन लागत अमेरिका में कम है। टैरिफ में और कमी न्यूजीलैंड, चिली आदि जैसे अन्य देशों से आयातित सेब की कीमतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। इससे हिमाचल के सेब के उत्पादन और विपणन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। भारत में सेब उगाने वाले राज्यों, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में कृषि मजदूर आदि के रूप में लगे लाखों लोगों की आजीविका भी प्रभावित होगी।
वर्तमान में, अमेरिका से आयातित सेब की रेड डिलीशियस किस्म पहले से ही हिमाचल प्रदेश के सेब बाजार को प्रभावित कर रही है। भारत में उगाए जाने वाले सेब की तुलना में कई संघीय सहायता कार्यक्रमों के कारण इस सेब की उत्पादन लागत अमेरिका में कम है। टैरिफ में और कमी न्यूजीलैंड, चिली आदि जैसे अन्य देशों से आयातित सेब की कीमतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। इससे हिमाचल के सेब के उत्पादन और विपणन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। भारत में सेब उगाने वाले राज्यों, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में कृषि मजदूर आदि के रूप में लगे लाखों लोगों की आजीविका भी प्रभावित होगी।