सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   Central team reached Mandi to assess the damage caused by the disaster, took stock in Dharampur area

Himachal News: धर्मपुर पहुंची केंद्रीय टीम, प्रभावित बोले-न घर बचे न जमीन, फिर से बसा दो हमारा गांव

संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मपुर (मंडी) Published by: Krishan Singh Updated Sat, 19 Jul 2025 09:11 PM IST
विज्ञापन
सार

केंद्रीय दल के सदस्यों ने स्याठी गांव, धर्मपुर कॉलेज के पास क्षतिग्रस्त सड़क, कांडापतन में क्षतिग्रस्त पेयजल योजना, क्षतिग्रस्त 33 केवी पावर प्लांट सहित अन्य प्रभावित स्थलों का दौरा किया।

Central team reached Mandi to assess the damage caused by the disaster, took stock in Dharampur area
केंद्रीय दल ने धर्मपुर क्षेत्र में लिया नुकसान का जायजा। - फोटो : संवाद
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बरसात में बारिश और भूस्खलन आदि के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए शनिवार को केंद्रीय दल धर्मपुर पहुंचा। सात सदस्यीय दल ने धर्मपुर क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान आपदा प्रभावितों का दर्द छलक उठा। बोले-आपदा में न घर बचे, न जमीन, हमारा गांव फिर से बसा दो। केंद्रीय दल के सदस्यों ने स्याठी गांव, धर्मपुर कॉलेज के पास क्षतिग्रस्त सड़क, कांढापत्तन में क्षतिग्रस्त पेयजल योजना, क्षतिग्रस्त 33 केवी पावर प्लांट सहित अन्य प्रभावित स्थलों का दौरा किया। केंद्रीय दल जायजा लेने के बाद अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौपेंगा। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र की तरफ से प्रदेश को वित्तीय सहायता मिल सकती है।

loader
Trending Videos

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने केंद्रीय दल को धर्मपुर क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में अब तक किए गए राहत एवं पुनर्वास कार्यों के बारे में भी अवगत करवाया। स्थानीय विधायक चंद्रशेखर ने ध्वाली किसान भवन में केंद्रीय दल से क्षेत्र में हुए नुकसान पर चर्चा की। केंद्रीय दल में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (सीएस एवं पब्लिक, न्यायिक) जी पार्थसारथी, वित्त मंत्रालय के अधीन व्यय विभाग के उप सचिव (एफसीडी) कंदर्प वी पटेल, जल शक्ति मंत्रालय के तहत सीडब्ल्यूसी शिमला के निदेशक वसीम अशरफ, ऊर्जा मंत्रालय के तहत सीईए के उपनिदेशक करन सरीन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय शिमला के मुख्य अभियंता एके कुशवाहा, ग्रामीण विकास मंत्रालय से अवर सचिव दीप शेखर सिंघल तथा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के तहत गेहूं विकास निदेशालय में संयुक्त निदेशक डाॅ. विक्रांत सिंह शामिल हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डाॅ. मदन कुमार, एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल, एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन

आज आपदा प्रभावित थुनाग, जंजैहली और करसोग जाएगी टीम
केंद्रीय दल 20 जुलाई को थुनाग, जंजैहली और करसोग इत्यादि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा। यह टीम अब 21 जुलाई तक प्रदेश के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। मौके पर जाकर राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण की आवश्यकताओं की रिपोर्ट तैयार करेगी। टीम के सदस्यों ने बताया कि दौरे के बाद एक संयुक्त रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर पुनर्निर्माण और राहत कार्यों के लिए आर्थिक सहायता पर निर्णय होगा।

आपदा रिपोर्ट लेकर दिल्ली में शाह से मिलूंगा: जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा से हुए नुकसान के मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट लेकर वह दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री समेत सभी प्रमुख नेताओं से मिलेंगे। हिमाचल के लिए जल्द उदार वित्तीय मदद का आग्रह करेंगे। कहा कि मंडी के चार विधानसभा क्षेत्रों नाचन, सराज धर्मपुर और करसोग में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके लिए वह स्वयं दिल्ली जाकर इन क्षेत्रों के नुकसान की भरपाई के लिए एरिया स्पेसिफिक प्रोजेक्ट बनाने का अनुरोध केंद्र सरकार से करेंगे।
 

कहा कि 30 जून की त्रासदी ने इलाके को 30 साल पीछे धकेल दिया है। हमने जहां से विकास की यह यात्रा शुरू की थी, आपदा ने हमें फिर वहीं पहुंचा दिया है। त्रासदी से हुए नुकसान का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, इसकी भरपाई तो बहुत दूर की बात है। हम हौसला नहीं हारेंगे। दिन-रात एक कर देंगे और फिर उससे बेहतर हालात बनाएंगे।  शनिवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदाग्रस्त छतरी के इलाकों का दौरा कर प्रभावितों से मिले और उनका दुख दर्द बांटा। छतरी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों को देख नेता प्रतिपक्ष बेहद भावुक होते हुए बोले कि आज से 30 साल पहले जब यहां आए थे तो नदी-नालों पर पुल नहीं थे। हमें डिफी (लकड़ी के अस्थायी पुल) के जरिये आना-जाना पड़ता था। 30 साल इस इलाके को संवारा। त्रासदी में पुल बह गए हैं। आज 30 साल बाद फिर से डिफी के जरिये ही यहां आना पड़ा। कहा कि छतरी इलाके में सेब की फसल पूरी तरह से तैयार है। लोग इससे मंडियों तक पहुंचाने की योजना बना रहे थे। आपदा आ गई। अब सड़कें बंद हैं। प्रशासन का फोकस अभी मुख्य सड़कों की बहाली पर ही है। जब तक सभी संपर्क सड़कें सही नहीं होंगी, तब तक सेब मंडियों तक नहीं पहुंच पाएंगे। 
 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed