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Cloud Burst Incidents HP: हिमाचल में तीन साल में हुईं बादल फटने की 29 घटनाएं, मंत्री विधानसभा में दी जानकारी
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Fri, 12 Aug 2022 08:01 PM IST
सार
प्रदेश में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सरकार अध्ययन करेगी। विधायक रमेश धवाला के सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग और पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग इसके लिए योजना तैयार करेंगे।
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बादल फटने तबाही(फाइल)
- फोटो : संवाद
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश में तीन साल में बादल फटने की 29 घटनाएं हुई हैं। हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना में बादल फटने की कोई घटना नहीं हुई है। राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने यह जानकारी विधायक रमेश चंद धवाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। कहा कि लगातार बादल फटने की घटनाओं को लेकर उच्च स्तरीय संस्था से अध्ययन करवाने पर विचार किया जा रहा है। बिलासपुर में बकरियां, भैंस, किन्नौर में लोगों की फसलों और सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है। कुल्लू में 4 लोगों की मृत्यु, घर, घराट और ढाबों को नुकसान हुआ है।
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लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं पर अध्ययन करेगी सरकार
प्रदेश में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सरकार अध्ययन करेगी। विधायक रमेश धवाला के सवाल के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग और पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग इसके लिए योजना तैयार करेंगे। फ्रांस विकास संस्था के सहयोग से पूर्व चेतावनी, प्रतिक्रिया प्रणाली, शोध एवं अध्ययन किया जाएगा। इसमें बादल फटने की घटनाओं पर भी अध्ययन किया जाएगा। इस कार्य में विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा। आपदा प्रबंधन, राजस्व विभाग प्रदेश में तीन स्थानों पर डॉप्लर रडार स्थापित करने की प्रक्रिया में है। 61 स्थानों पर स्वचालित मौसम यंत्र स्थापित करने की भी योजना है।
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बादल फटने से सलूणी में करोड़ों का नुकसान
जिला चंबा की सलूणी तहसील के किहार और अन्य जगह 7 और 8 अगस्त हो बादल फटने से जान-माल का नुकसान हुआ है। शुक्रवार को सदन में विधायक आशा कुमारी की ओर से लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि 36 सड़कें टूटी हैं। कई ट्रांसफार्मर और पेयजल स्कीमें बंद हैं। इन्हें बहाल करने के लिए दिन-रात काम चलेगा। लोगों को भवन निर्माण के लिए टीडी लकड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। बादल फटने से भूमि कटाव हुआ है। दीवारें और डंगे लगाने के लिए मनरेगा में स्पेशल शेल्फ डाली जाएगी। बादल फटने से शिमला, कुल्लू, मनाली, सिरमौर, चंबा, कांगड़ा आदि जिलों में भारी नुकसान हुआ है। महेंद्र सिंह ने कहा कि किहार, डांड, फिछला, डियूर, सूंरी, कंधवारा में ज्यादा नुकसान हुआ है।
एक युवक की मौत हुई है। मृतक के परिवार को 25,000 रुपये राहत दी गई है। तीन मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। छह लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। 10,000 रुपये प्रति मकान मालिक को राशि दी गई है। आंशिक रूप से 20 क्षतिग्रस्त मकानों का अनुमानित नुकसान 14 लाख 35 हजार लगाया गया है। इन लोगों को 97 हजार की राशि उपलब्ध कराई है। दुकानों, घराट, वाहनों को नुकसान पहुंचा है। कुल 49 करोड़ 25 लाख रुपये का अनुमानित नुकसान है। लोगों को 1 करोड़ 52 लाख की राशि दी गई है। विधायक आशा ने उचित मुआवजा देने के साथ जिन लोगों के घराट ध्वस्त हुए हैं, उन्हें इलेक्ट्रिक गेहूं व मक्की पिसाई मशीनें देने की मांग की। महेंद्र सिंह ने कहा कि प्रभावित लोगों को जल्द बिजली से चलने वाली चक्की के लिए जल्द बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। क्षतिग्रस्त भवन पहले अनसेफ घोषित किए जाएंगे, उसके बाद राशि दी जाएगी।
शिमला, धर्मशाला स्मार्ट सिटी के लिए राशि जारी
शिमला और धर्मशाला नगर निगम स्मार्ट सिटी में विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने राशि जारी की है। शिमला स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली परियोजनाओं के लिए 136.00 करोड़, जबकि धर्मशाला स्मार्ट सिटी में विकास कार्यों के लिए 46.50 करोड़ की राशि जारी की गई है। इसमें प्रशासनिक और परिचालन की राशि 2.50 करोड़ है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह जानकारी विधायक रमेश धवाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।