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Shimla News: कुत्तों के आतंक पर सीएम सुक्खू सख्त, सचिव को कहा- डाॅक्टर भेजो या खुद नसबंदी करो
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: शिमला ब्यूरो
Updated Tue, 13 May 2025 10:31 AM IST
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सार
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को राजधानी में लावारिस कुत्तों की नसबंदी को लेकर पशुपालन विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

शेर-ए-पंजाब के पास सैलानी को कुत्ते ने काटा।
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
शिमला शहरवासियों को लावारिस कुत्तों के बढ़ते हमलों से जल्द राहत मिलने की उम्मीद बंधी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को राजधानी में लावारिस कुत्तों की नसबंदी को लेकर पशुपालन विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं। विभाग को कुत्तों की नसबंदी के लिए नगर निगम में डॉक्टर तैनात करने और खुद अपने केंद्रों पर भी नसबंदी शुरू करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस मामले को लेकर नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान और आयुक्त भूपेंद्र अत्री सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिले थे।
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महापौर ने बताया कि शिमला शहर में लावारिस कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है। वहीं, निगम में इनकी नसबंदी के लिए डॉक्टर तक नहीं है। जो एक डॉक्टर था, उसका पशुपालन विभाग ने तबादला कर दिया। अब मजबूरन एक निजी संस्था को यह काम देना पड़ा है। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत पशुपालन विभाग के सचिव को फोन लगाया। उन्होंने पूछा कि शहर में लावारिस कुत्तों की नसबंदी के लिए डॉक्टर क्यों नहीं भेजे हैं। यहां से डॉक्टर का तबादला क्यों किया गया। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग या तो नगर निगम में वेटरनरी डॉक्टर भेजे या फिर अपने केंद्रों पर खुद नसबंदी करे। नगर निगम इन केंद्रों तक लावारिस कुत्ते पहुंचाकर देगा।
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दो माह में सभी कुत्तों की नसबंदी का टारगेट
महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभाग के सचिव को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। नगर निगम भी अपने स्तर पर संस्था के जरिये मंगलवार से इस काम को शुरू करने जा रहा है। शहर में सभी लावारिस कुत्तों की गणना होगी। किस वार्ड में इनकी कितनी संख्या है, इसका आंकड़ा भी तैयार होगा। साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि नियमानुसार सभी कुत्तों की दो माह के भीतर नसबंदी प्रक्रिया पूरी की जाए। इससे आने वाले समय में कुत्तों का आंकड़ा घटने लगेगा। लोगों को राहत मिल सकेगी।
महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभाग के सचिव को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। नगर निगम भी अपने स्तर पर संस्था के जरिये मंगलवार से इस काम को शुरू करने जा रहा है। शहर में सभी लावारिस कुत्तों की गणना होगी। किस वार्ड में इनकी कितनी संख्या है, इसका आंकड़ा भी तैयार होगा। साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि नियमानुसार सभी कुत्तों की दो माह के भीतर नसबंदी प्रक्रिया पूरी की जाए। इससे आने वाले समय में कुत्तों का आंकड़ा घटने लगेगा। लोगों को राहत मिल सकेगी।
शहर में ढाई हजार से ज्यादा कुत्ते, रोज 5 लोगों पर हमले
नगर निगम के अनुसार शहर में लावारिस कुत्तों की अनुमानित संख्या करीब 2500 है। शहर में हर माह इनके काटने के 150 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह हर रोज औसतन पांच लोग इनके हमले से लहूलुहान हो रहे हैं। डॉग रूल्स के अनुसार लावारिस कुत्तों को उठाकर कहीं बंद नहीं किया जा सकता। नसबंदी के लिए उठाए कुत्तों को भी ऑपरेशन के बाद उसी जगह छोड़ना पड़ता है जहां से इन्हें पकड़ा गया हो। नियमानुसार कुत्तों को एक क्षेत्र से उठाकर दूसरे क्षेत्र में नहीं छोड़ सकते, इससे इनकी आपस में लड़ाई बढ़ सकती है। ऐसे में सिर्फ नसबंदी ही इनकी संख्या कम करने का विकल्प है।
नगर निगम के अनुसार शहर में लावारिस कुत्तों की अनुमानित संख्या करीब 2500 है। शहर में हर माह इनके काटने के 150 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह हर रोज औसतन पांच लोग इनके हमले से लहूलुहान हो रहे हैं। डॉग रूल्स के अनुसार लावारिस कुत्तों को उठाकर कहीं बंद नहीं किया जा सकता। नसबंदी के लिए उठाए कुत्तों को भी ऑपरेशन के बाद उसी जगह छोड़ना पड़ता है जहां से इन्हें पकड़ा गया हो। नियमानुसार कुत्तों को एक क्षेत्र से उठाकर दूसरे क्षेत्र में नहीं छोड़ सकते, इससे इनकी आपस में लड़ाई बढ़ सकती है। ऐसे में सिर्फ नसबंदी ही इनकी संख्या कम करने का विकल्प है।