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आंखों देखी: धर्मपुर में चौकीदार हेमराज ने करीब से देखी मौत, गले तक पहुंचा था पानी

संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मपुर (मंडी)। Published by: Krishan Singh Updated Thu, 18 Sep 2025 12:13 PM IST
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सार

एचआरटीसी का चौकीदार बस अड्डे में एक बस में ही सोया था जबकि चालक व परिचालक रेस्ट रूम में थे। अचानक जब पानी बस में भर गया तो उसकी नींद खुली।

Eyewitness: Dharampur watchman Hemraj witnessed death up close, flood water reached his throat,
धर्मपुर में बाढ़ का कहर, वाहन तिनके की तरह बहे, क्षतिग्रस्त हुईं एचआरटीसी बसें। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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सोमवार रात को सोन खड्ड में आई बाढ़ के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) के चौकीदार हेमराज ने मौत को बेहद करीब से देखा। वह पानी में फंस गया और पानी गले तक पहुंच गया था। यदि जरा सा भी जलस्तर बढ़ता तो मौत तय थी। एचआरटीसी का चौकीदार बस अड्डे में एक बस में ही सोया था जबकि चालक व परिचालक रेस्ट रूम में थे। अचानक जब पानी बस में भर गया तो उसकी नींद खुली। नींद खुलने के बाद वह हक्का-बक्का रह गया। मोबाइल भी बंद हो गया और चालक-परिचालक संपर्क साधते रहे लेकिन जब वह सुरक्षित निकल आया तो सब दंग रह गए।

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चौकीदार हेम राज ने बताया कि जलस्तर इतनी जल्दी बढ़ा कि उसे संभलने का मौका ही नहीं मिला। पानी बढ़ता देख वह आनन फानन में बस की छत पर चढ़ गया लेकिन पानी उसके गले तक पहुंच गया। आंखों के सामने मौत देखकर वह घबरा गया लेकिन उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। जिस बस में वह चढ़ा था, वह बही नहीं बल्कि खड़ी रही। तेज बहाव दूसरी बसों को अपने साथ बहा ले गया लेकिन उसकी बस खड़ी रही। जलस्तर उतरने लगा तो उसने राहत की सांस ली और अपने साथियों से मिला।

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अधिशासी अभियंता तीसरी मंजिल पर पहुंचे
बाढ़ के कहर में बिजली बोर्ड के अधिशासी अभियंता परिवार सहित फंस गए। आवास की पहली मंजिल डूबने पर वह आनन फानन में तीसरी मंजिल को चढ़ गए। उनके साथ पत्नी, दो बच्चे व माता-पिता भी फंसे रहे। अधिशासी अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि सोमवार रात का मंजर वह जिंदगी में कभी नहीं भूल सकते हैं। पूरा परिवार साथ था और बढ़ते पानी को देखकर चीख पुकार मच गई। बच्चों व परिजनों को लेकर छत पर जाने के सिवा कोई दूसरी जगह उपलब्ध नहीं थी। यहीं से तबाही का मंजर देखा और अपने परिवार व सबकी सुरक्षा की कामना की की

चौकसी से बची कई जानें, वाहन भी बांधे
पुराना धर्मपुर निवासी ठेकेदार बलवंत शर्मा ने भी सोमवार रात बाढ़ के कहर से बचने के लिए खूब जद्दोजहद की और अपने परिवार को सुरक्षित बचाया। उनकी चौकस से कई जानें बच गईं अन्यथा पूरा परिवार बह सकता था। बलवंत शर्मा ने बताया कि सोन खड्ड व ग्रैंड नाला में इतना अधिक पानी आज दिन तक नहीं देखा। जलस्तर एकदम बढ़ा और इससे संभलने का मौका किसी को नहीं लगा। जलस्तर बढ़ने लगा तो परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले गए जबकि वाहनों को रस्सियों के सहारे बांध दिया। वाहन पानी के बहाव में बहना शुरू हो गए थे। देखते ही देखते ही घर की निचली मंजिल में पानी भर गया। जब जल स्तर उतरा तो वह अपने घर पहुंचे और तबाही का मंजर देखा।

घर की छत पर चढ़कर बचाई जान, आंखों के सामने बह गए कार और चालक
बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर रहने वाले जयपाल ने सोमवार रात दहशत के बीच गुजारी। खुद के साथ परिजनों की जान पर बन आई तो घर की छत पर जाने के सिवा कुछ नहीं बचा। जयपाल ने बताया कि जलस्तर इतना अधिक बढ़ गया कि उनके घर की पहली मंजिल पूरी डूब गई तो वह ऊपरी मंजिल पर चले गए। बीमार पिता को भी जैसे-कैसे ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट किया। पत्नी व दो बच्चे भी बाढ़ के कहर में फंस गए। घर में ही डटे रहे। जयपाल ने बताया कि छपाणू की तरफ एक कार आती हुई नजर आई। उन्होंने चीख पुकार भी की लेकिन कार चालक समझ नहीं पाया और जलस्तर इतना अधिक था कि वह चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाया। उनकी आंखों के सामने चंद सेकेंड में ही कार चालक सहित बह गई।

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