हिमाचल: अदालत में 10 साल चला केस, प्रभावितों को अब 24 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश
जिला न्यायाधीश दविंदर कुमार ने लोक निर्माण विभाग को भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत प्रभावित भूमि मालिकों को 24,01,316 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए हैं।

विस्तार
भूमि प्रभावितों को करीब 10 साल के लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला है। जिला न्यायाधीश दविंदर कुमार ने लोक निर्माण विभाग को भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत प्रभावित भूमि मालिकों को 24,01,316 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने तीनों याचिकाकर्ताओं को निर्णय की तिथि यानी जुलाई 2015 तक 15 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भी हकदार माना है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि कलेक्टर सिर्फ निर्णय की तिथि तक ही ब्याज देने के लिए सक्षम हैं।

दरअसल वर्ष 2009-10 में शिमला ग्रामीण के तहसील धामी के बंजन-घाटी-चनावग और शनानघाटी-डार्गी-मचेरियाणा संपर्क मार्ग निर्माण के लिए स्थानीय लोगों की भूमि अधिग्रहित की गई। फरवरी 2012 में मुआवजे के लिए पुरस्कार राशि पारित की गई। प्रतिवादी लोक निर्माण विभाग और भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने सड़क के निर्माण के लिए याचिकाकर्ताओं के समक्ष भूमि अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखा। बाद में सड़क निर्माण के लिए याचिकाकर्ताओं की भूमि अधिग्रहित की गई थी।
इसी दौरान जुलाई 2015 में प्रतिवादी ने अधिग्रहित भूमि मुआवजा के लिए अवार्ड पारित किया। लेकिन इसके विरुद्ध याचिकाकर्ता प्रेम लाल, लायक राम, मुंशी राम, टेक चंद, इंद्र सिंह, ईश्वर सिंह और खेम राम ने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 21 नियम 11 के तहत पुरस्कार के निष्पादन के लिए याचिका दायर की। अदालत ने उपरोक्त मुद्दों पर निष्कर्षों के मद्देनजर निष्पादन याचिकाओं को स्वीकार किया है। अदालत ने प्रेम लाल, लायक राम को 7,21,630, मुंशी राम, टेक चंद, इंद्र सिंह और ईश्वर सिंह को 12,66,211 और खेमराज को 4,13,475 की राशि का भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
अदालत ने लोनिवि को तहसील कोटखाई निवासी याचिकाकर्ता सीता राम, श्यामा, शांति, मेहर सिंह, राजिंदर, रमेश चंद और पुष्पा देवी को 5,48,328 और परवीन, मोहम्मद लतीफ, अशरफ अली, रजिया और रियाज अहमद को 1,21,310 रुपये की राशि का भुगतान करने के भी आदेश दिए हैं। दरअसल साल 2010 में चंद्रनगर-हलाइला संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए याचिकाकर्ताओं की भूमि को अधिग्रहित किया था लेकिन बाद में याचिकाकर्ताओं ने मुआवजे में वृद्धि के लिए संदर्भ याचिका दायर की है। 45 दिन में आदेश की पालना करनी होगी।