हिमाचल: हाईकोर्ट ने एसपीयू को दिए जेओए आईटी रिजस्ट घोषित करने के आदेश, तीन साल पहले हुई थी परीक्षा
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी को आदेश दिए हैं कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट सूचना प्रौद्योगिकी (जेओए आईटी) की आयोजित भर्ती परीक्षा 7 सितंबर 2022 के परिणाम को तुरंत घोषित किया जाए।

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी को आदेश दिए हैं कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट सूचना प्रौद्योगिकी (जेओए आईटी) की आयोजित भर्ती परीक्षा 7 सितंबर 2022 के परिणाम को तुरंत घोषित किया जाए। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त निकाय है। उसे परिणाम घोषित करने के लिए राज्य सरकार से पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है। पटेल विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार के 26 दिसंबर 2022 के एक पत्र के कारण परिणाम को होल्ड पर रखा गया था। अदालत ने कहा कि सितंबर 2022 को जारी विज्ञापन के बाद 20 अक्तूबर 2022 को परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 7640 उम्मीदवारों ने भाग लिया था। परीक्षा संपन्न हए 3 साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन बिना किसी ठोस कारणों से परिणाम को घोषित नहीं किया जा रहा है।

अदालत में 22 अगस्त को विश्वविद्यालय से जवाब दाखिल करने के आदेश दिए थे। सोमवार को सुनवाई में विश्वविद्यालय ने अपना जवाब दाखिल किया जिसमें बताया गया कि परिणाम तैयार है और इसे घोषित किया जा सकता है। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। राज्य सरकार ने 11 सितंबर को एक संचार के माध्यम से मामले को कुछ समय के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था ताकि सक्षम प्राधिकारी अंतिम निर्णय ले सके। याचिका में अदालत से मांग की गई थी कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय ने 7 सितंबर 2022 को विज्ञापन संख्या 7/2022 के तहत 25 जेओए (आईटी) पदों को भरने के लिए अनुबंध के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन परीक्षा आयोजित होने के 3 साल बीत जाने के बावजूद अभी तक परिणाम घोषित नहीं किए गए, इसी को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उन्होंने अदालत से परिणाम को घोषित करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर दिया।
हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के मामले में कल होगी सुनवाई
सिरमौर जिले के गिरीपार के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर जारी अधिसूचना पर अब 17 सितंबर को सुनवाई होगी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सोमवार को हाटी समुदाय के मामले पर सुनवाई हुई। गुर्जर समाज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देते समय संवैधानिक कानून का पालन नहीं किया गया। जिन मापदंडों के तहत एसटी का दर्जा दिया जाता है, केंद्र सरकार ने उसे मामला 2 दरकिनार करते हुए कानून बना लिया। गुर्जर समुदाय की किया जा रहा है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है। सिरमौर जिले के गिरीपार के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर जारी अधिसूचना पर हिमाचल हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं।