Himachal Disaster : आपदा में प्रभावितों की नजरें ढूंढती रही सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्रियों ने संभाला मोर्चा
अपनों की खैर पूछने के लिए वह इस आपदा में एक बार ही मंडी पहुंच पाई हैं। चुनाव के दौरान कंगना ने मंडयाली बोली में खुद को मंडी की बेटी बताते हुए हर वक्त जनता के लिए उपलब्ध रहने की बातें कही थीं, लेकिन अब वह ढूंढे नहीं मिल पा रही हैं। पढ़ें पूरी खबर...

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आपदा से जूझ रहे मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद कंगना रणौत ने दूरी बनाई हुई है। अपनों की खैर पूछने के लिए वह इस आपदा में एक बार ही मंडी पहुंच पाई हैं। आपदा के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में अपनी मौजूदगी भी पेश नहीं कर पाई हैं। केंद्र सरकार के मंत्री आपदा के बीच सक्रिय नजर आए। इससे अंदरखाते भाजपा नेताओं समेत पदाधिकारियों में भी रोष है। प्रभावितों में सांसद के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा के मंडी संसदीय क्षेत्र में दौरे के दौरान भी प्रभावित और लोगों की नजरें सांसद को ढूंढती रहीं। चुनाव के दौरान कंगना ने मंडयाली बोली में खुद को मंडी की बेटी बताते हुए हर वक्त जनता के लिए उपलब्ध रहने की बातें कही थीं, लेकिन अब वह ढूंढे नहीं मिल पा रही हैं। यह अब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर समेत संगठन के लिए गले की फांस बनकर रह गया है।
मंडी जिले के विभिन्न भागों में 30 जून की रात से आपदा का कहर ऐसा बरपना शुरू हुआ कि यह थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। चौतरफा दबाव के बाद सांसद ने बीते छह जुलाई को सराज घाटी का दौरा किया। यहां पहुंचकर उन्होंने प्रभावितों का दुख दर्द बांटा, लेकिन उनके प्रभावितों से मिलने के बजाय उनके विवादित बयान ही सुर्खियों में रहे। कंगना रणौत का गृह विधानसभा क्षेत्र सरकाघाट भी आपदा से अछूता नहीं है। वह सोशल मीडिया में ही एक्टिव नजर आ रही हैं। उनका दायित्व सोशल मीडिया में सांत्वना देने तक ही सिमट गया है। हाल ही में बनाला में हुए भूस्खलन में सोशल मीडिया में उनकी पोस्ट के बाद उपायुक्त को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा था।
पोस्ट में कई लोगों के दबे होने की आशंका और प्रशासन से संपर्क में होने की बात लिखी गई थी। मौजूदा समय में कीरतपुर-मनाली फोरलेन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। कंगना रणौत का मंडी के पंचायत भवन में चल रहा सरकारी कार्यालय भी सफेद हाथी बनकर रह गया है। कंगना से सीधा संवाद करना किसी के वश में तो नहीं है, लेकिन सरकारी कार्यालय भी प्रभावितों के लिए कुछ नहीं कर पाया है।
बीते 14 सितंबर को सांसद कंगना रणौत भांबला पहुंच गई हैं। वह 17 सितंबर को मंडी में कार्यक्रम में शिरकत करेंगी। इसके बाद 18 और 19 सितंबर को कुल्लू-मनाली आपदा प्रभावितों क्षेत्रों का दौरा करेंगी।