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हिमाचल हाईकोर्ट की फटकार: अवैध खनन पर एफआईआर क्यों नहीं हुई, दें हलफनामा

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Thu, 04 Dec 2025 02:04 PM IST
सार

 हाईकोर्ट ने ब्यास नदी के किनारे अवैध खनन के मामले में सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि अवैध खनन करने तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई। 

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Himachal High Court reprimanded: Why no FIR was lodged on illegal mining, give affidavit
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ब्यास नदी के किनारे अवैध खनन के मामले में सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि अवैध खनन करने तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई। अदालत ने प्रतिवादियों को इस पर हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावलिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने प्रतिवादी राज्य सरकार और अधिकारियों को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है कि 2024-25 में अवैध खनन के संदर्भ में क्या कार्रवाई की गई है। मामला कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी जिलों में अवैध खनन से जुड़ा है। अदालत ने कहा कि हलफनामे में बताया जाए कि अवैध खनन में शामिल वाहनों को जब्त क्यों नहीं किया गया, उन्हें मामूली जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।

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अदालत ने ये कहा
मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। जयसिंहपुर के एसडीएम के हलफनामे में यह भी बताया गया है कि खनन अधिनियम के तहत 15 वाहनों का चालान किया गया और 6681 मीट्रिक टन खनिज जब्त किए। अवैध रूप से खनन करते हुए कोई नहीं पाया गया, इसलिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।  अदालत ने एसडीएम जयसिंहपुर और प्रतिवादी जिला खनन अधिकारी की ओर से दायर किए गए दस्तावेजों पर संज्ञान लेते हुए उनसे कार्रवाई रिपोर्ट और स्पष्टीकरण मांगा है। एसडीएम जयसिंहपुर ने अपने हलफनामे में जिला-स्तरीय बल के गठन के संबंध में विभिन्न सुझाव दिए हैं। उधर, खनिज अधिकारी के पूर्व जवाब में पहले दायर किए गए जवाब से पता चलता है कि वर्ष 2024 में अवैध खनन में 26 टिप्पर, 36 ट्रैक्टर सहित कुल 63 वाहन शामिल पाए गए हैं। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के विरोधाभासी बयानों को देखते हुए हलफनामा मांगा।

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