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हिमाचल: नई सरकार ने एसडीएम कार्यालय, दो साइबर समेत 18 थाने-चौकियों को किया बंद
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Fri, 23 Dec 2022 09:08 PM IST
सार
सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार का पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले कार्यालयों को बंद करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दो एसडीएम कार्यालय, दो साइबर समेत 18 थाने और पुलिस चौकियां बंद कर दिए।
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार का पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले कार्यालयों को बंद करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दो एसडीएम कार्यालय, दो साइबर समेत 18 थाने और पुलिस चौकियां बंद कर दिए। बंद किए गए दोनों एसडीएम कार्यालय जिला कांगड़ा में जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र में रक्कड़ और कोटला बेहड़ में खोले जाने थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने इन्हें डिनोटिफाई कर दिया है। वहीं, पुलिस विभाग से शुक्रवार को जारी आदेशों के तहत धर्मशाला और मंडी साइबर थाना, बिलासपुर एम्स स्थित ब्रह्मपुखर थाना, पुलिस थाना संजौली जिला शिमला और पंडोह जिला मंडी के अलावा डीएसपी शिलाई जिला सिरमौर, डीएसपी शाहपुर जिला कांगड़ा को बंद कर दिया है।
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वहीं, पुलिस चौकियों में मंडी जिले में रिवालसर, बगस्याड़, देहर, गाड़ागुशैणी, लडभड़ोल, बालीचौकी, कांगड़ा जिले में धीरा, थुरल, सोलन में भोजनगर, हमीरपुर जिले में बिझड़ी और भोटा को डिनोटिफाई की है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब तक भाजपा सरकार में खोले गए या अधिसूचित किए गए विभिन्न विभागों के 524 कार्यालयों को बंद कर चुकी है। उधर, मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ स्थित थुनाग के कार्यालय संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के सृजित 5 पद सरकार ने तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए हैं।
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संस्थानों को निरस्त करना गैरकानूनी : भारद्वाज
वहीं पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर पूर्व सरकार के समय खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई एक नकारात्मक राजनीति की शुरूआत की है। ब्यूरोक्रेसी किस प्रकार से सरकार पर हावी हो रही है। सरकार के इस कदम को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार दिया है। कांग्रेस तो लुभावने वादे कर सत्ता में आई थी, लेकिन जो अभी तक अपने मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पा रहे हैं, वो लोग एक सरकारी आर्डर निकाल कर कैबिनेट के निर्णय निरस्त कर रहे हैं। जिन अधिकारियों ने कुछ दिन पहले कैबिनेट के लिए इन संस्थानों को खोलने के बारे में एजेंडा तैयार किया था और सारी औपचारिकताएं पूरी की थी। वही अधिकारी आजकल चिट्ठियां निकाल कर जनता के हित में खोले संस्थानों को बंद करने में लगे हैं । इससे पता चलता है कि ब्यूरोक्रेसी किस प्रकार से सरकार पर हावी हो रही है। हर नई सरकार से जनता को उम्मीदें होती हैं। लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस खुद इसका अपमान और दुरुपयोग कर रही है।