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हिमाचल: दूसरे पति की मौत के बाद लौटी तो पहले पति से मांगा 20 हजार मासिक गुजारा भत्ता, अदालत ने अर्जी की खारिज

संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर। Published by: अंकेश डोगरा Updated Fri, 21 Nov 2025 05:00 AM IST
सार

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में एक महिला ने पहले पति से अदालत में जाकर प्रतिमाह 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता मांगा था। फैमिली कोर्ट बिलासपुर ने महिला की अर्जी खारिज कर दी है। साथ में कहा कि जो महिला व्यभिचार में रहकर दूसरे पुरुष की पत्नी बनकर रही हो, उसे पहले पति से गुजारा भत्ता लेने का कोई हक नहीं है।

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Family Court Bilaspur rejected the woman application for allowance demanded 20000 monthly
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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फैमिली कोर्ट बिलासपुर ने एक रोचक फैसला सुनाते हुए महिला के रखरखाव भत्ते की अर्जी को खारिज कर दिया है। महिला ने पहले पति से अदालत में जाकर प्रतिमाह 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता मांगा था। लेकिन मामले का फैसला देते हुए अदालत ने साफ कहा कि जो महिला व्यभिचार में रहकर दूसरे पुरुष की पत्नी बनकर रही हो, उसे पहले पति से गुजारा भत्ता लेने का कोई हक नहीं है।

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महिला करीब 28 साल पहले पति को छोड़कर एक अन्य व्यक्ति के साथ चली गई थी। वहीं जब उस व्यक्ति की भी मौत हो गई तो महिला ने वापस लौटकर अपने पहले पति से 20 हजार रुपये मासिक भरण-पोषण मांगा था। प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट की अदालत में चल रहे मामले में महिला ने दावा किया था कि वह पति की कानूनी रूप से वैध पत्नी है और पति ने उसे एक साल से कोई गुजारा भत्ता नहीं दिया।

कहा था कि पति के पास 70 बीघा जमीन है, कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के लिए 1.50 करोड़ रुपये मिल चुके हैं और भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन के लिए करीब 8-9 बीघा जमीन जा रही है, जिससे उसे करीब चार करोड़ रुपये तक मिलने वाले हैं। इसलिए वह आसानी से 20 हजार रुपये महीना दे सकता है। पति की ओर से जवाब में बड़ा खुलासा किया गया। पति ने बताया कि महिला करीब 28 साल पहले बिना किसी वजह के घर छोड़कर चली गई थी और पंजाब के कपूरथला जिले के गांव संगोजला में साधु जरनैल सिंह के साथ रहने लगी थी। वहां उसने अपना नाम बदलकर लक्ष्मी रख लिया और जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में रहने लगी। जरनैल सिंह की मौत के बाद उसने उसकी सारी संपत्ति भी उसी ने ले ली।

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पति ने कोर्ट को बताया कि 2016 में अचानक महिला ने अपनी बेटी के माध्यम से फोन करवाया कि साधु जरनैल सिंह की मौत के बाद उसे वहां धमकियां मिल रही हैं, इसलिए उसे वापस ले जाया जाए। पंचायत और रिश्तेदारों के साथ पति पंजाब गया और महिला को वापस ले आया। तब से वह उसके साथ ही रह रही है, उसे घर में दो कमरे, बाथरूम-शौचालय भी दिए गए हैं। पति की ओर से कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों से साबित हुआ कि पंजाब सरकार का राशन कार्ड में महिला जरनैल सिंह की पत्नी लक्ष्मी के नाम पर दर्ज है। विधवा पेंशन के लिए दिया गया फॉर्म भी लक्ष्मी पत्नी जरनैल सिंह के नाम से भरा गया है।

आधार कार्ड, वोटर आईडी, पंचायत रिकॉर्ड सभी में वह जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में दर्ज है। गांव संगोजला की ग्राम पंचायत ने भी प्रमाण पत्र दिया कि वह जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में रहती थी। कोर्ट ने अपने 17 नवंबर 2025 के फैसले में लिखा है कि धारा 125(4) सीआरपीसी के तहत व्यभिचार में रहने वाली पत्नी को भरण-पोषण नहीं मिल सकता। कोर्ट ने यह भी लिखा कि पति चाहे कितना भी अमीर हो, व्यभिचार करने वाली पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। महिला ने अपने दावे के समर्थन में कोई स्वतंत्र गवाह तक नहीं पेश किया, सिर्फ अपना बयान दिया, जबकि पति ने पंचायत प्रधान और अपने बेटे को गवाह बनाया। अदालत ने महिला की भरण-पोषण अर्जी खारिज कर दी।

2016 से पहले पति के साथ नहीं थी महिला
अदालत ने कहा कि महिला ने खुद स्वीकार किया कि वह 2016 से पहले पति के साथ नहीं थी और दस्तावेजों से साबित है कि वह दूसरे व्यक्ति की पत्नी बनकर रही। सिर्फ इसलिए कि पति ने भी दूसरी शादी कर ली थी, महिला को भी दूसरी शादी करने या व्यभिचार करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।
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