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Himachal: पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर टकराव के बीच जिला परिषद में परिसीमन की अधिसूचना जारी

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Fri, 21 Nov 2025 10:26 AM IST
सार

जनसंख्या में भिन्नताएं हैं और भौगोलिक स्थितियां, प्रशासनिक सहूलियत व आने जाने की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए परिसीमन करना जरूरी है, वहां डीसी व एसडीएम जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं बदल सकते हैं।

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Amid the conflict over the elections of Panchayati Raj institutions, the notification of delimitation in the Z
हिमाचल सरकार। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के साथ चल रहे टकराव के बीच सरकार ने पंचायती राज चुनाव तृतीय संशोधन नियम 2025 को अधिसूचित कर दिया है। इसके तहत जहां जनसंख्या में भिन्नताएं हैं और भौगोलिक स्थितियां, प्रशासनिक सहूलियत व आने जाने की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए परिसीमन करना जरूरी है, वहां डीसी व एसडीएम जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं बदल सकते हैं।

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सरकार ने विवाद से पहले इस संशोधन का मसौदा 3 अक्तूबर 2025 को प्रकाशित कर आपत्तियां और सुझाव मांगे थे, जिसके तहत कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। यह बदलाव इस शर्त के अधीन होगा कि प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 89(2) के तहत निर्धारित अधिकतम संख्या से अधिक नहीं होगी। यह संशोधन सुनिश्चित करता है कि परिसीमन करते समय केवल जनसंख्या ही एकमात्र कारक न हो, बल्कि राज्य की दुर्गम भौगोलिक प्रकृति के कारण प्रशासनिक और नागरिक सुविधा को भी महत्त्व दिया जाए।

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लागू नहीं होगा नियम : रासु
पंचायतीराज सचिव सी पाल रासु ने कहा कि 3 अक्तूबर को आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे। नियम में मामूली का संशोधन किया गया है। आयोग के आदेशों के बाद अब इसे लागू नहीं किया जा सकता है।

वोटर लिस्ट की छपाई का काम रुका
 पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार में उपजे विवाद के बीच मतदाता सूचियों की छपाई का काम रुक गया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर मतदाता सूचियों का डाटा उपलब्ध न करवाने से छपाई का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग की ओर से छपाई के टेंडर भी जारी कर दिए थे। रोस्टर जारी होने से पहले इन सूचियों को पंचायतों में भेजा जाना है। हर वार्ड को 20 सूचियां भेजी जाती हैं। वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशों के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी क्या करें और क्या न करें की स्थिति में हैं।

एक तरफ सरकार की ओर से डिजास्टर एक्ट लागू किया गया है तो दूसरी ओर आयोग ने पंचायतों के चुनाव को लेकर मतदाता सूचियां, बैलेट पेपर आदि चुनावी सामग्री उठाने की आदेश जारी किए हैं। इन हालात में दो उपायुक्तों (जिला निर्वाचन अधिकारी) ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है। पंचायतों के पुनर्गठन पर लगाई रोक का फैसला वापस लेने को आयोग तैयार नहीं है। सरकार ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का क्लॉज 12.1 हटाने का आग्रह किया है। 

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