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HP Cloudburst: सराज में लापता लोगों की तलाश जारी, इस मानसून में अब तक 80 की गई जान, जानें माैसम पूर्वानुमान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Tue, 08 Jul 2025 02:26 PM IST
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सार

सराज में आई आपदा में लापता लोगों की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ के जवान लगातार नाै दिन से डटे हैं। लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। 

HP Cloudburst: Search for missing people continues in Seraj, this monsoon, know weather forecast
आपदा प्रभावित जंजैहली में बुरी तरह क्षतिग्रस्त मकान। - फोटो : संवाद

विस्तार
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हिमाचल प्रदेश के सराज में आई आपदा में लापता लोगों की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ के जवान लगातार नाै दिन से डटे हैं। लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। जिस स्थान से स्वर्ण सिंह के बहने की आशंका जताई जा रही थी, उस क्षेत्र में अब सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया है। देजी खड्ड के किनारे पंडोह तक के दायरे में एनडीआरएफ के जवान तलाश में जुटे रहे। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने सोमवार जंजैहली में विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक कर क्षेत्र में चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास अभियान की समीक्षा की।

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उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक किए गए प्रयासों के लिए सभी सहयोगियों का उत्साह बढ़ाया और प्रभावितों को हरसंभव राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए।  जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सराज क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों में युद्ध स्तर पर राहत सामग्री पहुंचा रहा है। इसमें भारतीय वायु सेना का सहयोग भी मिल रहा है। सोमवार को जंजैहली क्षेत्र के लिए हेलिकॉप्टर के माध्यम से 249 तिरपाल, 170 कंबल, दूध पाउडर के पैकेट्स, बिस्किट, रेडी टू ईट खाद्य सामग्री, मसाले इत्यादि की लगभग 130 पेटियां भेजी गई हैं। 

प्रदेश में 227 सड़कें अभी बाधित, 174 जल आपूर्ति स्कीमें ठप
प्रदेश में बीते दिनों बादल फटने, बाढ़ आने व भूस्खलन से मंगलवार सुबह 10:00 बजे तक 227 सड़कें बाधित हैं। इसके अतिरिक्त 163 बिजली ट्रांसफार्मर व 174 जल आपूर्ति स्कीमें प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 153 सड़कें ठप पड़ी हैं। इसके साथ ही 140 बिजली ट्रांसफार्मर व 158 जल आपूर्ति स्कीमें बाधित हैं।  खास कर सराज क्षेत्र में कई गांवों में बीते नाै दिनों से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर है। हालांकि विद्युत कर्मी युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। सिरमाैर में 34 व कुल्लू जिले में 21 सड़कें बाधित हैं। 

सराज में 353 घर तबाह, 700 से अधिक मवेशी मरे
उधर, सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन 20 जून से 8 जुलाई तक 80 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। 128 लोग घायल हुए हैं। 35 लोग लापता हैं। 382 से अधिक कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 364 गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आंकड़ा 69,265.60  लाख रुपये तक पहुंच गया है। इस दाैरान 28 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है।  सराज क्षेत्र में बादल फटने से व्यापक तबाही मची है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार यहां 353 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 272 गोशालाएं और 700 से अधिक मवेशियों की मौत हुई। डीसी की अगुवाई में आयोजित समीक्षा बैठक में अनुमान जताया गया कि क्षतिग्रस्त घरों की संख्या 400 से अधिक हो सकती है। प्रशासन की टीमें क्षेत्र में राहत और बचताव कार्य में जुटी हुई हैं। 

ड्रोन से होगा वन संपदा को हुए नुकसान का आकलन
प्राकृतिक आपदा से नाचन और सराज क्षेत्र की वन संपदा को भी भारी नुकसान पहुंचा है। वन विभाग नुकसान का आकलन ड्रोन के माध्यम से करेगा। वन वृत्त मंडी के नाचन मंडल में 30 जून और पहली जुलाई को प्राकृतिक आपदा ने जमकर कहर बरपाया है। नदी-नालों में बाढ़ और पहाड़ियों पर भूस्खलन से करोड़ों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। मलबे के साथ पेड़ भी बह गए। भूमि कटाव भी हुआ है। नुकसान का आकलन करना वन विभाग के लिए आसान नहीं है क्योंकि सड़कें, रास्ते नहीं बचे हैं। इसलिए वन विभाग ने नुकसान का आकलन ड्रोन की मदद से करने का निर्णय लिया है। 

कई भागों में एक सप्ताह जारी रहेगी बारिश, येलो अलर्ट जारी
बीती रात को गोहर में 85.0, सराहां (सिरमौर) 84.5, बैजनाथ 60.0, नाहन 54.2, पांवटा साहिब 48.0, श्री नयना देवी 46.2, कसौली 37.0, जोगिंद्रनगर 28.0, पालमपुर 27.2 व शिमला में 19.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 8 से 14 जुलाई  तक राज्य में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस दाैरान कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले 4-5 दिनों के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।  अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा होने की संभावना है।
 

भारी बारिश के बाद पंगोला नाले में आई बाढ़, परियाल के समीप सड़क का 50 मीटर हिस्सा बहा
चंबा। चुराह उपमंडल में भारी बारिश के चलते मंगलवार सुबह 7:00 बजे  पंगोला नाले में बाढ़ आ गई। इससे  नकरोड़-गड़फरी थल्ली मार्ग पर बढ़ी मात्रा में मलबा व पत्थर आ गए। ग्राम पंचायत थल्ली के परियाल के समीप सड़क का  50 मीटर हिस्सा बह गया है। गड़फरी ओर थल्ली पंचायत के बीच में पंगोला नाला आता है। भारी बारिश के बाद बढे़ जलस्तर के कारण सड़क पर मलबा आने से दोनों पंचायतों में सड़क संपर्क कट गया।  गड़फरी पंचायत के विद्यार्थी इस नाले को पार करके थल्ली स्कूल जाते हैं। लेकिन अब स्कूल आना-जाना मुश्किल हो गया है। रास्ते का नामोनिशान मिट गया है।

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