आईजीएमसी मारपीट मामला: इमरजेंसी सेवाएं सामान्य, एसोसिएशन ने बैठक में बनाई रणनीति, सीएम से कर सकते हैं भेंट
आरडीए के बाद स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सेमडिकोट) भी डॉक्टर के समर्थन में उतर गई है।
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आईजीएमसी मारपीट मामले में आरडीए के बाद स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सेमडिकोट) भी डॉक्टर के समर्थन में उतर गई है। हालांकि, गुरुवार को आईजीएमसी की इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रहीं। डॉक्टरों ने नियमित ताैर पर अपनी सेवाएं दीं। आरोपी डाॅक्टर को बर्खास्त करने को लेकर आए फैसले के बाद सेमडिकोट ने गुरुवार सुबह आगामी कदम उठाने को लेकर बैठक की। अब आरडीए पदाधिकारी इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात कर सकते हैं।
बता दें, आईजीएमसी मारपीट मामले में आरडीए के बाद स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सेमडिकोट) भी डॉक्टर के समर्थन में उतरी है। सेमडिकोट ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग की है। वहीं, घटना के बाद अस्पताल परिसर में जुटी भीड़ को उकसाने और प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की। सेमडिकोट ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा। सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. बलबीर एस वर्मा, महासचिव डॉ. पीयूष कपिला, उपाध्यक्ष डॉ. पुनीत महाजन, सह सचिव डॉ. जगदीप ठाकुर, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. योगेश दीवान, डॉ. निशी सूद और डॉ. दिग्विजय एस ठाकुर ने कहा कि प्रदर्शन करने वालों ने पल्मोनरी मेडिसिन वार्ड को तीन घंटे से अधिक समय तक घेर कर रखा। इससे सभी भर्ती मरीज समेत चिकित्सक भी परेशान हुए। अस्पताल परिसर में भय और अराजकता फैली।
आईजीएमसी की घटना पूरी व्यवस्था के पतन का परिणाम: बिंदल
डॉ. राजीव बिंदल ने कहा किअटल बिहारी वाजपेयी विश्व के महान नेताओं में से एक थे। अनेक दलों को एक सूत्र में पिरोकर 28 दलों के सहयोग से एक स्थिर, मजबूत और राष्ट्रवादी सरकार चलाने का उदाहरण यदि किसी ने प्रस्तुत किया, तो वह केवल अटल बिहारी वाजपेयी ही थे। डॉ. बिंदल ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आईजीएमसी में जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है, वह किसी एक डॉक्टर या मरीज का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरी व्यवस्था के पतन का परिणाम है। आज डॉक्टरों में सुविधाओं के अभाव के कारण भारी असंतोष है, मरीज इलाज न मिलने से त्रस्त हैं और पूरा स्वास्थ्य तंत्र चरमरा गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार एक उंगली में बीमारी होने पर पूरी उंगली काटने जैसा समाधान दे रही है, जो इलाज नहीं बल्कि अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास है। सड़कों की हालत खराब है, पेयजल व्यवस्था ध्वस्त है, परिवहन सेवाएं बदहाल हैं और अब स्वास्थ्य विभाग भी इसी कड़ी में शामिल हो गया है। प्रदेश में ऐसा कोई विभाग नहीं बचा, जो कांग्रेस सरकार की अक्षमता की मार से अछूता हो। डॉ. बिंदल ने कहा कि यह केवल किसी एक अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई करने का मामला नहीं है, बल्कि पूरी शासन व्यवस्था के पतन का परिणाम है। कांग्रेस सरकार प्रदेश को ऐसी स्थिति में ले आई है, जिससे उबरने में वर्षों लगेंगे। भाजपा ने इस व्यवस्था पतन के तीन वर्षों के खिलाफ पहले ही सरकार को आगाह किया था और 4 तारीख को प्रदेशभर में आंदोलन कर कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता के सामने उजागर किया है।