हिमाचल में बारिश का रेड अलर्ट: कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद; मनाली नहीं जा सके CM; चंबा में फंसे 1500 यात्री
आदेश में कहा गया है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी सरकारी व निजी महाविद्यालय, नर्सिंग संस्थान, पॉलीटेक्निक कॉलेज, आईटीआई, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।

विस्तार
हिमाचल प्रदेश में कल भारी बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए शिमला, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, चम्बा, कांगड़ा, मंडी, ऊना, कुल्लू और मनाली सब डिवीजन में सभी शिक्षण संस्थानों में एक अगस्त की छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसे लेकर जिलों के डीसी ने आदेश जारी कर दिए हैं।

आदेश में कहा गया है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी सरकारी व निजी महाविद्यालय, नर्सिंग संस्थान, पॉलीटेक्निक कॉलेज, आईटीआई, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। हालांकि आवासीय महाविद्यालय और मेडिकल/स्वास्थ्य संस्थान इस आदेश से बाहर रहेंगे।
कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने अपील की कि भारी वर्षा के दौरान लोग अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। हालांकि विद्यार्थियों को छुट्टी दी गई है, लेकिन शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ को पूर्व निर्धारित आदेशों के अनुसार संस्थानों में उपस्थित रहना होगा। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए गए हैं।
बारिश ने रोका सीएम का रास्ता, मनाली नहीं पहुंचे सके सुक्खू
भारी बारिश के कारण मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का रविवार को कुल्लू जिले का दौरा रद्द हो गया। कुल्लू जिले के मनाली और अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए सीएम ने आना था। सीएम के मनाली आने पर पीड़ितों को राहत मिलने की उम्मीद थी। इससे पहले शनिवार को कांगड़ा और चंबा में बारिश-भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सीएम ने राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए थे। चंबा के भरमौर और अन्य साथ लगते क्षेत्रों का सीएम ने हवाई सर्वेक्षण किया था। रविवार सुबह सीएम ने सासे हेलीपेड से बाहंग, ओल्ड मनाली, समाहन और आलू ग्राउंड का दौरा करना था। इसके बाद उनका कुल्लू जाने का कार्यक्रम था। स्थानीय विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने बताया कि सुबह से ही लगातार बारिश के कारण मुख्यमंत्री का दौरा रद्द हो गया है। जैसे ही मौसम साफ होगा तो उनका मनाली दौरा तय किया जाएगा।
चंबा में अभी फंसे हैं डेढ़ हजार मणिमहेश यात्री
भरमौर उपमंडल और चंबा में अभी 1500 के करीब मणिमहेश यात्री फंसे होने की आशंका है। होली में फंसे मंडी और दिल्ली के 35 श्रद्धालु पैदल ही भरमौर रवाना हो गए हैं। ये लोग जालसू जोत से होते हुए मणिमहेश यात्रा पर आए थे। सड़कें बंद होने से पांगी के बच्चों और महिलाओं समेत 32 लोग अभी लाहौल के त्रिलोकीनाथ मंदिर की सराय में फंसे हुए हैं। जिले से बीते तीन दिनों में लगभग 12 हजार से अधिक श्रद्धालु चंबा से नूरपुर, पठानकोट और भद्रवाह के लिए रवाना हुए हैं। आपदा के बाद फंसे मणिमहेश यात्रा पर आए 4000 के करीब श्रद्धालुओं को शनिवार को भरमौर से पठानकोट के लिए रवाना किया गया था। रविवार को दोपहर तक 250 श्रद्धालुओं को रवाना किया गया है।
सैंकड़ों गांवों में अंधेरा छाया
पांगी सुराल घाटी में दो जम्मू और पठानकोट का एक श्रद्धालु फंसा हुआ है। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए निजी टैक्सी चालक, स्कूल प्रबंधन की चार गाड़ियां, मालवाहक वाहन और लोग अपने निजी वाहनों के जरिये भी जांघी से चंबा तक पहुंचा रहे हैं। वाहन चालक श्रद्धालुओं को निशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। वहीं, कई श्रद्धालु अपने स्तर पर जांघी से गाड़ियां-टैक्सी वाहन कर अपने घरों को कूच कर रहे हैं। जिले में दूरसंचार सेवाएं फिर ठप होने से श्रद्धालुओं की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उनका अपने परिजनों से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत 253 मार्गों बंद हैं। सड़के बंद होने से लोग मजबूरन पैदल गंत्वयों का रूख करने को मजबूर है। इसके अलावा 296 ट्रांसफार्मर जिला में बंद होने से सैंकड़ों गांवों में अंधेरा छाया हुआ है। उपमंडल चुराह की ग्राम पंचायत बघेईगढ़ के कंगेला गांव में भूस्खलन का खतरा गहराता जा रहा है। पहाड़ी दरकने से दर्जनों परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
बाढ़ से सड़क पर मलबा
कुल्लू और लाहौल में शनिवार रात से रविवार तक जमकर बारिश हुई है। इस कारण मुख्यमंत्री का मनाली दौरा भी रद्द हो गया है। रविवार को दिन भर बारिश का दौर जारी रहा। ब्यास नदी के साथ सरवरी खड्ड, तीर्थन नदी, पिन पार्वती, पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया। वहीं, जिला मुख्यालय के लोरननाला में बाढ़ से सड़क पर मलबा आ गया। भारी बारिश से नग्गर नाले में बाढ़ आने की वजह से सुबह के समय दो लोग फंस गए। बाद में स्थानीय लोगों ने इन्हें सुरिक्षत निकाला। लगवैली के बागन गांव में सुरक्षा को देखते हुए आठ घरों को खाली करवाया गया।
175 सड़कें बंद
वहीं, कुल्लू-मनाली हाईवे स्थित रायसन में शिरड़ रिजॉर्ट के पास बनाया गया वैकल्पिक मार्ग बह गया है। कुल्लू-मनाली वामतट मार्ग भी अलेऊ के पास रात को बंद हो गया, जिसे रविवार सुबह लोक निर्माण विभाग ने बहाल कर दिया। जिले में 175 सड़कें बंद हैं जबकि बिजली के 323 ट्रांसफार्मर ठप होने से सैकड़ों गांव में अंधेरा छा गया है।
24 पेजयल स्कीम ठप
कुल्लू जिले में अगस्त में लगातार बारिश होने से बागवान सेब का तुड़ान नहीं कर पाए। बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कों के बंद होने से जिले में अभी 65 फीसदी सेब का तुड़ान बचा हुआ है। कुल्लू की स्थानीय मंडियों में करीब 9 लाख पेटियां आई हैं। मंडी जिले में रविवार को रिमझिम बारिश होती रही। साप्ताहिक अवकाश के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे। जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए छाता लेकर इक्का-दुक्का लोग सब्जी व अन्य जरूरी वस्तुओं की खरीद करते हुए नजर आए। हमीरपुर में शनिवार रात से बारिश का दौर शुरू हो गया। रविवार को दिनभर रुक-रुक कर बारिश जारी रही। मटमैला पानी आने से जल शक्ति विभाग की करीब 24 पेजयल स्कीम ठप हैं। सुजानपुर-संधोल मार्ग में बजाहर नाले में पानी अधिक आने से सड़क तीन घंटे बंद रही।
सब्जी मंडी में कारोबार 30 से 40 प्रतिशत तक घटा
ऊना जिले में रविवार तड़के चार बजे शुरू हुई बारिश देर शाम तक जारी रही। इससे क्षेत्र की कई खड्डें और स्वां नदी उफान पर आ गई। उपमंडल बंगाणा की प्लाहटा पंचायत में भारी बारिश से भूस्खलन होने पर रिहायशी इलाके नुकसान की जद में आ गए। गांव कुड, हरोट, घढ़थोली और क्यारियां में कई मकान खतरे में हैं जबकि सैकड़ों कनाल उपजाऊ भूमि बर्बाद हो गई है। सब्जी मंडी में कारोबार 30 से 40 प्रतिशत तक घट गया है। पहाड़ी इलाकों में सड़कें बंद होने से यहां सप्लाई नहीं पहुंच रही है।
नहीं आई इंडिगो की फ्लाइट
कांगड़ा जिले में रविवार को दिल्ली से गगल हवाई अड्डा के लिए इंडिगो की फ्लाइट नहीं आई। डीसी कांगड़ा ने रविवार को सोमवार को बताए रेड अलर्ट को लेकर सभी विभागों के साथ ऑनलाइन बैठक की। पिछले 24 घंटों में 15 घरों और 25 गोशालाओं को क्षति पहुंची है। इसके अलावा जिला में 61 के करीब सड़कें बंद और 210 पेजयल और 90 बिजली के ट्रांसफार्मर बंद हैं। वहीं, पौंग बांध से रविवार को 1.10 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया। बारिश का असर डल झील नड्डी में होने वाले पवित्र स्नान पर भी देखने को मिला है। स्नान करने के लिए बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे थे।
चबूतरा में जमीन धंसने से पांच से सात मकान ढहे
लगातार हो रही बारिश के कारण उपमंडल सुजानपुर के तहत गांव चबूतरा में रविवार को जमीन धंस गई। जमीन धंसने से करीब पांच से सात मकान ढह गए हैं। प्रशासन की ओर से कुछ परिवारों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जा रहा है। प्रशासन की टीम भी मौके पर है।