योजना: सी ग्रेड सेब से बनेगा जूस और जैली, निजी कंपनी करेगी 20 हजार मीट्रिक टन की प्रोसेसिंग
प्रदेश में अगले साल सेब सीजन के दौरान 20 हजार मीट्रिक टन सी ग्रेड सेब की प्रोसेसिंग निजी कंपनी करेगी।
विस्तार
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने हिमाचल प्रदेश स्टोन फ्रूट एसोसिएशन और संयुक्त किसान मंच के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद अगले सीजन से यह व्यवस्था लागू करने के लिए एचपीएमसी के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। स्टोन फ्रूट एसोसिएशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष दीपक सिंघा ने बताया कि 2019 में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने ऊना में क्रीमिका फूड पार्क स्थापित किया था। इस फूड पार्क में सेब की प्रोसेसिंग के लिए 24 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। अगले सेब सीजन में यहां 20 मीट्रिक टन सेब की प्रोसेसिंग होगी।
बागवानी मंत्री ने इसे लेकर एचपीएमसी के महाप्रबंधन को भी निर्देश जारी कर दिए हैं। जल्द ही इस मामले को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से भी मुलाकात की जाएगी। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने एमआईएस याेजना के लिए बजट का प्रावधान बंद कर दिया है ऐसे में निजी कंपनियों के सहयोग से सेब की प्रोसेसिंग करके ही बागवानों को राहत दी जा सकती है। प्रदेश सरकार से माइक्रो प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए बागवानों को अनुदान उपलब्ध करवाने का भी मामला उठाया गया है।
स्टोन फ्रूट की प्रोसेसिंग कर प्रीमियम उत्पाद बनाने की मांग
स्टोन फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा ने बताया कि प्रदेश सरकार से स्टोन फ्रूट की प्रोसेसिंग कर प्रीमियम उत्पाद तैयार करने की भी मांग उठाई गई है। मई से जून तक एचपीएमसी के प्रोसेसिंग प्लांट में स्टोन फ्रूट के उत्पाद बनाए जा सकते हैं।