Himachal: कालका-शिमला ट्रैक पर 28 की स्पीड से 48 डिग्री मोड़ पर दौड़ा पैनोरमिक विस्ताडोम कोच
बोर्ड की ओर से पैनोरमिक विस्ताडोम कोच में खामियों को दूर कर सात माह बाद फिर ट्रायल शुरू कर दिए हैं। इस दौरान आपात ब्रेक, प्रेशर और चढ़ाई की तकनीकी खामियों की भी जांच की गई।
विस्तार
विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल लाइन पर 28 की स्पीड में पहली बार 48 डिग्री के कर्व पर पैनोरमिक विस्ताडोम को दौड़ाया गया है। इससे पहले भी 48 डिग्री के कर्व आने पर स्पीड को कंट्रोल करते थे, लेकिन इस बार ऐसे कर्व पर भी अधिक स्पीड में सफलता रेलवे बोर्ड को मिल गई है। बोर्ड की ओर से पैनोरमिक विस्ताडोम कोच में खामियों को दूर कर सात माह बाद फिर ट्रायल शुरू कर दिए हैं। इस दौरान आपात ब्रेक, प्रेशर और चढ़ाई की तकनीकी खामियों की भी जांच की गई। कालका से शिमला तक बुधवार को टीम ने ट्रायल किया है। विस्ताडोम कोच की चार बोगियों को जोड़कर सुबह 9:44 बजे कालका रेलवे स्टेशन से ट्रेन को रवाना किया गया। सोलन, कंडाघाट और कनोह में करीब 35 मिनट तक ट्रेन को रोका गया।
इसके बाद करीब दोपहर 2:16 बजे पैनोरमिक विस्ताडोम कोच शिमला रेलवे स्टेशन पहुंच गए। ये ट्रेन करीब 4:30 घंटे में शिमला पहुंची है। सामान्य ट्रेन सवा पांच घंटे कालका से शिमला के लिए लगा देती है। अगर ट्रेन को इसी स्पीड में चलाया गया तो पर्यटकों को ओर सुविधा मिल जाएगी। वहीं, अगर सब कुछ ठीक रहता है तो वर्ष 2026 में रेलवे बोर्ड दो नई ट्रेनों की सौगात देगा। इसमें पैनोरमिक विस्ताडोम के साथ डीजल हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट (डीएचएमयू) शामिल है। जल्द ही लाल रंग की पैनोरमिक विस्ताडोम कोच से पर्यटक प्रदेश की हसीन वादियों को निहार सकेंगे। ट्रेन के ट्रायल के दौरान अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन की टीम भी है। ये टीम बोगियों की जांच कर रही है। बोगियों को लोगों की सुविधा के लिए दिए जाने से पहले सभी प्रकार की बारीकियों को देखा जा रहा है। आरडीएसओ की टीम ट्रायल के बाद इसे रेल मंत्रालय को भेजेगी। इसी के साथ रेलवे बोर्ड की ओर से भी ट्रायल किए जाएंगे ताकि सुविधाजनक यात्रा लोगों को करवाई जा सके।
एयर पावर ब्रेक से बढ़ी सुरक्षा
खास बात यह है कि देश में ब्रॉडगेज ट्रैक पर चलने वाली बोगियों की तरह नैरोगेज रेल लाइन में पैनोरमिक विस्ताडोम कोच में एयर पावर ब्रेक सिस्टम होगा। जो दुर्घटनाओं को काफी कम कर देगा। पैनोरमिक विंडो में शीशे बड़े होने के साथ ही छत तक होते हैं, जिससे यात्री बाहर के नजारों का बेहतर तरीके से लुत्फ उठा सकेंगे। इसी के साथ लगेज के लिए भी अलग से जगह ट्रेन में रहेगी। जबकि एक लगेज कोच अलग से भी तैयार किया है। सभी बोगियों में एयर स्प्रिंग लगाया गया है। साथ ही छोटी पेंटरी भी कोच में लगाई गई है।
आरडीएसओ की टीम लाल रंग के पैनोरमिक विस्ताडोम कोच के ट्रायल कर रही है। ये कोच खास तौर पर तैयार किए गए हैं। आधुनिक कोच आने वाले समय में लोगों को लुभाएंगे। लोगों की सुविधा के लिए हर तरह से बारीकियों की जांच की जा रही है। -नवीन कुमार, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला