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Navratri 2021: इस बार आठ दिन की हैं नवरात्रि, जानिए कब है अष्टमी-नवमी तिथि, महत्व व कन्या पूजन विधि

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: शशि सिंह Updated Sat, 09 Oct 2021 03:24 PM IST
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सार

इस बार शारदीय नवरात्रि का समापन आठ दिनों में हो जाएगा। नवरात्रि की अष्टमी तिथि का पूजन 13 अक्टूबर को और नवमी तिथि का पूजन 14 अक्टूबर को किया जाएगा। यहां जानिए अष्टमी और नवमी का महत्व व कन्या पूजन विधि।

navratri 2021 eight days know when is Ashtami date Navami date importance and  kanya pujan vidhi
नवरात्रि 2021 अष्टमी नवमी तिथि व महत्व (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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विस्तार
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इस समय शारदीय नवरात्रि आरंभ हो गई हैं। इन नौं दिनों तक मां दुर्गा के नौं स्वरुपों का क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार तिथि का समय बढ़ने घटने का कारण कई बार नवरात्रि पूरे नौं दिन की पड़ती हैं तो कई बार आठ दिन में ही नवरात्रि का समापन हो जाता है। इस कारण भक्तों को अष्टमी व नवमी तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। इस बार शारदीय नवरात्रि का समापन भी आठ दिनों में ही हो जाएगा। आपको महाअष्टमी और नवमी तिथि को लेकर कोई भ्रम न रहे इसलिए यहां जानिए कि किस दिन है अष्टमी, नवमी तिथि और क्या है इन दोनों तिथियों का महत्व व कन्या पूजन की पूर्ण विधि।

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Navratri 2021 ashtami

नवरात्रि में अष्टमी तिथि महत्व-
प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाअष्टमी का व्रत किया जाता है लेकिन नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी तिथि का विशेष महत्व माना जात है। इसे महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां आदिशक्ति के अष्टम स्वरुप देवी महगौरी का पूजन किया जाता है। इसी के साथ अष्टमी तिथि पर व्रती अपने घरों में हवन भी करवाते हैं। यह तिथि परम कल्याणकारी और यश-कीर्ति व समृद्धि दिलाने वाली मानी गई है। नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से सभी कष्टों का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इसके साथ ही अष्टमी तिथि पर शस्त्र पूजन भी किया जाता है। ज्योतिष में भी अष्टमी तिथि को जया तिथि कहा गया है। माना जाता है कि इस तिथि में किए गए कार्य सदैव पूर्ण होते हैं। यह तिथि व्याधियों का नाश करने वाली मानी गई है। 

दुर्गा अष्टमी तिथि व शुभ मुहूर्त-

इस बार दुर्गा अष्टमी का पूजन  13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को किया जाएगा। 
शारदीय नवरात्रि अष्टमी तिथि आरंभ- 12 अक्टूबर 2021 को रात 09 बजकर 47 मिनट से
शारदीय नवरात्रि अष्टमी तिथि समाप्त- 13 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 07 मिनट पर 

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kanya pujan - फोटो : kanya pujan

नवरात्रि में नवमी तिथि कन्या पूजन का महत्व-
नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि को समस्त सिद्धि प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। अष्टमी तिथि की तरह ही नवरात्रि में नवमी तिथि का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मां दुर्गा के नौं स्वरुप की प्रतीक नौं कन्याओं के अपने घर आमंत्रित करके पूजन किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन एक बालक को भी आमंत्रित किया जाता है जिसे बटुक भैरव या लांगूर का स्वरुप माना जाता है। कन्या पूजन के साथ ही मां दुर्गा को विदा कर दिया जाता है और नवरात्रि का समापन हो जाता है।

नवमी तिथि व शुभ मुहूर्त-

इस बार शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि का पूजन 14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को किया जाएगा और इसी के साथ नवरात्रि का समापन हो जाएगा।
नवमी तिथि आरंभ-13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार रात्रि 08 बजकर 07 मिनट से 
नवमी तिथि समाप्ति-14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार शाम 06 बजकर 52 मिनट पर 

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Navratri 2021 kanya pujan

कन्या पूजन विधि-

  • कन्या पूजन से एक दिन पहले ही कन्याओं को अपने घर आमंत्रित कर देना चाहिए।
  • शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष लेकर 10 वर्ष तक की कन्या को कंजक पूजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
  • सर्वप्रथम शुद्ध जल से सभी कन्याओं और बालक के पैर धोएं।
  • इसके बाद सभी कन्याओं व बालक को आसन पर विराजने का आग्रह करें।
  • इसके बाद मां दुर्गा के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और उनका तिलक करें।
  • इसी के साथ बालक और सभी कन्याओं का भी तिलक करें।
  • आपने कंजक जिमाने के लिए जो भी भोजन, खीर-पूरी या हलवा-चना बनाया हो उसमें से थोड़ा भोजन माता रानी को अर्पित करें।
  • इसके बाद बालक व सभी कन्याओं को भोजन परोसें और प्रेम पूर्वक भोजन करवाएं।
  • भोजन के पश्चात कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।
  • इसके बाद कन्याओं को प्रसाद-फल व सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर उन्हें विदा करें। 
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