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Karwa Chauth 2025: कब रखा जाएगा करवाचौथ का व्रत? जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और विधि
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: श्वेता सिंह
Updated Sun, 14 Sep 2025 11:53 AM IST
सार
Karwa Chauth Vrat Puja Vidhi: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का त्योहार बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह व्रत निर्जला होता है, यानी बिना पानी पिए रखा जाता है और करवा माता की पूजा की जाती है।
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करवा चौथ 2025
- फोटो : अमर उजाला
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Karwa Chauth 2025 Vrat Date: वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में कार्तिक मास की शुरुआत 8 अक्तूबर से हो रही है। इस महीने को बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि इसमें भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और मां तुलसी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का त्योहार बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ: 9 अक्तूबर, रात्रि: 10:54 बजे
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्तूबर, सायं: 7:38 बजे
उदया तिथि के अनुसार 10 अक्तूबर को करवा चौथ मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त: सायं 5:16 से सायं 6:29 बजे तक
चंद्रोदय: सायं 7:42 बजे होगा
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करवा चौथ पूजा सामग्री
- फोटो : adobe stock
करवा चौथ पूजा सामग्री
पुष्प
कच्चा दूध
शक्कर
देसी घी
अगरबत्ती
दही
मिठाई
गंगाजल
अक्षत (चावल)
सिंदूर
मेहंदी
चूड़ी
बिछुआ
महावर
कंघा
बिंदी
चुनरी
पीली मिट्टी
चलनी
जल का लोटा
दीपक और पूजा थाली आदि।
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पूजन की सामग्री और करवा सास या किसी सुहागन को भेंट करें।
- फोटो : Freepik
करवा चौथ की पूजन विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
ससुराल से मिली सरगी को सूर्योदय से पहले ग्रहण करें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें (बिना पानी के उपवास)।
सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
मंदिर में शिव परिवार (शिव, पार्वती, गणेश) की विधिवत पूजा करें।
भगवान को पुष्प, फल, मिठाई और मेवे अर्पित करें।
करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें या किसी बुज़ुर्ग से सुनें।
शाम को पुनः पूजा की तैयारी करें।
पूजा की थाली में फूल, फल, मिठाई, धूप-दीप, रोली आदि रखें।
एक करवा में चावल भरें और उसमें दक्षिणा रखें।
चंद्रमा उदय के बाद उसे अर्घ्य दें।
छन्नी में जलता दीपक रखें और चंद्र दर्शन करें।
उसी छन्नी से अपने पति का मुख देखें।
पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलें।
पूजा में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।
बुज़ुर्गों का आशीर्वाद लें।
पूजन की सामग्री और करवा सास या किसी सुहागन को भेंट करें।
अंत में सात्विक भोजन ग्रहण करें।
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करवा चौथ के दिन व्रत का संकल्प पूरी श्रद्धा और मन लगाकर लें। इससे आपका मन और आत्मा इस पूजा से जुड़ता है और व्रत के फल की प्राप्ति होती है।
करवा चौथ व्रत नियम
करवा चौथ के दिन करवा माता की पूजा के बाद व्रत कथा पढ़ी जाती है और जीवन में सुख-शांति की कामना की जाती है।
पूजा के बाद इत्र, केसर, सिंदूर और लाल चुनरी दान करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और परिवार में शांति बनी रहती है।
करवा चौथ के दिन व्रत का संकल्प पूरी श्रद्धा और मन लगाकर लें। इससे आपका मन और आत्मा इस पूजा से जुड़ता है और व्रत के फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन किसी भी तरह का झगड़ा या विवाद करना वर्जित होता है। इससे व्रत की पवित्रता भंग हो सकती है और इसके परिणाम भी नकारात्मक हो सकते हैं।
इस दिन किसी के बारे में बुरा या नकारात्मक सोचने से बचें। सकारात्मक विचार रखें ताकि आपका मन और घर दोनों सुख-शांति से भर जाएं।
करवा चौथ के दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। बेहतर होगा कि आप रंगीन या पारंपरिक वस्त्र पहनें, जिससे शुभता बनी रहे।
पूजा के स्थान और घर की अच्छी तरह सफाई करें। साफ-सफाई से वातावरण पवित्र बनता है और करवा माता की कृपा प्राप्त होती है।
पूजा के लिए जरूरी सभी वस्तुएं जैसे फूल, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, दीपक आदि समय से पहले इकट्ठा कर लें ताकि पूजा में कोई बाधा न आए।
पूजा करते समय मन को पूरी तरह शांत और एकाग्र रखें। भक्ति भाव से पूजा करने से व्रत की सफलता बढ़ती है।
शाम को चंद्रमा निकलते ही उसका दर्शन करना आवश्यक होता है। चंद्रमा देखने के बाद ही व्रत का पारण करें, जिससे आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा और पारण के समय शुभ मुहूर्त का पालन करें ताकि व्रत पूर्ण फलदायी हो।
पूरे दिन निर्जल व्रत रखते समय शरीर को ज्यादा थकान न दें, आराम करें और भारी कार्य न करें ताकि स्वास्थ्य प्रभावित न हो।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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