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Asian Games: दादाओं की पाकिस्तान से युद्ध की वीरगाथाओं ने अर्जुन को बनाया निशानेबाज, शिवा के लिए दोहरी खुशी

हेमंत रस्तोगी, अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: स्वप्निल शशांक Updated Fri, 29 Sep 2023 07:24 AM IST
सार

पंजाब के मंडीगोबिंदगढ़ के रहने वाले अर्जुन के पिता संदीप सिंह चीमा को संतोष हैं कि उनके बेटे का निशानेबाजी को अपनाने का फैसला रंग लाया। संदीप बताते हैं कि तैराकी और सनावर स्कूल को छुड़ाने का फैसला कठिन था।

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Asian Games 2023: Heroic stories of war with Pakistan made Arjun shooter, double happiness for Shiva
शिवा, अर्जुन और सरबजोत - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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एशियाड में 10 मीटर एयर पिस्टल का टीम स्वर्ण जीतने वाले अर्जुन सिंह चीमा को बचपन से ही अपने परिवार की पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध की वीरगाथाएं सुनने को मिलीं। आखिर उनके दादा अमरजीत सिंह चीमा सेना से कर्नल पद पर सेवानिवृत हुए। उनके बड़े और छोटे दो भाई और बहनोई भी सेना में थे और पाकिस्तान के साथ 1971 का युद्ध लड़े। दो को इस युद्ध में वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया। इन वीरगाथाओं का नतीजा यह निकला कि विश्व स्कूल खेलों में तैराकी में भाग लेने के बावजूद अर्जुन निशानेबाजी अपनाने को अड़ गए। वह प्रतिष्ठित सनावर स्कूल में पढ़ते थे, लेकिन शूटिंग के लिए उन्होंने यह स्कूल छोड़ दिया।
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पंजाब के मंडीगोबिंदगढ़ के रहने वाले अर्जुन के पिता संदीप सिंह चीमा को संतोष हैं कि उनके बेटे का निशानेबाजी को अपनाने का फैसला रंग लाया। संदीप बताते हैं कि तैराकी और सनावर स्कूल को छुड़ाने का फैसला कठिन था। उन्हें वापस मंडीगोबिंदगढ़ लाकर जिंदल स्कूल में दाखिला कराया गया। यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

Arjun Cheema becomes Junior World Champion in 50m Pistol |
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चाचा हैं एशियाई चैंपियन पॉवरलिफ्टर
संदीप बताते हैं कि अर्जुन के चाचा और उनके छोटे भाई जगविंदर सिंह चीमा अंतरराष्ट्रीय स्तर के पॉवरलिफ्टर रहे हैं। वह तीन बार एशियाई चैंपियन रहे और एक बार विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीता। वह इस वक्त पंजाब पुलिस, मोहाली में कमांडेंट हैं, लेकिन अर्जुन का रुझान कभी इस खेल की ओर नहीं गया। संदीप के मुताबिक अर्जुन ने जब शूटिंग को अपनाया उस दौरान वह आठवीं कक्षा में थे और तैराकी से इस खेल में आना काफी जोखिम भरा हो सकता था, लेकिन उन्होंने बेटे की फैसले को सम्मान दिया। अर्जुन ने बृहस्पतिवार को सरबजोत सिंह, शिवा नरवाल के साथ एशियाड का टीम स्वर्ण जीता।

शिवा ने एशियाड तो भाई मनीष ने विश्व कप में जीता सोना

Shiva Narwal in 10m Air pistol World Championship finals | Sport-others  News - The Indian Express

फरीदाबाद के नरवाल भाईयों केलिए बृहस्तिवार दोहरी खुशी वाला दिन रहा। एक ओर छोटे भाई शिवा ने एशियाड में 10 मीटर एयर पिस्टल का टीम स्वर्ण जीता तो दूसरी ओर बड़े भाई मनीष नरवाल ने लीमा (पेरू) में विश्व पैरा शूटिंग चैपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण और टीम का रजत जीता। उन्होंने इस प्रदर्शन के साथ पेरिस पैरालंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया। मनीष टोक्यो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता हैं। उन्हीं को देखकर उनके छोटे भाई शिवा और छोटी बहन शिखा नरवाल ने निशानेबाजी शुरू की। तीनों भाई-बहन भारतीय टीम में जगह बना चुके हैं।
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