Nepal Unrest: नेपाल में फंसी वॉलीबॉल टीम को भारत ने सुरक्षित निकाला; मदद की गुहार लगाते वायरल हुआ था वीडियो
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच फंसी वॉलीबॉल टीम को सुरक्षित निकाल लिया। टीवी प्रेजेंटर उपासन गिल की सोशल मीडिया पर वायरल हुई अपील के बाद अधिकारियों ने तेजी से कदम उठाकर टीम को खतरे से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की।

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टीवी प्रेजेंटर और वॉलीबॉल लीग की होस्ट उपासना गिल ने सोशल मीडिया के जरिये एक आपातकालीन वीडियो बनाया था और भारतीय सरकार से उन्हें और टीम को बचाने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि उनका होटल आग की चपेट में आ गया है और वह हिंसक भीड़ के हमले से बचकर भागी हैं। उपासना ने कहा, 'मैं पोखरा में फंसी हुई हूं, होटल जला दिया गया है, मेरा सारा सामान वहीं था। मैं स्पा में थी जब लोग बड़े लाठी लेकर आए। मैं मुश्किल से अपनी जान बचा पाई।' उपासना गिल ने प्रफुल्ल गर्ग के साथ साझा किए वीडियो में कहा कि यहां हालात बहुत खराब हैं।
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने उपासना और टीम के संपर्क में रहकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दूतावास ने प्रभावित खिलाड़ियों को काठमांडू में एक सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया। अधिकांश टीम के सदस्य भारत लौट चुके हैं, जबकि शेष सदस्यों के वापस आने के लिए व्यवस्था की जा रही है।
नेपाल के हालात को लेकर काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल में सभी भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए हैं। दूतावास ने कहा कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने या सहायता की आवश्यकता होने पर : +977- 980 860 2881, +977- 981 032 6134 पर संपर्क कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कदमों और दिशानिर्देशों का पालन करें।
फेसबुक और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी के बाद सोमवार को शुरू हुआ जेन-जी (Gen-Z) आंदोलन सरकार की ओर से पाबंदी हटाने के बावजूद और उग्र हो गया। राजधानी काठमांडो में कर्फ्यू और भारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, विशेष अदालत, राष्ट्रपति आवास, शीर्ष नेताओं के घर और विभिन्न दलों के दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। सिंह दरबार पूरी तरह से राख हो गया है। इसमें पीएम व मंत्रियों के दफ्तर हैं। पीएम ओली के बालकोट और जनकपुर स्थित निजी घरों, पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का का बुढानीलकंठ घर और कांग्रेस महासचिव गगन थापा के रातोपुल निवास तक को निशाना बनाया।