आम तौर पर जिस उम्र में बच्चे खिलौनों या वीडियो गेम से खेलते हैं, उस उम्र में इन दो लड़कियों ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया। एक का नाम मोमिजी निशिया है जबकि दूसरे का नाम रेसा लील। अपना पहला ओलंपिक खेल रही जापान की मोमिजी निशिया ने महज 13 साल 330 दिन की उम्र में महिलाओं की व्यक्तिगत स्केटबोर्डिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। वह इस साल टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनीं। वहीं, दूसरी तरफ इसी इवेंट (स्केटबोर्डिंग) में रजत पदक जीतने वाली रेसा लील की उम्र भी 13 साल है। ब्राजील की रेसा ने 13 साल 203 दिन की उम्र में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इस इवेंट का कांस्य पदक भी जापान की फुना नाकायामा ने जीता, जो महज 16 साल की है। जब से इन तीनों लड़कियों ने पदक जीता है तब से ये सुर्खियों में हैं। वहीं, मंगलवार को अमेरिका की स्कूली छात्रा 17 साल की लीडिया जेकोबी ने महिलाओं की 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। जेकोबी ने एक मिनट 4.95 सेकेंड के समय के साथ खिताब अपने नाम किया। अकसर लोग कहते हैं कि उम्र महज एक संख्या है। मगर कुछ लोग इससे इतर होते हैं। इन बेटियों ने साबित कर दिखाया है कि उम्र महज एक संख्या नहीं होती बल्कि इसी उम्र आप अगर चाहें तो सबकुछ कर सकते हैं। 13-17 साल की बेटियों ने जिस तरह से अब तक इस ओलंपिक में प्रदर्शन किया है वह वाकई काबिले तारीफ है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं ओलंपिक इतिहास के युवा ओलंपियन के बारे में, जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीता है।