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BWF World Junior Championship: स्वर्ण से चूकीं तन्वी शर्मा, विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत से करना पड़ा संतोष
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Mayank Tripathi
Updated Sun, 19 Oct 2025 05:56 PM IST
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सार
इसके साथ ही तन्वी ने रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया। यह भारत के लिए 17 वर्षों में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में मिला पहला पदक है। इससे पहले साइना नेहवाल ने 2008 में स्वर्ण और 2006 में रजत, जबकि अपर्णा पोपट ने 1996 में रजत पदक जीता था।

तन्वी शर्मा
- फोटो : DD News
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विस्तार
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी तन्वी शर्मा का बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने का सपना रविवार को टूट गया। महिला एकल फाइनल में उन्हें थाईलैंड की अन्यापत फिचितप्रीचासक के हाथों सीधे गेम में हार का सामना करना पड़ा। सिर्फ 16 वर्ष की तन्वी, साइना नेहवाल और अपर्णा पोपट के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली केवल तीसरी भारतीय महिला शटलर बनीं। हालांकि, फाइनल में वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से कुछ दूर रहीं और दूसरी वरीयता प्राप्त थाई खिलाड़ी से 7-15, 12-15 से हार गईं।
रजत के साथ समाप्त किया अभियान
इसके साथ ही तन्वी ने रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया। यह भारत के लिए 17 वर्षों में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में मिला पहला पदक है। इससे पहले साइना नेहवाल ने 2008 में स्वर्ण और 2006 में रजत, जबकि अपर्णा पोपट ने 1996 में रजत पदक जीता था। फाइनल की शुरुआत में मुकाबला कड़ा रहा और दोनों खिलाड़ी 2-2 से लेकर 4-4 तक बराबरी पर रहीं। इसके बाद थाई खिलाड़ी ने तन्वी की कुछ गलतियों का फायदा उठाते हुए 10-5 की बढ़त बना ली और पहला गेम आसानी से अपने नाम किया।
दूसरे गेम में तन्वी ने बेहतर वापसी की और कुछ सटीक डीप रिटर्न लगाकर 6-1 की बढ़त हासिल की। लेकिन जल्द ही उनकी गलतियां बढ़ीं और थाई खिलाड़ी ने अंतर घटाकर 7-5 कर दिया। मध्यांतर तक तन्वी 8-5 से आगे थीं, मगर इसके बाद फिचितप्रीचासक ने उन्हें बार-बार नेट पर खेलने के लिए मजबूर किया, जिससे तन्वी की त्रुटियां बढ़ गईं। थाई खिलाड़ी ने स्कोर 8-8 से बराबर कर लिया और फिर आत्मविश्वास भरे खेल के साथ बढ़त हासिल की, जिसे उन्होंने अंत तक बनाए रखा और मैच जीतकर विश्व जूनियर चैंपियन बन गईं।

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रजत के साथ समाप्त किया अभियान
इसके साथ ही तन्वी ने रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया। यह भारत के लिए 17 वर्षों में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में मिला पहला पदक है। इससे पहले साइना नेहवाल ने 2008 में स्वर्ण और 2006 में रजत, जबकि अपर्णा पोपट ने 1996 में रजत पदक जीता था। फाइनल की शुरुआत में मुकाबला कड़ा रहा और दोनों खिलाड़ी 2-2 से लेकर 4-4 तक बराबरी पर रहीं। इसके बाद थाई खिलाड़ी ने तन्वी की कुछ गलतियों का फायदा उठाते हुए 10-5 की बढ़त बना ली और पहला गेम आसानी से अपने नाम किया।
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दूसरे गेम में तन्वी ने बेहतर वापसी की और कुछ सटीक डीप रिटर्न लगाकर 6-1 की बढ़त हासिल की। लेकिन जल्द ही उनकी गलतियां बढ़ीं और थाई खिलाड़ी ने अंतर घटाकर 7-5 कर दिया। मध्यांतर तक तन्वी 8-5 से आगे थीं, मगर इसके बाद फिचितप्रीचासक ने उन्हें बार-बार नेट पर खेलने के लिए मजबूर किया, जिससे तन्वी की त्रुटियां बढ़ गईं। थाई खिलाड़ी ने स्कोर 8-8 से बराबर कर लिया और फिर आत्मविश्वास भरे खेल के साथ बढ़त हासिल की, जिसे उन्होंने अंत तक बनाए रखा और मैच जीतकर विश्व जूनियर चैंपियन बन गईं।