{"_id":"6864e23b8d480dd23208c76d","slug":"wimbledon-upset-in-first-round-gauff-and-zverev-out-kvitova-bids-goodbye-to-wimbledon-djokovic-tough-win-2025-07-02","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Wimbledon: पहले ही दौर में उलटफेर, गॉफ और ज्वेरेव बाहर; क्वितोवा ने विंबलडन को अलविदा कहा, जोकोविच की कठिन जीत","category":{"title":"Tennis","title_hn":"टेनिस","slug":"tennis"}}
Wimbledon: पहले ही दौर में उलटफेर, गॉफ और ज्वेरेव बाहर; क्वितोवा ने विंबलडन को अलविदा कहा, जोकोविच की कठिन जीत
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Wed, 02 Jul 2025 01:09 PM IST
विज्ञापन
सार
पिछले साल विंबलडन और इस साल फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनलिस्ट रहे सातवें नंबर के खिलाड़ी लोरेंजो मुसेट्टी भी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाए। उन्हें निकोलोज बेसिलशविली ने बाहर का रास्ता दिखाया।

जोकोविच, क्वितोवा, ज्वेरेव और गॉफ
- फोटो : ANI

विस्तार
नोवाक जोकोविच ने पेट की समस्या के बावजूद चार सेट तक चले मैच में जीत दर्ज करके विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में जगह बनाई। हालांकि, पहले ही दौर में दो बड़े उलटफेर देखने को मिले। तीन बार ग्रैंड स्लैम फाइनलिस्ट और तीसरी वरीयता प्राप्त अलेक्जेंडर ज्वेरेव और महिला वर्ग में दूसरी वरीयता प्राप्त कोको गॉफ पहले दौर में बाहर हो गए। वहीं, दो बार की चैंपियन पेत्रा क्वितोवा ने मंगलवार को यहां अमेरिका की ऐमा नवारो के खिलाफ हार के साथ अपने पसंदीदा ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट विंबलडन को अलविदा कहा।
विज्ञापन
Trending Videos
जोकोविच काे पहले दौर के मैच में पेट की समस्या के कारण दो बार डॉक्टर की मदद लेनी पड़ी लेकिन आखिर में वह एलेक्जेंडर मुलर को 6-1, 6-7 (7), 6-2, 6-2 से हराने में सफल रहे। रिकॉर्ड 24 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता ने बाद में कहा, 'मैं 45 मिनट तक पेट की समस्या से परेशान रहा लेकिन डॉक्टरों की चमत्कारिक गोलियों से मैं अपनी ऊर्जा वापस पाने में सफल रहा।' ज्वेरेव को पहले दौर में 72वीं रैंकिंग वाले आर्थर रिंडरक्नेच से पांच सेटों में चार घंटे 40 मिनट में 7-6 (3), 6-7 (8), 6-3, 6-7 (5), 6-4 से हार का सामना करना पड़ा। रिंडरक्नेच का ऑल इंग्लैंड क्लब में 1-4 का करियर रिकॉर्ड था और वह ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में 18 बार तीसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
पिछले साल विंबलडन और इस साल फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनलिस्ट रहे सातवें नंबर के खिलाड़ी लोरेंजो मुसेट्टी भी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाए। उन्हें निकोलोज बेसिलशविली ने बाहर का रास्ता दिखाया। दुनिया में 126वें नंबर के खिलाड़ी और यहां क्वालिफायर बेसिलशविली अपने पिछले 31 ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में केवल एक बार चौथे दौर तक पहुंच पाए हैं।
विंबलडन में मंगलवार को उलटफेर का दौर जारी रहा तथा महिला एकल में खिताब की प्रबल दावेदार गॉफ भी पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाई। उन्हें दयाना यास्त्रेम्स्का ने 7-6 (3), 6-1 से हराया। इस तरह से विंबलडन में पहले दो दिन में 23 वरीयता प्राप्त खिलाड़ी (13 पुरुष और 10 महिला) दूसरे दौर में पहुंचने में असफल रहे। दूसरे दिन बाहर होने वाले वरीयता प्राप्त पुरुष खिलाड़ियों में 18वें नंबर के उगो हम्बर्ट, 27वें नंबर के डेनिस शापोवालोव, 28वें नंबर के अलेक्जेंडर बुब्लिक और 30वें नंबर के एलेक्स मिशेलसन शामिल थे।
नवारो ने क्वितोवा को हराया
चेक गणराज्य की 35 साल की क्वितोवा को 10वीं वरीय नवारो के खिलाफ सीधे सेट में 3-6, 1-6 से हार का सामना करना पड़ा। साल 2011 और 2014 में यहां खिताब जीतने वाली क्वितोवा ने सितंबर में होने वाले अमेरिकी ओपन के बाद डब्ल्यूटीए टूर को अलविदा कहने की योजना बनाई है। भावुक क्वितोवा ने मैच के बाद कोर्ट पर कहा, 'यह जगह मेरे लिए सबसे अच्छी यादें समेटे हुए है।'
क्वितोवा ने कहा, 'मैंने कभी विंबलडन जीतने का सपना नहीं देखा था और मैंने इसे दो बार जीता। यह बेहद खास बात है। मुझे विंबलडन की कमी खलेगी। मुझे टेनिस की कमी खलेगी, मुझे आप प्रशंसकों की कमी खलेगी लेकिन मैं जीवन के अगले अध्याय के लिए भी तैयार हूं।' वाइल्ड कार्ड आमंत्रण पर यहां खेलने वाली क्वितोवा मातृत्व अवकाश के कारण पिछले साल के टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाईं थी। क्वितोवा ने 2011 में यहां फाइनल में मारिया शारापोवा को 6-3, 6-4 जबकि 2014 में फाइनल में युगिनी बुचार्ड को 6-3, 6-0 से हराया था।
चेक गणराज्य की 35 साल की क्वितोवा को 10वीं वरीय नवारो के खिलाफ सीधे सेट में 3-6, 1-6 से हार का सामना करना पड़ा। साल 2011 और 2014 में यहां खिताब जीतने वाली क्वितोवा ने सितंबर में होने वाले अमेरिकी ओपन के बाद डब्ल्यूटीए टूर को अलविदा कहने की योजना बनाई है। भावुक क्वितोवा ने मैच के बाद कोर्ट पर कहा, 'यह जगह मेरे लिए सबसे अच्छी यादें समेटे हुए है।'
क्वितोवा ने कहा, 'मैंने कभी विंबलडन जीतने का सपना नहीं देखा था और मैंने इसे दो बार जीता। यह बेहद खास बात है। मुझे विंबलडन की कमी खलेगी। मुझे टेनिस की कमी खलेगी, मुझे आप प्रशंसकों की कमी खलेगी लेकिन मैं जीवन के अगले अध्याय के लिए भी तैयार हूं।' वाइल्ड कार्ड आमंत्रण पर यहां खेलने वाली क्वितोवा मातृत्व अवकाश के कारण पिछले साल के टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाईं थी। क्वितोवा ने 2011 में यहां फाइनल में मारिया शारापोवा को 6-3, 6-4 जबकि 2014 में फाइनल में युगिनी बुचार्ड को 6-3, 6-0 से हराया था।