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Meta: सरकार के नए नियम बन सकते हैं यूजर्स और व्यापारियों के लिए मुसीबत, जानिए कैसे बढ़ी वाट्सएप की मुश्किलें?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Mon, 15 Dec 2025 01:31 PM IST
सार

भारत सरकार के नए निर्देशों ने मैसेजिंग एप्स, खासकर वाट्सएप के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। नए नियमों के तहत अकाउंट को एक्टिव सिम से जोड़े रखना और वाट्सएप वेब वर्जन पर हर 6 घंटे में लॉगआउट अनिवार्य किया गया है। जिससे लोगों को परेशानी आ सकती है।

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India’s New Rules Put WhatsApp Under Pressure, Biggest Challenge Yet for Meta
वाट्सएप (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : whatsapp
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वाट्सएप जिसका इस्तेमाल भारत में करोड़ों लोग रोजमर्रा की बातचीत और काम के लिए करते हैं। इस समय देश में मुश्किल दौर से गुजर रहा है। भारत सरकार के हालिया निर्देशों ने एप के काम करने के तरीके को बदलने का दबाव बना दिया है। जिसका सीधा असर आम यूजर्स और छोटे व्यापारियों पर पड़ सकता है।

क्या हैं नए नियम?

सरकार ने पिछले महीने के अंत में कुछ निर्देश जारी किए थे, जिन्हें हाल ही में सार्वजनिक किया गया है। इन नियमों के अनुसार मैसेजिंग एप्स जैसे वाट्सएप, टेलीग्राम, और सिग्नल के अकाउंट को अब हमेशा एक 'एक्टिव सिम कार्ड' से लिंक रहना होगा। इसके अलावा सबसे बड़ा बदलाव उन लोगों के लिए है जो लैपटॉप या कंप्यूटर पर वाट्सएप चलाते हैं। नए नियमों के मुताबिक, वेब और डेस्कटॉप वर्जन पर यूजर्स को हर 6 घंटे में लॉग आउट करना होगा। और दोबारा एक्सेस पाने के लिए QR कोड के जरिए डिवाइस को फिर से लिंक करना होगा। इन नियमों का पालन करने के लिए कंपनियों को निर्देश जारी होने की तारीख यानी 28 नवंबर से 90 दिनों का समय दिया गया है।

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सरकार का तर्क

सरकार का कहना है कि ये सख्त कदम बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए उठाए गए हैं। दूरसंचार मंत्रालय के अनुसार, 2024 में भारत में साइबर धोखाधड़ी के कारण 228 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सरकार का मानना है कि 'सिम-बाइंडिंग' (SIM-binding) और 6 घंटो में लॉग आउट कराने से हर अकाउंट और वेब सेशन एक सत्यापित (KYC-verified) सिम से जुड़ा रहेगा। इससे फिशिंग, डिजिटल अरेस्ट और लोन स्कैम जैसे अपराधों में शामिल नंबरों को ट्रेस करना आसान हो जाएगा। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि रोमिंग के दौरान यह नियम लागू नहीं होगा।

छोटे व्यापारियों पर पड़ेगा गहरा असर

वैसे तो ये नियम सभी बड़े मैसेजिंग एप्स पर लागू होते हैं, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर वाट्सएप पर होगा। जिसके भारत में 50 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। विशेष रूप से 'वाट्सएप बिजनेस' का इस्तेमाल करने वाले छोटे व्यापारियों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन सकता है। कई दुकानदार और छोटे व्यापारी एक स्मार्टफोन पर अपना बिजनेस अकाउंट रजिस्टर करते हैं। लेकिन ग्राहकों के ऑर्डर लेने और उनसे बात करने के लिए कंप्यूटर पर वाट्सएप वेब का इस्तेमाल करते हैं। हर 6 घंटे में जबरन लॉग आउट होने से उनका काम बार-बार रुकेगा और ग्राहकों को सुविधा मुहैया कराने में दिक्कत आएगी।

इंडस्ट्री और विशेषज्ञों की चिंताएं

डिजिटल वकालत समूहों और 'ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम' (BIF) जिसमें मेटा भी शामिल है, ने चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इससे आम यूजर्स को भारी असुविधा होगी। साथ ही यह तकनीकी रूप से लागू करना मुश्किल है। इसके अलावा यह मैसेजिंग एप्स को टेलीकॉम नियमों के दायरे में लाने की कोशिश है, जबकि ये पारंपरिक रूप से आईटी एक्ट के तहत आते हैं। नीति विशेषज्ञों का कहना है कि बिना किसी सार्वजनिक चर्चा के ऐसे नियम थोपने से फ्रॉड तो शायद न रुके, लेकिन वैध यूजर्स के लिए मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी।

वाट्सएप का भारत में बदलता स्वरूप

Sensor Tower के डाटा के मुताबिक, भारत में वाट्सएप का यूजर बेस बहुत मजबूत है। नवंबर में, भारत के 94% मंथली यूजर्स ने इसे रोजाना खोला। वहीं, वाट्सएप बिजनेस के डाउनलोड्स अब सामान्य वाट्सएप मैसेंजर से ज्यादा हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत में इस एप की ग्रोथ अब नए यूजर्स से ज्यादा व्यापारियों और बिजनेस पर निर्भर हो रही है।

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