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AON: 2025 में साइबर अटैक और डाटा प्राइवेसी भारतीय कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता, नए सर्वे में हुआ खुलासा

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Wed, 19 Nov 2025 06:50 PM IST
सार

एक नए सर्वे में पता चला है कि ज्यादातर भारतीय कंपनियां 2025 में साइबर अटैक और डाटा प्राइवेसी को अपनी सबसे बड़ी चिंता मान रही हैं। AON की 2025 ग्लोबल रिस्क मैनेजमेंट सर्वे के अनुसार, भारतीय बिजनेस के लिए 'साइबर अटैक और डाटा ब्रीच' सबसे बड़ा जोखिम है। 

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A new survey shows Indian companies consider cyber threats data privacy as top risk agenda in 2025
एक नए सर्वे में पता चला है कि ज्यादातर भारतीय कंपनियां 2025 में साइबर अटैक और डाटा प्राइवेसी को अपनी सबसे बड़ी चिंता मान रही हैं (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : फ्रीपिक
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डिजिटल बदलाव, टैलेंट की कमी और बढ़ते नियम-कानूनों के बीच, एक नए सर्वे में पता चला है कि ज्यादातर भारतीय कंपनियां 2025 में साइबर अटैक और डाटा प्राइवेसी को अपनी सबसे बड़ी चिंता मान रही हैं। AON की 2025 ग्लोबल रिस्क मैनेजमेंट सर्वे के अनुसार, भारतीय बिजनेस के लिए 'साइबर अटैक और डाटा ब्रीच' सबसे बड़ा जोखिम बना हुआ है। इसके साथ ही 'डाटा प्राइवेसी नियमों का पालन न करना' भी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इसका मतलब है कि बदलते भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का कंपनियों पर बड़ा असर पड़ रहा है।

सर्वे में यह भी सामने आया कि कंपनियों को सही टैलेंट ढूंढने और उन्हें लंबे समय तक रोक पाने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा 'प्रॉपर्टी डैमेज' और 'करेंसी रेट में उतार-चढ़ाव' जैसे जोखिम भारत में एशिया के बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।

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AON इंडिया के सीईओ ऋषि मेहरा का कहना है कि भारतीय कंपनियां डिजिटल बदलाव, टैलेंट चुनौतियों और वैश्विक हालातों के बीच काफी तेजी से एडजस्ट कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे साइबर अटैक और डाटा प्राइवेसी से जुड़े खतरे बढ़ रहे हैं, कंपनियों को अपनी सुरक्षा और तैयारियां दोनों मजबूत करनी होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कंपनियां मजबूत रिस्क मैनेजमेंट प्लान और आगे की सोच अपनाती हैं, तो वे इस मुश्किल माहौल में भी लंबे समय तक सफलता हासिल कर सकती हैं। यह सर्वे हर दो साल में किया जाता है और इसमें भारत समेत 63 देशों के करीब 3,000 रिस्क मैनेजर, सी-सूट लीडर्स और अधिकारी शामिल हुए।

सर्वे के अनुसार, भारत की 70% कंपनियों के पास अब अपना अलग रिस्क मैनेजमेंट और इंश्योरेंस डिपार्टमेंट है। 64.9% कंपनियां बीमायोग्य जोखिमों की कुल लागत को माप रही हैं और अधिकांश का कहना है कि इन लागतों में बढ़ोतरी हो रही है। AON इंडिया के MD सुशांत सरिन का कहना है कि डाटा-आधारित इनसाइट्स और इंडस्ट्री बेंचमार्किंग कंपनियों को जोखिमों से निपटने और प्रतियोगिता में आगे बने रहने में मदद करेंगे।

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