सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Tech Diary ›   How made-in India iPhones are slowly killing Chinas iPhone City

iPhone: एपल की भारत पर बढ़ रही निर्भरता, जानिए 'मेड-इन-इंडिया' आईफोन से चीन की 'आईफोन सिटी' पर क्या असर पड़ा?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Fri, 21 Nov 2025 04:29 PM IST
सार

दुनिया में बनने वाले आईफोन में से अब करीब 20% भारत में बनाए जा रहे हैं। ले मोंडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एपल चीन से उत्पादन हटाकर धीरे-धीरे भारत की ओर शिफ्ट कर रहा है और इसी वजह से चीन की मशहूर 'आईफोन सिटी' पर असर पड़ रहा है।

विज्ञापन
How made-in India iPhones are slowly killing Chinas iPhone City
एपल की भारत पर बढ़ती निर्भरता से चीन की मशहूर 'आईफोन सिटी' पर असर पड़ रहा है। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दुनिया में बनने वाले आईफोन में से अब करीब 20% भारत में बनाए जा रहे हैं। यह संख्या 2024 और 2025 में तेजी से बढ़ी है। ले मोंडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एपल चीन से उत्पादन हटाकर धीरे-धीरे भारत की ओर शिफ्ट कर रहा है और इसी वजह से चीन की मशहूर 'आईफोन सिटी' पर असर पड़ रहा है।

Trending Videos

चीन की 'आईफोन सिटी' पर बढ़ता दबाव

चीन के झेंगझोऊ शहर में फॉक्सकॉन का विशाल प्लांट कभी पीक सीजन में 3 लाख तक मजदूरों को काम पर रखता था। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। श्रमिकों की कमी, सख्त नियम, मौसमी मजदूरों की घटती संख्या ने संख्या को झटका दिया है। हर साल अगस्त से नवंबर के बीच आईफोन लॉन्च से पहले उत्पादन बढ़ता है। उसी समय फॉक्सकॉन हजारों अस्थायी मजदूर रखता है। जैसे अगस्त 2024 में आईफोन 16 सीरीज के लिए 50,000 अस्थायी कर्मचारियों को बुलाया गया था। लेकिन चीन के नए नियमों के मुताबिक, किसी कंपनी में 10% से ज्यादा अस्थायी कर्मचारी नहीं हो सकते। रिपोर्ट में दावा है कि झेंगझोऊ में आधे से ज्यादा कर्मचारी अस्थायी हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन


इस मॉडल की लंबे समय से आलोचना होती रही है। नौकरी में अस्थिरता, खराब वर्किंग कंडीशंस, बोनस-भत्तों पर हर साल विवाद और कम सैलरी और बोनस पर निर्भरता इसकी मुख्य वजह रही है। रिपोर्ट के अनुसार, प्लांट में महीने का बेसिक वेतन लगभग 295 डॉलर है, जो स्थानीय औसत कमाई से काफी कम है। इसी वजह से फॉक्सकॉन को मजदूरों को आकर्षित करने के लिए भारी बोनस देने पड़ते हैं। पीक सीजन में बोनस 1,300 डॉलर प्रति माह तक पहुंच जाता है। मजदूर कुछ महीने काम करते हैं और जैसे ही काम कम होता है नौकरी छोड़ देते हैं।

फॉक्सकॉन की पीक वर्कफोर्स भी कम होकर 3 लाख से घटकर 1.5 लाख रह गई है। वजह साफ है एपल तेजी से उत्पादन भारत में बढ़ा रहा है। 

भारत आईफोन बनाने का नया बड़ा ठिकाना

2024-25 में भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग रिकॉर्ड तेजी से बढ़ी है। अब दुनिया के कुल आईफोन उत्पादन का 20% भारत में बन रहा है। एपल चीन पर निर्भरता कम करना चाहता है और भारत भी स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है। फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियां तमिलनाडु और कर्नाटक में नए प्लांट बना रही हैं। भारत धीरे-धीरे वही जिम्मेदारी संभाल रहा है जो पहले सिर्फ झेंगझोऊ निभाता था।

चीन की पकड़ हो रही है कमजोर

चीन अभी भी बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब है, लेकिन उसकी 'आईफोन सिटी' की पकड़ ढीली होती दिख रही है। भारत तेजी से एपल की सप्लाई चेन का अगला बड़ा केंद्र बन रहा है और इसे आईफोन के इतिहास का सबसे बड़ा भौगोलिक बदलाव माना जा रहा है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed