IT Rules: ऑनलाइन कंटेंट हटाना अब होगा आसान; केंद्र ने बदले आईटी नियम, 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे
केंद्र ने आईटी नियम 2021 में संशोधन कर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अवैध कंटेंट हटाने के लिए अब स्पष्ट कानूनी आधार और वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी है। संशोधन के तहत ऑनलाइन कंटेंट हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया है।

विस्तार
इंटरनेट पर अवैध कंटेंट को हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) नियम , 2021 में जरूरी संशोधन किए हैं। ये संशोधित नियम 1 नवंबर 2025 से प्रभावी हो जाएंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कहा है कि नए बदलावों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सोशल मीडिया कंपनियां और अन्य इंटरमीडियरी स्पष्ट प्रक्रियाओं के तहत अवैध सामग्री को हटाएं और यह कार्रवाई बहुत ज्यादा मात्रा में या मनमानी तरीके से न हो।

नियम 3(1)(d) में कैसे हुआ बदलाव?
नियम 3(1)(d) के तहत: इंटरमीडियरी को अवैध कंटेंट हटाने के लिए या तो अदालती आदेश या सरकारी निर्देश प्राप्त होने पर कार्रवाई करनी होती है। अब इस प्रक्रिया में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय शामिल किए गए हैं ताकि हर कार्रवाई का कानूनी आधार और तर्क स्पष्ट रहे। MeitY के अनुसार: “किसी कंटेंट को हटाने के निर्देश में अब संबंधित कानून, नियम और सटीक यूआरएल जैसी जानकारी देना अनिवार्य होगा।” पहले केवल 'नोटिफिकेशन' का व्यापक आधार होता था, जिसे अब बदलकर ‘Reasoned Intimation’ किया गया है। इससे सेक्शन 79(3)(b) के तहत स्पष्टता बढ़ेगी।
कौन जारी करेगा कंटेंट हटाने का निर्देश?
अब ऐसे अनुरोध केवल वरिष्ठ अधिकारियों के जरिए किए जा सकेंगे:
विभाग/प्राधिकरण | न्यूनतम रैंक |
केंद्र/राज्य सरकार | जॉइंट सेक्रेटरी या समकक्ष |
पुलिस विभाग | DIG (Deputy Inspector General) स्तर के अधिकृत अधिकारी |
जहाँ यह पद उपलब्ध न हो, वहाँ डायरेक्टर रैंक के अधिकारी को अधिकार दिया जाएगा।
हर महीने होगी उच्चस्तरीय समीक्षा
नए नियमों के अनुसार: नियम 3(1)(d) के तहत जारी सभी निर्देशों की हर महीने संबंधित सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी के जरिए समीक्षा होगी। इससे कंटेंट हटाने की प्रक्रिया में अत्यधिक सेंसरशिप की संभावना कम होगी और उत्तरदायित्व तय होगा।
क्यों जरूरी थे ये बदलाव?
MeitY की समीक्षा में पाया गया:
- वरिष्ठ स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए
- अवैध सामग्री के दायरे को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना जरूरी है
- सरकारी निर्देशों की समय-समय पर उच्चस्तरीय जांच जरूरी है
नागरिक अधिकारों और नियामक शक्तियों में संतुलन
सरकार का कहना है कि नए संशोधन:
- नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगे
- वहीं राज्य की वैध नियामक शक्तियों को भी मजबूत बनाएंगे
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी बढ़ेगी और यूजर्स की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
आईटी नियम का टाइमलाइन
वर्ष | बड़ा अपडेट |
2021 | आईटी नियम लागू |
2022 | पहला संशोधन |
2023 | दूसरा संशोधन |
2025 (1 नवंबर) | नया संशोधन लागू |
डिजिटल जगत में गलत सूचना, साइबर अपराध और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए यह संशोधन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नए नियम लागू होने के बाद:
- कंटेंट मॉडरेशन पारदर्शी होगा
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अधिक जिम्मेदार होंगे
- मनमाना कंटेंट हटाने पर रोक लगेगी