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Elon Musk: एलन मस्क ने फिर साधा OpenAI पर निशाना, बोले– ‘झूठ पर बना संगठन, चैरिटी चुराकर बनी है कंपनी’
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 13 Oct 2025 01:09 PM IST
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सार
टेस्ला के CEO एलन मस्क ने एक बार फिर OpenAI पर हमला बोला है। उन्होंने इस AI कंपनी को “झूठ पर बना संगठन” बताया और आरोप लगाया कि यह एक गैर-लाभकारी संस्था के नाम पर शुरू हुई थी, लेकिन बाद में इसे निजी मुनाफे के लिए इस्तेमाल किया गया।

OpenAI पर एलन मस्क ने लगाए आरोप
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
टेक अरबपति एलन मस्क ने एक बार फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने कंपनी को “झूठ पर बना संगठन” कहा है। मस्क ने यह टिप्पणी उस समय की जब OpenAI की पूर्व बोर्ड मेंबर हेलेन टोनर ने कंपनी के कामकाज को लेकर अपने विचार साझा किए।
हेलेन टोनर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर लिखा, “कभी-कभी OpenAI के कर्मचारी मुझसे पूछते हैं कि मैं अब कंपनी को कैसे देखती हूं। कुछ चीजें अच्छी हैं जैसे सिस्टम कार्ड्स बनाना या CoT मॉनिटरिंग, लेकिन नीति से जुड़े मामलों में उनकी बेईमानी और डराने की रणनीति चिंताजनक है।”
मस्क ने इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “OpenAI is built on a lie”, यानी “OpenAI एक झूठ पर बना है।”
मस्क ने लगाया चैरिटी चुराने का आरोप
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाए कि “क्या OpenAI एक नॉन-प्रॉफिट संस्था नहीं थी?” इस पर मस्क ने जवाब दिया, “उन्होंने एक चैरिटी चुरा ली और उसे अपने निजी मुनाफे के लिए इस्तेमाल किया।”
यह पहली बार नहीं है जब मस्क ने OpenAI पर ऐसा आरोप लगाया हो। वे लंबे समय से AI गवर्नेंस और ट्रांसपेरेंसी को लेकर चिंता जताते रहे हैं।
गैर-लाभकारी से लाभकारी बनने पर आपत्ति
पिछले महीने भी मस्क ने OpenAI के उस कथित प्लान की आलोचना की थी, जिसमें कंपनी अपने नॉन-प्रॉफिट स्ट्रक्चर को फॉर प्रॉफिट एंटिटी में बदलने पर विचार कर रही थी। मस्क ने कहा था कि आप किसी नॉन-प्रॉफिट को सीधे फॉर-प्रॉफिट में नहीं बदल सकते, यह अवैध है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्तावित बदलाव के तहत OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन को कंपनी में लगभग 7% हिस्सेदारी मिल सकती है।
OpenAI की शुरुआत और विवाद की जड़
साल 2015 में OpenAI को एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में शुरू किया गया था, जिसका मकसद सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से AI रिसर्च करना था। लेकिन 2019 में कंपनी ने OpenAI LP नाम की एक प्रॉफिट वाली सब्सीडियरी कंपनी बनाई जिससे उसे Microsoft जैसी कंपनियों से निवेश प्राप्त करने में मदद मिली। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई और अब मस्क बार-बार कंपनी पर चैरिटी को निजी लाभ में बदलने का आरोप लगा रहे हैं।

हेलेन टोनर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर लिखा, “कभी-कभी OpenAI के कर्मचारी मुझसे पूछते हैं कि मैं अब कंपनी को कैसे देखती हूं। कुछ चीजें अच्छी हैं जैसे सिस्टम कार्ड्स बनाना या CoT मॉनिटरिंग, लेकिन नीति से जुड़े मामलों में उनकी बेईमानी और डराने की रणनीति चिंताजनक है।”
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मस्क ने इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “OpenAI is built on a lie”, यानी “OpenAI एक झूठ पर बना है।”
मस्क ने लगाया चैरिटी चुराने का आरोप
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाए कि “क्या OpenAI एक नॉन-प्रॉफिट संस्था नहीं थी?” इस पर मस्क ने जवाब दिया, “उन्होंने एक चैरिटी चुरा ली और उसे अपने निजी मुनाफे के लिए इस्तेमाल किया।”
यह पहली बार नहीं है जब मस्क ने OpenAI पर ऐसा आरोप लगाया हो। वे लंबे समय से AI गवर्नेंस और ट्रांसपेरेंसी को लेकर चिंता जताते रहे हैं।
गैर-लाभकारी से लाभकारी बनने पर आपत्ति
पिछले महीने भी मस्क ने OpenAI के उस कथित प्लान की आलोचना की थी, जिसमें कंपनी अपने नॉन-प्रॉफिट स्ट्रक्चर को फॉर प्रॉफिट एंटिटी में बदलने पर विचार कर रही थी। मस्क ने कहा था कि आप किसी नॉन-प्रॉफिट को सीधे फॉर-प्रॉफिट में नहीं बदल सकते, यह अवैध है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्तावित बदलाव के तहत OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन को कंपनी में लगभग 7% हिस्सेदारी मिल सकती है।
OpenAI की शुरुआत और विवाद की जड़
साल 2015 में OpenAI को एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में शुरू किया गया था, जिसका मकसद सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से AI रिसर्च करना था। लेकिन 2019 में कंपनी ने OpenAI LP नाम की एक प्रॉफिट वाली सब्सीडियरी कंपनी बनाई जिससे उसे Microsoft जैसी कंपनियों से निवेश प्राप्त करने में मदद मिली। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई और अब मस्क बार-बार कंपनी पर चैरिटी को निजी लाभ में बदलने का आरोप लगा रहे हैं।