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FADA: एसयूवी के बढ़ते क्रेज के बीच भी बनी रहेगी हैचबैक की अहमियत, जीएसटी में कटौती से मिली नई उम्मीद

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Sun, 28 Sep 2025 01:18 PM IST
सार

Hatchback Vs SUV: ऑटो सेक्टर में एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद हैचबैक कारों की अहमियत खत्म नहीं होगी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) का कहना है कि जीएसटी कटौती और कस्टमर डिमांड की वजह से छोटे कार सेगमेंट की बाजार में अपनी पकड़ बनी रहेगी।

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हैचबैक कार - फोटो : Tata Motors
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विस्तार
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देश में कार बाजार तेजी से "एसयूवीकरण" की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद हैचबैक कारों का अस्तित्व खत्म नहीं होगा। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर का कहना है कि छोटे कार सेगमेंट की अपनी अलग पहचान हमेशा बनी रहेगी।
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उन्होंने कहा कि एसयूवी भले ही स्टाइल, कम्फर्ट और सुरक्षा के लिए खरीदी जा रही हों, लेकिन अब भी एक बड़ी संख्या ऐसे ग्राहकों की है जो हैचबैक पसंद करते हैं।
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मारुति और हुंडई की राय
मारुति सुजुकी, जो हैचबैक सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी है, का अनुमान है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद छोटे कार बाजार में लगभग 10% की ग्रोथ होगी। वहीं, हुंडई मोटर इंडिया का मानना है कि माइक्रो एसयूवी जैसे एक्सटर और पंच हैचबैक की हिस्सेदारी कम कर देंगे, क्योंकि कस्टमर की पसंद बदल चुकी है।
एसयूवी के बढ़ते क्रेज के बीच भी बनी रहेगी हैचबैक की अहमियत: फाडा अध्यक्ष

ऑटो सेक्टर में एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद हैचबैक कारों की अहमियत खत्म नहीं होगी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) का कहना है कि जीएसटी कटौती और कस्टमर डिमांड की वजह से छोटे कार सेगमेंट की बाजार में अपनी पकड़ बनी रहेगी।

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जीएसटी कटौती बनी उम्मीद - फोटो : AI
हुंडई इंडिया के सीओओ तरुण गर्ग ने कहा कि जीएसटी कटौती का फायदा सिर्फ हैचबैक तक सीमित नहीं है। इसका असर एसयूवी पर भी पड़ा है और 6-10 लाख रुपये की रेंज में पहले हैचबैक बिकते थे, अब एसयूवी ज्यादा खरीदी जा रही हैं।

बनी रहेगी हैचबैक की डिमांड
फाडा अध्यक्ष के अनुसार, छोटे कारों की मांग इसलिए भी बनी रहेगी क्योंकि इस सेगमेंट में आज भी ज्यादातर कंपनियां कई मॉडल पेश कर रही हैं। यही वजह है कि बाजार सक्रिय है, जबकि मिड-साइज सेडान का मार्केट लगातार सिकुड़ रहा है।

उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019 से 2025 के बीच एंट्री-लेवल हैचबैक की बिक्री 60% घटकर 3.7 लाख यूनिट से 1.44 लाख यूनिट रह गई। दूसरी तरफ, इसी अवधि में पैसेंजर व्हीकल की कुल बिक्री 28.5% बढ़कर 43.38 लाख यूनिट तक पहुंच गई।

छोटे कारों के लिए उम्मीद
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पार्थो बनर्जी का कहना है कि टैक्स में छूट, रेपो रेट में कमी से घटती ईएमआई और जीएसटी कटौती जैसे फैक्टर छोटे कारों को और सस्ता बना देंगे। इससे टू-व्हीलर यूजर्स भी अपग्रेड होकर कार सेगमेंट में आ सकते हैं।

ऑटो इंडस्ट्री में एसयूवी का दबदबा जरूर बढ़ा है, लेकिन हैचबैक का बाजार खत्म होने की संभावना नहीं है। आने वाले वक्त में दोनों सेगमेंट साथ-साथ मौजूद रहेंगे, हालांकि मिड-साइज सेडान का भविष्य कमजोर होता नजर आ रहा है।
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