{"_id":"680e2f5efeb6cf1b4606f110","slug":"i4c-department-can-now-share-information-to-enforcement-directorate-to-find-money-trail-in-money-laundering-ca-2025-04-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"साइबर फ्रॉड पर सख्ती: अब ED से सूचनाओं को साझा कर मनी ट्रेल का पता लगाना होगा आसान","category":{"title":"Tech Diary","title_hn":"टेक डायरी","slug":"tech-diary"}}
साइबर फ्रॉड पर सख्ती: अब ED से सूचनाओं को साझा कर मनी ट्रेल का पता लगाना होगा आसान
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Sun, 27 Apr 2025 06:52 PM IST
सार
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर बताया कि I4C को अब PMLA की धारा 66 के तहत शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अब I4C और ED के बीच सूचनाओं का साझा करना आसान होगा
विज्ञापन
साइबर क्राइम
- फोटो : Freepik
विज्ञापन
विस्तार
साइबर अपराध पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कानून PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का अधिकार मिल गया है।
गृह मंत्रालय के तहत स्थापित I4C को देश में साइबर क्राइम पर काबू पाने के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और साइबर अपराध से निपटने की भारत की क्षमता को मजबूत करना है।
मनी ट्रेल का पता लगाना होगा आसान
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर बताया कि I4C को अब PMLA की धारा 66 के तहत शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अब I4C और ED के बीच सूचनाओं का साझा करना आसान होगा, जिससे मनी ट्रेल यानी पैसों के लेन-देन का पता लगाया जा सकेगा और साइबर फ्रॉड के मास्टरमाइंड्स तक पहुंच बनाई जा सकेगी।
यह भी पढ़ें: यह भी पढ़ें: बाढ़, भूकंप और तूफान से बचाएगा 'सचेत एप', जानिए 'मन की बात' में पीएम मोदी ने क्यों किया इसका जिक्र
तेजी से बढ़ते साइबर फ्रॉड मामलों के बीच सरकार का यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। आजकल ठग फर्जी वेबसाइट्स, नकली सोशल मीडिया पेज और सर्च इंजनों पर भ्रामक विज्ञापनों के जरिए आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसके अलावा, वे मोबाइल या ईमेल पर ओटीपी (OTP) या वेब लिंक भेजकर लोगों को जाल में फंसा लेते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति लापरवाही से लिंक पर क्लिक करता है या ओटीपी शेयर करता है, उनका फोन या कंप्यूटर हैक हो जाता है।
ऐसे करें साइबर क्राइम की शिकायत
सरकार ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को कोई संदिग्ध वेबसाइट या ऑनलाइन ठगी का मामला दिखे, तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें या फिर 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।
Trending Videos
गृह मंत्रालय के तहत स्थापित I4C को देश में साइबर क्राइम पर काबू पाने के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और साइबर अपराध से निपटने की भारत की क्षमता को मजबूत करना है।
विज्ञापन
विज्ञापन
मनी ट्रेल का पता लगाना होगा आसान
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर बताया कि I4C को अब PMLA की धारा 66 के तहत शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अब I4C और ED के बीच सूचनाओं का साझा करना आसान होगा, जिससे मनी ट्रेल यानी पैसों के लेन-देन का पता लगाया जा सकेगा और साइबर फ्रॉड के मास्टरमाइंड्स तक पहुंच बनाई जा सकेगी।
यह भी पढ़ें: यह भी पढ़ें: बाढ़, भूकंप और तूफान से बचाएगा 'सचेत एप', जानिए 'मन की बात' में पीएम मोदी ने क्यों किया इसका जिक्र
तेजी से बढ़ते साइबर फ्रॉड मामलों के बीच सरकार का यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। आजकल ठग फर्जी वेबसाइट्स, नकली सोशल मीडिया पेज और सर्च इंजनों पर भ्रामक विज्ञापनों के जरिए आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसके अलावा, वे मोबाइल या ईमेल पर ओटीपी (OTP) या वेब लिंक भेजकर लोगों को जाल में फंसा लेते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति लापरवाही से लिंक पर क्लिक करता है या ओटीपी शेयर करता है, उनका फोन या कंप्यूटर हैक हो जाता है।
ऐसे करें साइबर क्राइम की शिकायत
सरकार ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को कोई संदिग्ध वेबसाइट या ऑनलाइन ठगी का मामला दिखे, तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें या फिर 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।