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AI को लेकर IT कंपनियों का बड़ा दांव: TCS, Infosys, Wipro और Tech Mahindra ने बदली रणनीति
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Sun, 29 Jun 2025 07:10 PM IST
सार
भारत की प्रमुख IT कंपनियां अब खुद को AI-नेचुरल कंपनियों के रूप में पेश कर रही हैं। TCS, Infosys, Wipro और Tech Mahindra ने अपने FY25 विजन में स्पष्ट किया कि वे अब डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से आगे बढ़कर AI-ड्रिवन इंटीग्रेशन पर ध्यान दे रही हैं।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- फोटो : AI
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विस्तार
भारत की शीर्ष IT कंपनियों ने भविष्य की दिशा तय कर ली है। अब उनका फोकस केवल डिजिटल सर्विसेस देने तक सीमित नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपने बिजनेस मॉडल के हर हिस्से में एकीकृत करने पर केंद्रित है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS), इन्फोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपने वार्षिक FY25 रिपोर्ट्स में यह रणनीतिक बदलाव स्पष्ट किया है।
TCS ने अपने विजन को ‘The Perpetually Adaptive Enterprise’ नाम दिया है, जिसमें "एआई फर्स्ट एपरोच" को कंपनी की दिशा बताया गया है। Infosys की थीम है "एआई योर इंटरप्राइज", जबकि Wipro अपने मिशन को "Helping Clients Build AI-Powered Future-Ready Businesses" के रूप में परिभाषित कर रहा है। Tech Mahindra ने इसे सीधा और स्पष्ट रूप से "AI डिलिवर्ड राइट" बताया है।
अब ये कंपनियां बुनियादी रिसर्च के मुकाबले, एआई के व्यावसायिक इंटीग्रेशन और हाई-मार्जिन एप्लिकेशन पर फोकस कर रही हैं। इनमें से कोई भी कंपनी खुद का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) बनाने की रेस में नहीं है, बल्कि Microsoft, Google, AWS और Nvidia जैसे दिग्गजों के साथ गहरे साझेदारी कर रही हैं ताकि लेटेस्ट मॉडल्स और इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
यह भी पढ़ें: एआई की जंग में Meta ने OpenAI के तीन सीनियर एक्सपर्ट्स को किया हायर, सैम ऑल्टमैन ने लगाए गंभीर आरोप
TCS और Infosys जैसे कंपनियों ने AI अपस्किलिंग को भी प्राथमिकता दी है। TCS ने बताया कि उसके एक लाख से अधिक कर्मचारी अब AI, ML और जनरेटिव AI में "हायर ऑर्डर स्किल्स" हासिल कर चुके हैं। वहीं Infosys का कहना है कि उसके 2.7 लाख कर्मचारी अब "AI-Aware" हो चुके हैं। विप्रो और टेक महिंद्रा भी इसी दिशा में कार्यरत हैं।
Infosys के चेयरमैन नंदन निलेकणी का मानना है कि AI की संभावनाएं और अनिश्चितताएं दोनों कंपनियों के सामने एक नई चुनौती प्रस्तुत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब किसी भी एंटरप्राइज़ के लिए लेगेसी सिस्टम्स को मॉडर्नाइज करना और डेटा आर्किटेक्चर को AI-रेडी बनाना ज़रूरी हो गया है। उन्होंने AI फाउंड्री और AI फैक्ट्री जैसी अवधारणाओं को भी जरूरी बताया।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने AI की ताकत को समझाते हुए कहा कि "AI एक प्रतिभाशाली बालक है जो लाइब्रेरी में पला-बढ़ा है। इसकी बुद्धि का सही इस्तेमाल करके व्यवसायों के लिए जबरदस्त मूल्य पैदा किया जा सकता है।"
यह भी पढ़ें: गूगल क्रोम में डिफॉल्ट भाषा कैसे बदलें, जानें स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
TCS एआई एक्सीलेंस सेंटर्स और AI लैब्स के माध्यम से को-इनोवेशन को बढ़ावा दे रहा है, वहीं Infosys अपने क्लाइंट्स के लिए कंट्रोल्ड इनोवेशन स्पेस तैयार कर रहा है। दूसरी ओर Wipro ने अपने ग्लोबल बिजनेस लाइन्स को फिर से संगठित किया है ताकि क्लाइंट्स की बदलती जरूरतों के अनुसार AI, क्लाउड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर केंद्रित समाधान दिए जा सकें।
TCS के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि जनरेटिव AI महज एक तकनीकी लहर नहीं बल्कि एक “सभ्यतागत बदलाव” है, जो हर इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा। कंपनी का विज़न है कि भविष्य में एक बड़ा AI एजेंट्स का पूल तैयार किया जाए, जो इंसानों के साथ मिलकर काम करें और एक ह्यूमन-AI मॉडल प्रस्तुत करें।
एक अनुमान के अनुसार, वैश्विक AI बाजार अगले दशक में 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। ऐसे में भारत की IT कंपनियां इस विशाल अवसर को हथियाने के लिए तैयार हैं। न सिर्फ AI बनाने के लिए, बल्कि इसे हर बिजनेस में बारीकी से शामिल करने के लिए।
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अब ये कंपनियां बुनियादी रिसर्च के मुकाबले, एआई के व्यावसायिक इंटीग्रेशन और हाई-मार्जिन एप्लिकेशन पर फोकस कर रही हैं। इनमें से कोई भी कंपनी खुद का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) बनाने की रेस में नहीं है, बल्कि Microsoft, Google, AWS और Nvidia जैसे दिग्गजों के साथ गहरे साझेदारी कर रही हैं ताकि लेटेस्ट मॉडल्स और इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
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Infosys के चेयरमैन नंदन निलेकणी का मानना है कि AI की संभावनाएं और अनिश्चितताएं दोनों कंपनियों के सामने एक नई चुनौती प्रस्तुत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब किसी भी एंटरप्राइज़ के लिए लेगेसी सिस्टम्स को मॉडर्नाइज करना और डेटा आर्किटेक्चर को AI-रेडी बनाना ज़रूरी हो गया है। उन्होंने AI फाउंड्री और AI फैक्ट्री जैसी अवधारणाओं को भी जरूरी बताया।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने AI की ताकत को समझाते हुए कहा कि "AI एक प्रतिभाशाली बालक है जो लाइब्रेरी में पला-बढ़ा है। इसकी बुद्धि का सही इस्तेमाल करके व्यवसायों के लिए जबरदस्त मूल्य पैदा किया जा सकता है।"
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TCS एआई एक्सीलेंस सेंटर्स और AI लैब्स के माध्यम से को-इनोवेशन को बढ़ावा दे रहा है, वहीं Infosys अपने क्लाइंट्स के लिए कंट्रोल्ड इनोवेशन स्पेस तैयार कर रहा है। दूसरी ओर Wipro ने अपने ग्लोबल बिजनेस लाइन्स को फिर से संगठित किया है ताकि क्लाइंट्स की बदलती जरूरतों के अनुसार AI, क्लाउड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर केंद्रित समाधान दिए जा सकें।
TCS के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि जनरेटिव AI महज एक तकनीकी लहर नहीं बल्कि एक “सभ्यतागत बदलाव” है, जो हर इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा। कंपनी का विज़न है कि भविष्य में एक बड़ा AI एजेंट्स का पूल तैयार किया जाए, जो इंसानों के साथ मिलकर काम करें और एक ह्यूमन-AI मॉडल प्रस्तुत करें।
एक अनुमान के अनुसार, वैश्विक AI बाजार अगले दशक में 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। ऐसे में भारत की IT कंपनियां इस विशाल अवसर को हथियाने के लिए तैयार हैं। न सिर्फ AI बनाने के लिए, बल्कि इसे हर बिजनेस में बारीकी से शामिल करने के लिए।