Apple: एप स्टोर पर 'मनमानी' करना एपल को पड़ा भारी, इटली की प्रतिस्पर्धा नियामक ने लगाया करोड़ों का जुर्माना
इटली के प्रतिस्पर्धा नियामक AGCM ने एपल पर लगभग $115 मिलियन का भारी जुर्माना लगाया है। नियामक का आरोप है कि कंपनी ने मोबाइल एप मार्केट में अपनी दबदबे वाली स्थिति का दुरुपयोग करते हुए थर्ड-पार्टी डेवलपर्स पर अनुचित और अत्यधिक प्रतिबंध लगाए।
विस्तार
इटली के प्रतिस्पर्धा नियामक (कंपटीशन रेगुलेटर) ने अमेरिकी टेक दिग्गज एपल पर बड़ी कार्रवाई की है। कंपटीशन अथॉरिटी (AGCM) ने घोषणा की कि उसने एपल और उसके दो डिवीजनों पर 9.86 करोड़ यूरो (लगभग $115.53 मिलियन) का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई मोबाइल एप मार्केट में एपल के जरिए अपनी 'दबदबे वाली स्थिति' का दुरुपयोग करने के आरोप में की गई है।
क्या है पूरा मामला?
प्रतिस्पर्धा नियामक का आरोप है कि एपल ने यूरोपीय नियमों का उल्लंघन किया है। नियामक के अनुसार, एपल अपने एप स्टोर के जरिए थर्ड-पार्टी डेवलपर्स के साथ व्यवहार में 'पूर्ण प्रभुत्व' रखता है और इसका गलत फायदा उठाता है। नियामक ने मई 2023 में टेक एपल के खिलाफ जांच शुरू की थी। जांच में दावा किया गया कि कंपनी ने अप्रैल 2021 से थर्ड-पार्टी एप डेवलपर्स पर 'अधिक प्रतिबंधात्मक गोपनीयता नीति' थोपकर उन्हें दंडित किया है।
क्या है विवाद की जड़?
विवाद का मुख्य कारण एपल का एप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी (ATT) फीचर है। प्रतिस्पर्धा नियामक ने कहा कि एपल ने थर्ड-पार्टी डेवलपर्स के लिए डाटा कलेक्शन और विज्ञापन उद्देश्यों के लिए डाटा लिंक करने के लिए यूजर्स से 'विशिष्ट सहमति' लेना अनिवार्य कर दिया। यह सहमति एपल के जरिए थोपे गए एप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी स्क्रीन के माध्यम से लेनी होती है।
नियामक ने क्या कहा?
नियामक ने कहा कि, "एप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी नीति की शर्तें एकतरफा थोपी गई हैं। ये एपल के बिजनेस पार्टनर्स के हितों के लिए हानिकारक हैं और जैसा कि कंपनी दावा करती है, यह गोपनीयता के उद्देश्य को प्राप्त करने के अनुपात में भी नहीं हैं"। इसके अलावा, डेवलपर्स को एक ही उद्देश्य के लिए बार-बार सहमति अनुरोध भेजने के लिए मजबूर किया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
एपल ने क्या कहा?
एपल ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह इस निर्णय से 'असहमत' है। कंपनी का कहना है कि यह फैसला उन महत्वपूर्ण गोपनीयता सुरक्षा उपायों की अनदेखी करता है जो एप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी प्रॉम्प्ट के जरिए यूजर्स को दिए जाते हैं। एपल ने स्पष्ट किया कि एप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी इसलिए बनाया गया था ताकि यूजर्स को यह कंट्रोल करने का एक आसान तरीका मिल सके कि कंपनियां अन्य एप्स और वेबसाइटों पर उनकी गतिविधि को ट्रैक कर सकती हैं या नहीं। कंपनी ने यह भी कहा कि ये नियम एपल सहित सभी डेवलपर्स पर समान रूप से लागू होते हैं। एपल ने पुष्टि की है कि वह नियामक के इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी और अपनी 'मजबूत गोपनीयता सुरक्षा' का बचाव करने के लिए प्रतिबद्ध है।