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AI Warning: माइक्रोसॉफ्ट एआई के सीईओ मुस्तफा सुलेमान की कड़ी चेतावनी, कहा- सुपरइंटेलिजेंस मानवता के लिए खतरनाक

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: जागृति Updated Tue, 18 Nov 2025 05:55 PM IST
सार

AI Superintelligence: माइक्रोसॉफ्ट एआई के सीईओ ने सुपरइंटेलिजेंस को मानवता के लिए बहुत बड़ा जोखिम बताया। उन्होंने इसे ऐसा लक्ष्य बताया है जिसे हासिल करने से बचना चाहिए। जानिए क्या है पूरा मामला।

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Microsoft AI CEO Mustafa Suleiman issues  stern warning saying superintelligence dangerous  humanity
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : adobe stock
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माइक्रोसॉफ्ट एआई के सीईओ व दुनिया के शीर्ष एआई विचारकों में शामिल मुस्तफा सुलेमान ने सुपरइंटेलिजेंस की अवधारणा को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि सुपरइंटेलिजेंस मानवता के लिए एक जोखिमपूर्ण भविष्य तैयार कर सकता है, इसलिए यह एक एंटी गोल होना चाहिए। ऐसा लक्ष्य जिसे दुनिया को हासिल नहीं करना चाहिए। सिलिकॉन वैली गर्ल पॉडकॉस्ट में कहा कि ऐसी किसी चीज को काबू में रखना या उसे मानव मूल्यों से संरेखित करना चाहिए।

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एआई के प्रति एंटी गोल भी जरूरी
सुलेमान ने स्पष्ट किया कि सुपरइंटेलिजेंस भविष्य की सकारात्मक तस्वीर नहीं देता। उनके अनुसार यदि मशीनों को इतना स्वायत्त बना दिया गया कि वे बिना इंसानी दखल के निर्णय लेने लगें, तो ऐसी स्थिति पर नियंत्रण करना लगभग नामुमकिन होगा। इसलिए हमें ऐसा एआई नहीं बनाना चाहिए जो खुद के लक्ष्य तय करे और अपने आप ही विकसित होता रहे। यही हमारा एंटी-गोल होना चाहिए। 

एजीआई और सुपरइंटेलिजेंस में अंतर

सुलेमान ने माना कि आमतौर पर एजीआई (आर्टिफिसियल जर्नल इंटेलिजेंस) व सुपरइंटेलिजेंस शब्द इंटरचेंजेबली उपयोग होते हैं, लेकिन एजीआई से एक कदम पहले का चरण है। आसान शब्दों में आप एजीआई को सुरपइंटेलिजेंस से पहले का स्टेप मान सकते हैं।

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मानव क्षमता के कार्यों को पार कर चुके एआई

जहां सुपरइंटेलिजेंस से खतरे हैं, वहीं सुलेमान ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ऐसा एआई बना रहा है, जो मानव मूल्यों के अनुरूप, मानव हितों से संरेखित और इंसानों की टीम का हिस्सा बने। सुलेमान ने गूगल डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हसाबिस की उस भविष्यवाणी को दोहराया कि अगले पांच वर्षों में एजीआई हासिल हो सकता है। उन्होंने बताया कि आज के एआई मॉडल पहले से ही कई कार्यों में मानव क्षमता को पार कर चुके हैं। जैसे की समरी लिखना, अनुवाद, रिसर्च, डॉक्युमेंटेशन, कविता व क्रिएटिव राइटिंग और अब यह मॉडल प्रोजेक्ट मैनेजर, मार्केटिंग प्रोफेशनल या एचआर मैनेजर जितने सक्षम बनने की ओर बढ़ रहे हैं।

सिर्फ सोचते ही रह जाएंगे लोग

सुलेमान के अनुसार, एआई दुनिया में बुद्धिमत्ता तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना रहा है। इससे अकल्पनीय प्रतिस्पर्धा पैदा होगी क्योंकि किसी भी आइडिया और उसकी वास्तविकता के बीच की दूरी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ सोचेंगे और नई कंपनियां, प्रोडेक्ट्स व कविताएं तुरंत अस्तित्व में आ जाएंगी।

 

इंसानों के साथ काम करें एआई, खिलाफ नहीं

सुलेमान ने इस बदलाव के बीच चेतावनी भी दी कि ऑटोनोमस (स्वायत्त) एजेंट्स (यानी की ऐसे एआई टूल्स जो खुद से निर्णय लें) के लिए सख्त नियम और सुरक्षा प्रणाली बनानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे सुरक्षा उपाय चाहिए जो सुनिश्चित करें कि एआई इंसानों के साथ काम करे न की उनके खिलाफ।

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