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NASA: चांद पर एस्टेरॉयड टकराने का डर, बचाने के लिए नासा कर सकता है न्यूक्लियर ब्लास्ट

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Mon, 29 Sep 2025 03:23 PM IST
सार

नासा और अन्य शोधकर्ताओं की नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि एस्टेरॉयड 2024 YR4 का चाँद से टकराने का जोखिम है। यह घटना दिसंबर 2032 में हो सकती है। हालांकि पृथ्वी पर टकराने की संभावना अब नहीं है। जानें कैसे होगा ये मिशन।

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Nasa can nuclear blast the asteroid that is going to hit moon
धरती की तरफ आ रही है तबाही? नासा ने जारी की चेतावनी - फोटो : Freepik
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अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक अनोखी और चौंकाने वाली योजना बनाई है। नासा 2024 YR4 नामक एस्टेरॉयड को रोकने के लिए न्यूक्लियर बम के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है। यह एस्टेरॉयड दिसंबर 2024 में खोजा गया था और शुरू में इसे पृथ्वी से टकराने वाला संभावित खतरा माना गया। हालांकि अब वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि पृथ्वी को फिलहाल खतरा नहीं है, लेकिन यह चांद पर टकरा सकता है।

चांद पर टकराने की संभावना

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                यदि 2024 YR4 चांद से टकराता है, तो लूनर इजेक्टा नामक घटना होगी। इस घटना में चांद की सतह की धूल और छोटे पत्थर अंतरिक्ष में फैल सकते हैं। ये सूक्ष्म कण न केवल अंतरिक्ष यान, बल्कि अंतरिक्ष सूट के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं।
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न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                शुरुआत में नासा ने सोचा कि डार्ट जैसी तकनीक से एस्टेरॉयड को अपनी राह से हटाया जाए। लेकिन एस्टेरॉयड का सटीक द्रव्यमान न पता होने के कारण यह विकल्प जोखिम भरा माना गया। अब नासा दो 100-किलो टन के न्यूक्लियर बम से एस्टेरॉयड को नष्ट करने पर विचार कर रहा है। ये बम हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों की तुलना में 5-8 गुना अधिक ताकतवर होंगे। पहले बम के असफल होने की स्थिति में दूसरा बम बैकअप के तौर पर इस्तेमाल होगा।

एस्टेरॉयड का आकार और प्रभाव

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                2024 YR4 का व्यास 53 से 67 मीटर के बीच है। विशेषज्ञों का कहना है कि 1 मेगाटन का एक बम भी इसे पूरी तरह नष्ट करने के लिए पर्याप्त होगा। हालांकि अब तक इंसानों ने अंतरिक्ष में किसी एस्टेरॉयड को नष्ट करने के लिए न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल नहीं किया है।

मिशन की खासियत

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                

                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                यह मिशन केवल चांद और पृथ्वी की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि भविष्य में किसी भी खतरनाक एस्टेरॉयड से बचाव की नई तकनीक विकसित करने में मददगार साबित हो सकता है। सफल होने पर यह अंतरिक्ष सुरक्षा और एस्टेरॉयड नियंत्रण में नए अध्याय की शुरुआत करेगा।
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