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OpenAI का खुलासा: हर हफ्ते 10 लाख लोग ChatGPT से करते हैं आत्महत्या जैसी बातें
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 29 Oct 2025 10:04 AM IST
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सार
ChatGPT Suicidal Chats: OpenAI की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि हर हफ्ते 10 लाख से ज्यादा यूजर्स ChatGPT से आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दों पर बात करते हैं। कंपनी ने मेंटल हेल्थ सपोर्ट सुधारने के लिए नए सुरक्षा फीचर्स और एक्सपर्ट्स की मदद से बदलाव किए हैं।
चैटजीपीटी
- फोटो : AI
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विस्तार
OpenAI ने अपनी नई रिपोर्ट में एक गंभीर और चौंकाने वाला खुलासा किया है। कंपनी के अनुसार, हर हफ्ते करीब 10 लाख से ज्यादा लोग ChatGPT का इस्तेमाल आत्महत्या और अन्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातों पर चर्चा करने के लिए करते हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब सिर्फ जानकारी देने का माध्यम नहीं रहा, बल्कि मानसिक रूप से परेशान लोगों के लिए भावनात्मक सहारे का जरिया बनता जा रहा है।
OpenAI ने बताया कि ChatGPT के करीब 80 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स में से 0.15% ऐसे हैं, जो बातचीत के दौरान आत्महत्या करने की योजना या इरादे जाहिर करते हैं। इसके अलावा, समान प्रतिशत के यूजर्स चैटबॉट से भावनात्मक लगाव दिखाते हैं, जबकि कुछ में साइकोसिस या मेनिया जैसे मानसिक लक्षण भी नजर आते हैं।
मेंटल हेल्थ सपोर्ट के लिए नई पहल
OpenAI ने बताया कि उसने 170 से अधिक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर ChatGPT की क्षमताओं को संवेदनशील स्थितियों के लिए बेहतर बनाया है। कंपनी के अनुसार, उसका नवीनतम मॉडल GPT-5 अब 91% मामलों में सही और संवेदनशील प्रतिक्रिया देने में सक्षम है, जबकि पहले यह आंकड़ा 77% था।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब दुनियाभर में AI और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चाएं बढ़ रही हैं। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि चैटबॉट कभी-कभी यूजर्स के भ्रमित विचारों को और गहरा कर सकते हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ सकती है।
OpenAI ने बताया कि ChatGPT के करीब 80 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स में से 0.15% ऐसे हैं, जो बातचीत के दौरान आत्महत्या करने की योजना या इरादे जाहिर करते हैं। इसके अलावा, समान प्रतिशत के यूजर्स चैटबॉट से भावनात्मक लगाव दिखाते हैं, जबकि कुछ में साइकोसिस या मेनिया जैसे मानसिक लक्षण भी नजर आते हैं।
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मेंटल हेल्थ सपोर्ट के लिए नई पहल
OpenAI ने बताया कि उसने 170 से अधिक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर ChatGPT की क्षमताओं को संवेदनशील स्थितियों के लिए बेहतर बनाया है। कंपनी के अनुसार, उसका नवीनतम मॉडल GPT-5 अब 91% मामलों में सही और संवेदनशील प्रतिक्रिया देने में सक्षम है, जबकि पहले यह आंकड़ा 77% था।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब दुनियाभर में AI और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चाएं बढ़ रही हैं। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि चैटबॉट कभी-कभी यूजर्स के भ्रमित विचारों को और गहरा कर सकते हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ सकती है।
CHATGPT
- फोटो : अमर उजाला
OpenAI पर इस मुद्दे को लेकर एक मुकदमा भी चल रहा है। आरोप है कि एक 16 वर्षीय यूजर ने आत्महत्या से पहले ChatGPT से अपनी आत्मघाती सोच साझा की थी। इसके बाद कैलिफोर्निया और डेलावेयर के अटॉर्नी जनरल्स ने कंपनी को नाबालिग यूजर्स के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा और निगरानी के नए सिस्टम
OpenAI ने बताया कि वह एक एज डिटेक्शन सिस्टम विकसित कर रही है, जो यह पहचान सकेगा कि कोई यूजर नाबालिग है या नहीं। इसके साथ ही कंपनी ने भावनात्मक निर्भरता और नॉन सुसाइडल मामलों की निगरानी के लिए नए बेंचमार्क्स भी जोड़े हैं।
क्या AI बन सकता है भरोसेमंद साथी?
इन आंकड़ों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इंसानों की संवेदनशील मानसिक स्थितियों को संभालने के लिए AI चैटबॉट्स पर भरोसा किया जा सकता है? OpenAI का मानना है कि उसके नए कदम सुधार की दिशा में हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेक्नोलॉजी कभी भी मानवीय सहानुभूति और प्रोफेशनल काउंसलिंग की जगह नहीं ले सकती है।
सुरक्षा और निगरानी के नए सिस्टम
OpenAI ने बताया कि वह एक एज डिटेक्शन सिस्टम विकसित कर रही है, जो यह पहचान सकेगा कि कोई यूजर नाबालिग है या नहीं। इसके साथ ही कंपनी ने भावनात्मक निर्भरता और नॉन सुसाइडल मामलों की निगरानी के लिए नए बेंचमार्क्स भी जोड़े हैं।
क्या AI बन सकता है भरोसेमंद साथी?
इन आंकड़ों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इंसानों की संवेदनशील मानसिक स्थितियों को संभालने के लिए AI चैटबॉट्स पर भरोसा किया जा सकता है? OpenAI का मानना है कि उसके नए कदम सुधार की दिशा में हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेक्नोलॉजी कभी भी मानवीय सहानुभूति और प्रोफेशनल काउंसलिंग की जगह नहीं ले सकती है।