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SIM SWAP: तीन मिस्ड कॉल और अकाउंट से निकल गए 50 लाख रुपये, विस्तार से समझें क्या है सिम स्वैपिंग?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Thu, 26 Oct 2023 03:11 PM IST
सार

फ्रॉड का यह ताजा मामला देश की राजधानी नई दिल्ली का है जहां एक महिला वकील के खाते से इसी तरीके से 50 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। यह पूरा मामला सिम कार्ड स्वैपिंग से जुड़ा है। 
 

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SIM Swap frauds new case from Delhi advocate receives 3 missed calls loses money from account
SIM Swap frauds - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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ना कॉल रिसीव किया, ना ही कोई एप डाउनलोड किया, ना किसी को ओटीपी बताया लेकिन बैंक अकाउंट से 50 लाख रुपये निकल गए। फ्रॉड का यह ताजा मामला देश की राजधानी नई दिल्ली का है जहां एक महिला वकील के खाते से इसी तरीके से 50 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। यह पूरा मामला सिम कार्ड स्वैपिंग से जुड़ा है। 

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पूरा मामला क्या है?

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के एक कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली 35 वर्षीय महिला के मोबाइल नंबर पर तीन मिस्ड कॉल आए। महिला ने मिस्ड कॉल वाले नंबर पर जब दूसरे नंबर से कॉल किया तो बताया गया कि यह कुरियर डिलीवरी वाले का नंबर है। महिला ने कुरियर वाले को सिर्फ अपने घर का एड्रेस बताया था। बाद उसके पास ट्रांजेक्शन के कई सारे मैसेज आए।

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फोन में मिली संदिग्ध ब्राउजिंग हिस्ट्री

शुरुआती जांच में महिला वकील के फोन के ब्राउजर में कई ऐसी चीजें सर्च की गई हैं जिसके बारे में महिला को कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा फोन पर यूपीआई से जुड़े कई सारे मैसेज, पिशिंग लिंक भी मिले हैं जिसके बारे में महिला को कुछ भी पता नहीं है। इस फ्रॉड के बाद महिला के पास एक शख्स का कॉल आया था जिसने खुद को IFSO ऑफिसर बताया था। शख्स ने महिला से बैंक स्टेटमेंट की मांग की थी, हालांकि महिला ने उसे कोई जानकारी नहीं दी। फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। आइए समझते हैं सिम स्वैपिंग के बारे में...
 

क्या है सिम स्वैपिंग?

सिम स्वैप का सीधा मतलब सिम कार्ड को बदल देना यानी उसी नंबर से दूसरा सिम निकलवा लेना है। सिम स्वैपिंग में आपके मोबाइल नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है। ऐसे में ठग के पास आपके मोबाइल नंबर से सिम चालू हो जाता है और इसी का फायदा उठाकर वह आपके नंबर पर ओटीपी मंगाता है और फिर आपके खाते से पैसे उड़ा लेता है। सिम स्वैपिंग के लिए अलग-अलग तरह के मीडिया, सोशल मीडिया के जरिए पहले तो आप पर नजर रखी जाती है और आपकी जानकारियां जुटाई जाती हैं। कई बार आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आती है और जानकारी ली जाती हैं।

ऐसे होती है सिम स्वैपिंग की शुरुआत

सिम कार्ड स्वैपिंग के लिए लोगों के पास ये ठग फोन करते हैं और दावा करते हैं कि वे आपके सिम कार्ड की कंपनी जैसे एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया या जियो के ऑफिस से बोल रहे हैं। ये ठग लोगों से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और कॉल ड्रॉप को ठीक करने का दावा करते हैं। इसी बातचीत के दौरान ये आपसे 20 अंकों का सिम नंबर और आईएमईआई नंबर मांगते हैं। जैसे ही आप नंबर बताते हैं तो वे आपसे 1 दबाने के लिए कहते हैं। 1 दबाने के साथ ही नया सिम कार्ड जारी करने का ऑथेंटिकेशन पूरा हो जाता है और फिर आपके फोन से नेटवर्क गायब हो जाता है। कई बार इस तरह की ठगी के लिए रिमोट कंट्रोल वाले एप और पिशिंग अटैक का तरीका भी अपनाया जाता है।

सिम स्वैपिंग से बचने का तरीका क्या है?

सिम स्वैपिंग से बचने का कोई सटीक तरीका तो नहीं है लेकिन सोशल मीडिया पर आपको अपनी निजी जानकारी शेयर करने से बचना होगा। इसके अलावा किसी भी नंबर से आए अनजान वेब लिंक पर क्लिक करने और एप को इंस्टॉल करने से बचें। किसी को अपने बैंक की जानकारी ना द सके। कई बार सिम स्वैपिंग में टेलीकॉम कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल होते हैं जिनका आप कुछ नहीं कर सकते। इसी तरह के एक मामले में वोडाफोन आइडिया पर जुर्माना भी लग चुका है।

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