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जानकारी: सिम स्वैपिंग स्कैम क्या है और इससे कैसे बचें, विस्तार से जानें

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Fri, 26 Jan 2024 05:21 PM IST
सार

सिम स्वैपिंग के जरिए ठगी के हजारों मामले मामले दिल्ली और मुंबई समेत कई राज्यों से सामने आए हैं जिनमें सिम स्वैपिंग करके लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ाए गए हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है सिम स्वैपिंग और क्या हैं इससे बचने के तरीके...

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What Is Sim Card Swapping And How To Be Safe All You Need To Know in Hindi
Sim Card Swap Fraud - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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सिम कार्ड स्वैपिंग आज देश में साइबर ठगी का सबसे बड़ा हथियार बन गया है। सिम स्वैपिंग के जरिए ठगी के हजारों मामले मामले दिल्ली और मुंबई समेत कई राज्यों से सामने आए हैं जिनमें सिम स्वैपिंग करके लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ाए गए हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है सिम स्वैपिंग और क्या हैं इससे बचने के तरीके...

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क्या है सिम स्वैपिंग?

सिम स्वैप का सीधा मतलब सिम कार्ड को बदल देना या उसी नंबर से दूसरा सिम निकलवा लेना है। सिम स्वैपिंग में आपके मोबाइल नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है। ऐसे में ठग के पास आपके मोबाइल नंबर से सिम चालू हो जाता है और इसी का फायदा उठाकर वह आपके नंबर पर ओटीपी मंगाता है और फिर आपके खाते से पैसे उड़ा लेता है।

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ऐसे होती है सिम स्वैपिंग की शुरुआत

सिम कार्ड स्वैपिंग के लिए लोगों के पास ये ठग फोन करते हैं और दावा करते हैं कि वे आपके सिम कार्ड की कंपनी के ऑफिस से बोल रहे हैं। ये ठग लोगों से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और कॉल ड्रॉप को ठीक करने का दावा करते हैं। इसी बातचीत के दौरान ये आपसे 20 अंकों का सिम नंबर मांगते हैं जो कि सिम कार्ड के पीछे लिखा होता है। जैसे ही आप नंबर बताते हैं तो वे आपसे 1 दबाने के लिए कहते हैं। 1 दबाने के साथ ही नया सिम कार्ड जारी करने का ऑथेंटिकेशन पूरा हो जाता है और फिर आपके फोन से नेटवर्क गायब हो जाता है।

ठग के फोन में आ जाता है नेटवर्क

जैसे ही आपके सिम का नेटवर्क गायब होता है वैसे ही ठग के पास आपके नंबर से मौजूद सिम कार्ड में नेटवर्क आ जाता है। ये ठग बड़े स्मार्ट होते हैं। ये पहले से ही लोगों पर नजर बनाए रखते हैं और इंटरनेट बैंकिंग की आईडी और पासवर्ड इनके पास पहले से ही होता है। ट्रांजेक्शन के लिए इन्हें सिर्फ ओटीपी की जरूरत होती है जिसे ये लोग सिम स्वैप करके पूरा कर लेते हैं।

सिम स्वैपिंग में ठगी होने पर क्या करें

मान लीजिए कि आपने पूरी तरह से एहतियात बरती है लेकिन किसी कारण से आपके साथ ऐसा हो जाता है तो आपको क्या करना चाहिए। किसी भी तरह के फ्रॉड होने पर सबसे पहले अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को कस्टमर केयर में फोन करके ब्लॉक कराएं और इसके बाद बैंक को इसकी लिखित सूचना दें। इसके अलावा गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था साइबर दोस्त को भी आप ट्विटर पर इसकी जानकारी दे सकते हैं। साथ ही आप https://cybercrime.gov.in/ पर भी जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं।

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