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Safe Browsing: आपको ढूंढने में हैकर्स के भी छूट जाएंगे पसीने, जानिए खुद को इंटरनेट से गायब करने के तरीके
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 16 Dec 2025 10:12 PM IST
सार
How To Be Anonymous On Internet: क्या आप भी सोचते हैं कि ब्राउजर हिस्ट्री डिलीट करने या इनकॉग्निटो मोड यूज करने से आप सेफ हैं? तो आप गलत हैं। इंटरनेट की दुनिया में असली पहचान छुपाने के लिए आपको स्मार्ट बनना होगा।
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Safe Browsing
- फोटो : AI
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विस्तार
ज्यादातर इंटरनेट यूजर्स को लगता है कि अगर उन्होंने अपनी सर्च हिस्ट्री डिलीट कर दी या 'प्राइवेट टैब' का इस्तेमाल कर लिया, तो उनकी जासूसी कोई नहीं कर सकता। लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। आपके डिवाइस का हर क्लिक, हर एप परमिशन और बैकग्राउंड एक्टिविटी मिलकर आपकी एक 'डिजिटल पहचान' बनाती है, जिसे कंपनियां और साइबर अपराधी आसानी से ट्रैक कर लेते हैं।
एक हालिया स्टडी (PMC) में भी यह बात सामने आई है कि केवल एक तरीका अपनाने से काम नहीं चलेगा। अगर आप वाकई अपनी प्राइवेसी बचाना चाहते हैं, तो आपको सुरक्षा की कई परतें बनानी होंगी।
1. Zero-Log VPN का इस्तेमाल करें
यह डिजिटल दुनिया में गायब होने की पहली सीढ़ी है। एक अच्छा वीपीएन (VPN) आपके असली आईपी एड्रेस (IP Address) को छिपा देता है और आपके इंटरनेट कनेक्शन को एन्क्रिप्ट कर देता है। ध्यान रहे, हमेशा जीरो-लॉग वाला वीपीएन चुनें। इसका मतलब है कि वह कंपनी आपकी एक्टिविटी का कोई रिकॉर्ड नहीं रखती। इसका फायदा यह है कि न तो वेबसाइट्स और न ही आपका इंटरनेट प्रोवाइडर देख पाएगा कि आप क्या कर रहे हैं।
2. नेटवर्क बदलकर करें इस्तेमाल
अपने सारे काम (बैंकिंग, सोशल मीडिया, सर्च) एक ही वाई-फाई या डिवाइस से करने की गलती न करें। इससे आपका एक पैटर्न बन जाता है जिसे ट्रेस करना आसान होता है। संवेदनशील कामों के लिए अलग नेटवर्क या मोबाइल डेटा का इस्तेमाल करें। अलग-अलग डिवाइस का उपयोग करके आप अपनी पहचान और एक्टिविटी के बीच की कड़ी को तोड़ सकते हैं।
3. ट्रैकर्स को करें ब्लॉक
वेबसाइट्स और एप्स कुकीज के जरिए आपकी जासूसी करते हैं। एक ही ईमेल आईडी और यूजरनेम हर जगह इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे आपकी प्रोफाइलिंग करना आसान हो जाता है। काम खत्म होने पर लॉग-आउट करें और प्राइवेट सर्च इंजन का इस्तेमाल करें।
4. एन्क्रिप्शन है आपका सुरक्षा कवच
अपने पर्सनल मैसेज और फाइल्स को हमेशा एन्क्रिप्टेड रखें। इसका मतलब है कि आपका डेटा एक ऐसे कोड में बदल जाता है जिसे बिना एन्क्रिप्शन-की के पढ़ा नहीं जा सकता। यह उपाय डेटा को हैकर्स से बचाने के लिए सबसे बेहतर है। अगर कोई हैकर आपका डेटा चुरा भी ले, तो एन्क्रिप्शन के वजह से वह उसे पढ़ नहीं पाएगा। अगर आप क्लाउड सर्विस यूज करते हैं तो ऑटोमैटिक सिंकिंग को बंद रखें ताकि आपकी हर पर्सनल जानकारी उसमें अपलोड होने से बचे।
5. डिजिटल आदतों में बदलाव लाएं
इंटरनेट पर प्राइवेसी को बनाना एक दिन का काम नहीं, बल्कि आपको इसे अपनी रूटीन में शामिल करना होगा। समय-समय पर अपने फोन से बेकार एप्स हटाएं और परमिशन चेक करें। सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा या परिवार की जानकारी साझा करने से बचें। छोटे-छोटे बदलाव और मजबूत पासवर्ड आपको लंबे समय तक सुरक्षित रखेंगे।
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1. Zero-Log VPN का इस्तेमाल करें
यह डिजिटल दुनिया में गायब होने की पहली सीढ़ी है। एक अच्छा वीपीएन (VPN) आपके असली आईपी एड्रेस (IP Address) को छिपा देता है और आपके इंटरनेट कनेक्शन को एन्क्रिप्ट कर देता है। ध्यान रहे, हमेशा जीरो-लॉग वाला वीपीएन चुनें। इसका मतलब है कि वह कंपनी आपकी एक्टिविटी का कोई रिकॉर्ड नहीं रखती। इसका फायदा यह है कि न तो वेबसाइट्स और न ही आपका इंटरनेट प्रोवाइडर देख पाएगा कि आप क्या कर रहे हैं।
2. नेटवर्क बदलकर करें इस्तेमाल
अपने सारे काम (बैंकिंग, सोशल मीडिया, सर्च) एक ही वाई-फाई या डिवाइस से करने की गलती न करें। इससे आपका एक पैटर्न बन जाता है जिसे ट्रेस करना आसान होता है। संवेदनशील कामों के लिए अलग नेटवर्क या मोबाइल डेटा का इस्तेमाल करें। अलग-अलग डिवाइस का उपयोग करके आप अपनी पहचान और एक्टिविटी के बीच की कड़ी को तोड़ सकते हैं।
3. ट्रैकर्स को करें ब्लॉक
वेबसाइट्स और एप्स कुकीज के जरिए आपकी जासूसी करते हैं। एक ही ईमेल आईडी और यूजरनेम हर जगह इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे आपकी प्रोफाइलिंग करना आसान हो जाता है। काम खत्म होने पर लॉग-आउट करें और प्राइवेट सर्च इंजन का इस्तेमाल करें।
4. एन्क्रिप्शन है आपका सुरक्षा कवच
अपने पर्सनल मैसेज और फाइल्स को हमेशा एन्क्रिप्टेड रखें। इसका मतलब है कि आपका डेटा एक ऐसे कोड में बदल जाता है जिसे बिना एन्क्रिप्शन-की के पढ़ा नहीं जा सकता। यह उपाय डेटा को हैकर्स से बचाने के लिए सबसे बेहतर है। अगर कोई हैकर आपका डेटा चुरा भी ले, तो एन्क्रिप्शन के वजह से वह उसे पढ़ नहीं पाएगा। अगर आप क्लाउड सर्विस यूज करते हैं तो ऑटोमैटिक सिंकिंग को बंद रखें ताकि आपकी हर पर्सनल जानकारी उसमें अपलोड होने से बचे।
5. डिजिटल आदतों में बदलाव लाएं
इंटरनेट पर प्राइवेसी को बनाना एक दिन का काम नहीं, बल्कि आपको इसे अपनी रूटीन में शामिल करना होगा। समय-समय पर अपने फोन से बेकार एप्स हटाएं और परमिशन चेक करें। सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा या परिवार की जानकारी साझा करने से बचें। छोटे-छोटे बदलाव और मजबूत पासवर्ड आपको लंबे समय तक सुरक्षित रखेंगे।