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Ayodhya News: हस्तकला शिल्पी राठौर बाबू भाई डीलिट की मानद उपाधि से अलंकृत
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अयोध्या। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने देश के प्रख्यात हस्तकला शिल्पी राठौर बाबूभाई मुझीभाई को डीलिट की मानद उपाधि से अलंकृत किया। स्मारिका, वार्षिक प्रतिवेदन और तीन पुस्तकों का विमोचन किया। विश्वविद्यालय के गोद लिए गांवों में हुई प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया।
30वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को गुजरात के तांगलिया हस्तकला के शिल्पी राठौर बाबूभाई मुझीभाई को उनकी गैर मौजूदगी में डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की गई। कुलसचिव विनय सिंह ने प्रशस्ति पत्र पढ़ते हुए बताया कि तांगलिया गुजरात की पारंपरिक हस्तकला है। इसमें कपड़े पर बुनाई के दौरान गांठ बनाई जाती है। इसके माध्यम से वस्त्र तैयार किए जाते हैं। इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है।
इस दौरान कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की स्मारिका व वार्षिक प्रतिवेदन के साथ विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. अनूप कुमार, प्रो. रामलखन सिंह, प्रो. नीलम पाठक, डॉ. पंकज व डॉ. मणिकांत त्रिपाठी की लिखित पुस्तकों का विमोचन किया। समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दयावती, मीरा पांडेय व सोनपति को सम्मानित करते हुए किट प्रदान की गई। प्राथमिक विद्यालय की छात्रा ईशु पांडेय को पर्यावरण पर उत्कृष्ट भाषण देने पर पुरस्कृत किया गया। गोद लिए गांवों में हुई कहानी लेखन, भाषण व चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता बच्चों अनवी, अक्षय बाबू व नैतिक यादव को भी पुरस्कृत किया गया।
अमेठी के सीडीओ सूरज पटेल की मौजूदगी में वहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पठन-पाठन व खेल सामग्री सौंपी गई। प्राइमरी स्कूल की शिक्षक पूजा सिंह को पुस्तकें भेंट की। 10 स्कूली बच्चों ने पर्यावरण विषय पर गीत व अभिनय की मनोहारी प्रस्तुति की। समारोह का शुभारंभ गुरूकुल से आए बटुकों के स्वास्तिवाचन से हुआ। दीक्षांत शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रही। समारोह से पहले कुलाधिपति ने एचपीवी टीकाकरण की शुरुआत की। इसके माध्यम से बालिकाओं में बढ़ रहे कैंसर की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। टीकाकरण में विश्वविद्यालय केंद्र की चिकित्सा प्रभारी डाॅ. दीप शिखा चौधरी व सीएमओ कार्यालय के कर्मियों ने सहयोग किया। इसके प्रबंधन में सीडीओ और जिलाधिकारी कार्यालय का सहयोग रहा।
विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का किया अवलोकन
समारोह के दौरान मुख्य परिसर में विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी लगाई गई। इसका कुलाधिपति, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्यमंत्री व कुलपति ने अवलोकन किया। इसमें फैशन डिजाइनिंग के विद्यार्थियों की ओर से तैयार की गई पोशाकें व कढ़ाई का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। प्रौढ़ व सतत प्रसार शिक्षा की छात्राओं व शिक्षिकाओं ने मिलेट्स के स्टाॅल पर बनने वाले विभिन्न व्यंजनों की प्रस्तुति की। पर्यावरण विज्ञान विभाग ने जिले के आसपास पाए जाने वाले पक्षियों व वन्य जीवों की फोटो प्रदर्शनी लगाने के साथ जिले में मौजूदा पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति का लाइव प्रसारण किया।

30वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को गुजरात के तांगलिया हस्तकला के शिल्पी राठौर बाबूभाई मुझीभाई को उनकी गैर मौजूदगी में डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की गई। कुलसचिव विनय सिंह ने प्रशस्ति पत्र पढ़ते हुए बताया कि तांगलिया गुजरात की पारंपरिक हस्तकला है। इसमें कपड़े पर बुनाई के दौरान गांठ बनाई जाती है। इसके माध्यम से वस्त्र तैयार किए जाते हैं। इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है।
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इस दौरान कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की स्मारिका व वार्षिक प्रतिवेदन के साथ विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो. अनूप कुमार, प्रो. रामलखन सिंह, प्रो. नीलम पाठक, डॉ. पंकज व डॉ. मणिकांत त्रिपाठी की लिखित पुस्तकों का विमोचन किया। समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दयावती, मीरा पांडेय व सोनपति को सम्मानित करते हुए किट प्रदान की गई। प्राथमिक विद्यालय की छात्रा ईशु पांडेय को पर्यावरण पर उत्कृष्ट भाषण देने पर पुरस्कृत किया गया। गोद लिए गांवों में हुई कहानी लेखन, भाषण व चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता बच्चों अनवी, अक्षय बाबू व नैतिक यादव को भी पुरस्कृत किया गया।
अमेठी के सीडीओ सूरज पटेल की मौजूदगी में वहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पठन-पाठन व खेल सामग्री सौंपी गई। प्राइमरी स्कूल की शिक्षक पूजा सिंह को पुस्तकें भेंट की। 10 स्कूली बच्चों ने पर्यावरण विषय पर गीत व अभिनय की मनोहारी प्रस्तुति की। समारोह का शुभारंभ गुरूकुल से आए बटुकों के स्वास्तिवाचन से हुआ। दीक्षांत शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रही। समारोह से पहले कुलाधिपति ने एचपीवी टीकाकरण की शुरुआत की। इसके माध्यम से बालिकाओं में बढ़ रहे कैंसर की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। टीकाकरण में विश्वविद्यालय केंद्र की चिकित्सा प्रभारी डाॅ. दीप शिखा चौधरी व सीएमओ कार्यालय के कर्मियों ने सहयोग किया। इसके प्रबंधन में सीडीओ और जिलाधिकारी कार्यालय का सहयोग रहा।
विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का किया अवलोकन
समारोह के दौरान मुख्य परिसर में विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी लगाई गई। इसका कुलाधिपति, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्यमंत्री व कुलपति ने अवलोकन किया। इसमें फैशन डिजाइनिंग के विद्यार्थियों की ओर से तैयार की गई पोशाकें व कढ़ाई का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। प्रौढ़ व सतत प्रसार शिक्षा की छात्राओं व शिक्षिकाओं ने मिलेट्स के स्टाॅल पर बनने वाले विभिन्न व्यंजनों की प्रस्तुति की। पर्यावरण विज्ञान विभाग ने जिले के आसपास पाए जाने वाले पक्षियों व वन्य जीवों की फोटो प्रदर्शनी लगाने के साथ जिले में मौजूदा पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति का लाइव प्रसारण किया।