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हिंदी केवल भाषा नहीं, हमारी संस्कृति और सभ्यता की आत्मा है : बृजमोहन
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Sun, 14 Sep 2025 09:59 PM IST
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22- हिंदी दिवस पर आयोजित गोष्ठी में पत्रिका का विमोचन करते अतिथि- संवाद
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अयोध्या। हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और सभ्यता की आत्मा है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम हिंदी को तकनीक, शिक्षा और रोजगार की भाषा बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। यह बातें महंत बृजमोहन दास ने कहीं। वह तुलसी स्मारक भवन में हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के संयोजन में हिंदी दिवस पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे 70 लोगों को सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि प्रशासनिक आयुक्त अयोध्या मंडल अजय कांत सैनी ने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य में हिंदी तेजी से अपनी पहचान बना रही है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर तकनीकी प्लेटफाॅर्म तक हिंदी का उपयोग बढ़ रहा है। युवाओं को चाहिए कि वह गर्व से हिंदी में लिखें-बोलें और इसे अपनी पहचान का हिस्सा बनाएं। विशिष्ट अतिथि शरद पाठक बाबा ने कहा कि हिंदी का विकास तभी संभव है जब हम बोलचाल से लेकर प्रशासनिक कामकाज तक इसे सहज बनाएं।
गोष्ठी के संयोजक संस्थान के महामंत्री डॉ. सम्राट अशोक मौर्य ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य केवल हिंदी का उत्सव मनाना नहीं बल्कि इसके व्यावहारिक विस्तार की राह तलाशना भी है। हिंदी को राष्ट्र भाषा घोषित किया जाना चाहिए। हिंदी को बढ़ावा देना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। गोष्ठी में भाजपा नेता विवेक मौर्य, विंध्यवासिनी शरण पांडेय, डॉ. एसपी द्विवेदी, महेंद्र त्रिपाठी, डॉ. एकता त्रिपाठी, रामकेर सिंह, दिनेश कुमार वत्स, राजकुमार मौर्य, आचार्य शशि मौर्य और अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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मुख्य अतिथि प्रशासनिक आयुक्त अयोध्या मंडल अजय कांत सैनी ने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य में हिंदी तेजी से अपनी पहचान बना रही है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर तकनीकी प्लेटफाॅर्म तक हिंदी का उपयोग बढ़ रहा है। युवाओं को चाहिए कि वह गर्व से हिंदी में लिखें-बोलें और इसे अपनी पहचान का हिस्सा बनाएं। विशिष्ट अतिथि शरद पाठक बाबा ने कहा कि हिंदी का विकास तभी संभव है जब हम बोलचाल से लेकर प्रशासनिक कामकाज तक इसे सहज बनाएं।
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गोष्ठी के संयोजक संस्थान के महामंत्री डॉ. सम्राट अशोक मौर्य ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य केवल हिंदी का उत्सव मनाना नहीं बल्कि इसके व्यावहारिक विस्तार की राह तलाशना भी है। हिंदी को राष्ट्र भाषा घोषित किया जाना चाहिए। हिंदी को बढ़ावा देना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। गोष्ठी में भाजपा नेता विवेक मौर्य, विंध्यवासिनी शरण पांडेय, डॉ. एसपी द्विवेदी, महेंद्र त्रिपाठी, डॉ. एकता त्रिपाठी, रामकेर सिंह, दिनेश कुमार वत्स, राजकुमार मौर्य, आचार्य शशि मौर्य और अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।