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Ayodhya News: नए सिरे से जीवंत हुई जगद्गुरु हर्याचार्य की विरासत
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Fri, 12 Sep 2025 10:37 PM IST
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19r- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिवादन करते जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य- सूचना विभाग
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अयोध्या। हरिधाम गोपाल पीठ के संस्थापक जगद्गुरु हर्याचार्य की पुण्यतिथि पर दो दिवसीय समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को रामचरित मानस पाठ से हुआ। शनिवार को उनकी पुण्यतिथि पर संत-धर्माचार्यों का जमावड़ा होगा। पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरिधाम गोपाल पीठ पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मंदिर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में संत-धर्माचार्यों ने उन्हें नमन किया।
बिंदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य ने कहा कि समाज को एकजुट करने के लिए विद्या अर्जित करने की महती आवश्यकता होती है। भटके हुए लोगों को जोड़ने का काम आचार्य ही करते रहे। जगद्गुरु हर्याचार्य उनमें से एक थे। अर्जुनदेवाचार्य कृपालु रामभूषण दास ने कहा कि राम दिनेशाचार्य में जगद्गुरु हर्याचार्य की छवि दिखती है। उन्होंने पूरे भारत में रामकथा का प्रसार किया। वह अयोध्या की संत परंपरा के गौरव थे। इस आयोजन से जगद्गुरु हर्याचार्य की विरासत नए सिरे से जीवंत हुई है। श्रीराम बल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने कहा कि जगद्गुरु हर्याचार्य का वक्तव्य आकर्षक होता था। शास्त्र के प्रतिकूल बोलने वालों के विरोध में वे सदा खड़े रहते थे और उसका प्रति उत्तर देते थे। वह रामानंदाचार्य की परंपरा के गौरव थे।
महामंडलेश्वर गिरीश दास ने कहा कि जगद्गुरु हर्याचार्य ने सदैव समाज को जोड़ने और संस्कृति को बचाने का कार्य किया। आज उनके विचार और भी प्रासंगिक है। उनकी विरासत को पूरे गौरव से रामदिनेशाचार्य आगे बढ़ा रहे हैं। महंत मनीष दास, महंत अर्पित दास ने भी पुष्पांजलि दी। संचालन रमेश दास शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में महंत जनार्दन दास, महंत छविराम दास, महंत शशिकांत दास, महंत आशुतोष दास, संत एमबी दास, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रोहित सिंह, अभिषेक मिश्र, अभय सिंह, व्यवसायी सलिल अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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बिंदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य ने कहा कि समाज को एकजुट करने के लिए विद्या अर्जित करने की महती आवश्यकता होती है। भटके हुए लोगों को जोड़ने का काम आचार्य ही करते रहे। जगद्गुरु हर्याचार्य उनमें से एक थे। अर्जुनदेवाचार्य कृपालु रामभूषण दास ने कहा कि राम दिनेशाचार्य में जगद्गुरु हर्याचार्य की छवि दिखती है। उन्होंने पूरे भारत में रामकथा का प्रसार किया। वह अयोध्या की संत परंपरा के गौरव थे। इस आयोजन से जगद्गुरु हर्याचार्य की विरासत नए सिरे से जीवंत हुई है। श्रीराम बल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने कहा कि जगद्गुरु हर्याचार्य का वक्तव्य आकर्षक होता था। शास्त्र के प्रतिकूल बोलने वालों के विरोध में वे सदा खड़े रहते थे और उसका प्रति उत्तर देते थे। वह रामानंदाचार्य की परंपरा के गौरव थे।
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महामंडलेश्वर गिरीश दास ने कहा कि जगद्गुरु हर्याचार्य ने सदैव समाज को जोड़ने और संस्कृति को बचाने का कार्य किया। आज उनके विचार और भी प्रासंगिक है। उनकी विरासत को पूरे गौरव से रामदिनेशाचार्य आगे बढ़ा रहे हैं। महंत मनीष दास, महंत अर्पित दास ने भी पुष्पांजलि दी। संचालन रमेश दास शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में महंत जनार्दन दास, महंत छविराम दास, महंत शशिकांत दास, महंत आशुतोष दास, संत एमबी दास, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रोहित सिंह, अभिषेक मिश्र, अभय सिंह, व्यवसायी सलिल अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।