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सनातनियों ने 500 साल तक अपनी आस्था के लिए संघर्ष किया : योगी
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Fri, 12 Sep 2025 10:44 PM IST
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अयोध्या। जगद्गुरु रामानंदाचार्य की परंपरा के गौरव जगद्गुरु हर्याचार्य की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीरामलला के दर्शन करने आए हैं। उन्होंने हमसे पूछा कि कितने वर्षों के बाद अयोध्या में राम मंदिर का फिर से निर्माण हो पाया है, तब हमने बताया कि 500 वर्ष लग गए हैं।
कहा कि 500 वर्षों तक कोई एक धर्म लगातार सम विषम परिस्थितियों में अपनी आस्था के लिए संघर्ष करे और अंततः प्राप्त करे। यह सनातन धर्मियों ने करके दिखाया है। संतों की साधना और संघर्ष का परिणाम अयोध्या में भव्य राम मंदिर के रूप में हम सबको देखने को मिल रहा है। आज उन सभी संतों की आत्मा को शांति का अनुभव हो रहा होगा। बोले कि गोरक्षपीठ में जगद्गुरु हर्याचार्य जी का सानिध्य मिलता था। उनमें विद्वता थी। मूल्यों, आदर्शों के प्रति वे गंभीर थे। पूरे भारत में उन्होंने सनातन धर्म की एकता के लिए काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म का सार यही है कि जिसने उपकार किया उसके प्रति आभार प्रकट करना। सनातन धर्मावलंबियों ने जीवन के रहस्यों को गहराई से समझा है। हमने स्वर्ग को तुच्छ माना और मोक्ष को सर्वोच्च लक्ष्य माना। इससे पहले मंदिर पहुंचने पर पुष्पवर्षा का सीएम का अभिनंदन किया गया। समारोह के संयोजक जगद्गुरु रामानंदाचार्य राम दिनेशाचार्य ने उन्हें गुलदस्ता व गदा भेंटकर अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने अयोध्या आंदोलन में संतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने जीवन, स्वास्थ्य और सुख की परवाह किए बिना सिर्फ एक ध्येय बनाया, रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। उन्हीं संतों की साधना और तप का परिणाम है कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है। उन्होंने परमहंस व सुग्रीव किला के महंत को याद करते हुए कहा कि उनकी एक मात्र इच्छा राम मंदिर का भव्य निर्माण था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर घर पर तिरंगा दिखना चाहिए। भारत-भारतीयता के प्रति सम्मान दिखना चाहिए। काशी, मथुरा, अयोध्या सभी स्थलों को आक्रांताओं ने अपवित्र किया था। हर घर में गो सेवा, गो पूजा, गायत्री पूजा होनी चाहिए, यह सनातनियों का संकल्प होना चाहिए। राम, कृष्ण, काशी विश्वनाथ, गंगा, सरयू हमारे प्रतीक हैं, इसलिए इनकी पूजा होनी चाहिए।
जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ को युगपुरुष बताते हुए कहा कि गोरक्षपीठ का मंदिर आंदोलन में अहम योगदान रहा है। मंदिर आंदोलन में संतों का योगदान अविस्मरणीय है। राम मंदिर का सपना संत समाज के त्याग, तप और संघर्ष से ही साकार हुआ है। सीएम योगी के नेतृत्व में सनातन के लिए जो अभियान चल रहा है उसमें संतों को अपनी भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिगंबर अखाड़ा के पीठाधीश्वर महंत सुरेश दास से भेंट कर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं देते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। दिगंबर अखाड़े पहुंचने पर मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रामलखन दास व व्यवस्थापक आशुतोष सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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कहा कि 500 वर्षों तक कोई एक धर्म लगातार सम विषम परिस्थितियों में अपनी आस्था के लिए संघर्ष करे और अंततः प्राप्त करे। यह सनातन धर्मियों ने करके दिखाया है। संतों की साधना और संघर्ष का परिणाम अयोध्या में भव्य राम मंदिर के रूप में हम सबको देखने को मिल रहा है। आज उन सभी संतों की आत्मा को शांति का अनुभव हो रहा होगा। बोले कि गोरक्षपीठ में जगद्गुरु हर्याचार्य जी का सानिध्य मिलता था। उनमें विद्वता थी। मूल्यों, आदर्शों के प्रति वे गंभीर थे। पूरे भारत में उन्होंने सनातन धर्म की एकता के लिए काम किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म का सार यही है कि जिसने उपकार किया उसके प्रति आभार प्रकट करना। सनातन धर्मावलंबियों ने जीवन के रहस्यों को गहराई से समझा है। हमने स्वर्ग को तुच्छ माना और मोक्ष को सर्वोच्च लक्ष्य माना। इससे पहले मंदिर पहुंचने पर पुष्पवर्षा का सीएम का अभिनंदन किया गया। समारोह के संयोजक जगद्गुरु रामानंदाचार्य राम दिनेशाचार्य ने उन्हें गुलदस्ता व गदा भेंटकर अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने अयोध्या आंदोलन में संतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने जीवन, स्वास्थ्य और सुख की परवाह किए बिना सिर्फ एक ध्येय बनाया, रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। उन्हीं संतों की साधना और तप का परिणाम है कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है। उन्होंने परमहंस व सुग्रीव किला के महंत को याद करते हुए कहा कि उनकी एक मात्र इच्छा राम मंदिर का भव्य निर्माण था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर घर पर तिरंगा दिखना चाहिए। भारत-भारतीयता के प्रति सम्मान दिखना चाहिए। काशी, मथुरा, अयोध्या सभी स्थलों को आक्रांताओं ने अपवित्र किया था। हर घर में गो सेवा, गो पूजा, गायत्री पूजा होनी चाहिए, यह सनातनियों का संकल्प होना चाहिए। राम, कृष्ण, काशी विश्वनाथ, गंगा, सरयू हमारे प्रतीक हैं, इसलिए इनकी पूजा होनी चाहिए।
जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ को युगपुरुष बताते हुए कहा कि गोरक्षपीठ का मंदिर आंदोलन में अहम योगदान रहा है। मंदिर आंदोलन में संतों का योगदान अविस्मरणीय है। राम मंदिर का सपना संत समाज के त्याग, तप और संघर्ष से ही साकार हुआ है। सीएम योगी के नेतृत्व में सनातन के लिए जो अभियान चल रहा है उसमें संतों को अपनी भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिगंबर अखाड़ा के पीठाधीश्वर महंत सुरेश दास से भेंट कर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं देते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। दिगंबर अखाड़े पहुंचने पर मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रामलखन दास व व्यवस्थापक आशुतोष सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।